23 अप्रैल को हर साल मनाया जाता है विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस…जानिए क्या है इस साल की थीम..?
23 अप्रैल का दिन बेहद खास है क्योंकि इस दिन विश्व पुस्तक दिवस मनाया जाता है. सोशल मीडिया के इस युग में भले ही किताब पढ़ने वालों की कमी आई हो, लेकिन किताबों का महत्व लगातार बना हुआ है क्योंकि किताबों में मिलने वाला ज्ञान गूगल से मिले ज्ञान से बहुत बेहतर होता है.आइए जानते हैं कि इस साल के विश्व पुस्तक दिवस की क्या थीम है?
23 अप्रैल को हर साल विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस मनाया जाता है. कहते हैं पुस्तकें इंसान की सबसे सच्ची मित्र होती हैं. सोशल मीडिया के इस दौर में पाठक और लेखकों की जगह बनी हुई है.
क्या है विश्व पुस्तक दिवस का उद्देश्य?
विश्व पुस्तक दिवस मनाए जाने का उद्देश्य किताबों के प्रति आम लोगों को जागरुक करना है. पुस्तकें लिखने और पढ़ने के महत्व को समझना है। ये दिन लेखकों और पाठकों को समर्पित है.
हर साल 23 अप्रैल को मनाए जाने वाला विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस न केवल पुस्तकों को लेकर जागरूकता फैलाने का कार्य करता है बल्कि कॉपीराइट की भूमिका बताते हुए इसके बारे में लोगों को जागरूक करने का कार्य करता है।
क्या है विश्व पुस्तक दिवस की इस साल की थीम?
विश्व पुस्तक दिवस हर साल किसी न किसी खास थीम पर आधारित होता है. इस साल की थीम है “स्वदेशी भाषाएं”. दरअसल हर देश में बहुत भाषाएं होती हैं और हर देश अपने यहां की भाषा को बढ़ावा दे.
साल 1922 में पहली बार विश्व पुस्तक दिवस की परिकल्पना विसेंट क्लेवेल एंड्रेस ने की इसके बाद पहली बार 7 अक्टूूबर को विश्व पुस्तक दिवस मनाया गया फिर साल 1995 में यूनेस्को ने विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस 23 अप्रैल को मनाए जाने की घोषणा की गई।
इस दिवस की शुरुआत का श्रेय विसेंट क्लेवेल को दिया जाता है, क्योंकि उनकी कल्पना के कारण ही आज पूरी दुनिया विश्व पुस्तक दिवस मना रही है।