पत्रकारों का कब बंद होगा उत्पीड़न? ख़बर से नाराज दबंगों ने पत्रकार की पत्नी के साथ की बदसलूकी और लूटपाट
रवीन्द्र शुक्ला, फतेहपुर ब्यूरो
फतेहपुर ज़िले के यमुना तटवर्ती इलाक़े में दबंगों की दंबगई बढ़ती जा रही है। चोर और लुटेरों के आगे पुलिस लाचार नज़र आ रही है. एक पत्रकार के घर में नहीं मिलने पर दंबगों ने उसकी पत्नी के साथ बदसलूकी और लूटपाट की.
पत्रकार की पत्नी के साथ लूटपाट
लूटपाट की ये घटना असोथर थाना क्षेत्र क़े गाँव बुधरामऊ की है. यहां पर एक अख़बार में काम करने वाले क्षेत्रीय पत्रकार मनोज शुक्ला ने एक़ ख़बर प्रकाशित की थी जिससे राम शरण पुत्र केदार प्रसाद, अभिषेक और अनुज पुत्र राम शरण नाराज हो गए थे, इन लोगों ने पत्रकार को धमकी दी थी.
मनोज ने इसकी लिखित शिकायत पुलिस से क़ी थी जिसके बाद आरोपियों की शिकायत और बढ़ गई. पत्रकार को सबक सिखाने के उद्देश्य से आरोपी उसके घर में दिन दहाड़े घुस गए लेकिन मनोज घर पर नहीं थे. पत्रकार को न पाकर आरोपियों ने उसकी बैंक आफ़ बड़ौदा से सम्बंधित बैंक सखी पत्नी संध्या देवी से बदसलूकी और मारपीट की.
इतना ही नहीं ग्रामीणों को देने क़े लिए बैंक से निकाल क़र लाई 30 हज़ार रुपये भी उससे छीन लिया। इतना ही नहीं जाते जाते अराजकतत्वो ने हाल में निर्मित घर क़ी दीवार क़ो भी लात मारकर ढहा दिया और खुले आम अवैध शस्त्र लहराते हुए चले गये।
पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल
बक़ौल संध्या देवी जब वह अपनी शिकायत लेकर असोथर थाने पहुँची तो अराजकतत्वो क़ा एक़ मददगार पहले से थाने में मौजूद था, उसके सामने थानाध्यक्ष नीरज यादव ने उसकी फ़रियाद न सुनकर उसे अपशब्द कहते हुए भगा दिया।
इन अराजकतत्वो द्वारा पहलें भी पत्रकार और उसकी पत्नी क़ो तरह-तरह से परेशान किया जाता रहा है, शिकायत करने के बाद भी संबंधित थाने की पुलिस ने क़ोई सुनवाई नहीं की।
बताया जाता है कि अराजकतत्वो क़े सत्ता पक्ष से जुड़े मददगार एसओ असोथर क़े काफ़ी ख़ास है, जिससे इनके सारे गुनाहों पर क्षेत्रीय पुलिस पर्दा डालती रहती है।
अब सवाल यह उठता है कि बुलडोज़र बाबा क़े राज़ में क़्या पत्रकार क़ी बैंक सखी क़े साथ हुईं इस घटना पर पुलिस क़ोई कार्रवाई करती है या नहीं। इस सन्दर्भ में जब असोथर थानाध्यक्ष नीरज यादव से फोन करके उनका पक्ष लेने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने बात नहीं की।
पत्रकारों का उत्पीड़न बंद हो- प्रेस क्लब
उधर फ़तेहपुर प्रेस क़्लब ने इस घटना क़ी कड़े शब्दों ने निन्दा की है. प्रेस क्लब ने शासन-प्रशासन से पत्रकारों और उनके परिजनों का उत्पीड़न करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. इस तरह की घटनाओं की तुरंत एफआईआर दर्ज़ करके तुरंत कार्रवाई करने की माँग क़ी है।