डिजिटल इंडिया के बढ़ते कदम: एक ही चार्जर से चार्ज होंगे मोबाइल और लैपटॉप, जानिए क्या है “वन नेशन, वन चार्जर पॉलिसी”?
प्रीती गुप्ता
आज के युग में सभी के लिए मोबाइल और लैपटॉप जीवन के प्रमुख हिस्सा बन गए हैं, लेकिन अलग-अलग डिवाइसेज की अलग-अलग चार्जर होने से, ट्रैवल करते वक्त हमें कई चार्जर अपने साथ लेकर चलना पड़ता है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि सरकार जल्द ही “वन नेशन, वन चार्जर” पॉलिसी लाएगी जिसके तहत एक ही चार्जर से सभी डिवाइसेस चार्ज होंगे.
क्या है वन नेशन, वन चार्जर पॉलिसी?
सरकार आम चार्जर नीति को लागू करने की योजना बना रही है। जिसे एक देश एक चार्जर रणनीति भी कहा जा रहा है।
इस नीति के अनुसार हमारे दैनिक जीवन में उपयोग किए जाने वाले सभी उपकरण जैसे स्मार्टफोन, लैपटॉप, टैबलेट के लिए एक कॉमन चार्जर होगा। ऐसे में आप एक ही चार्जर से अलग-अलग तरह के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज को चार्ज कर सकते हैं।
सरकार मोबाइल फोन और अन्य पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज के लिए यूनिवर्सल चार्जर के इस्तेमाल का पता लगाने के लिए विशेषज्ञ समितियों का गठन कर रही हैं। इसके बाद 2 महीने में पूरी रिपोर्ट आ जाने की भी उम्मीद है।
सरकार ने वन नेशन वन चार्जर पॉलिसी को लागू करने से पहले भारतीय मोबाइल इंडस्ट्री के सभी प्रमुख स्टेकहोल्डर्स के साथ बैठक की है।
यह उम्मीद जताई जा रही है कि 1 चार्जर पॉलिसी को पूरी तरह से स्वीकृति मिल जाएगी। इससे यूजर्स को बहुत ज्यादा फायदा होगा उन्हें तरह-तरह के चार्जर नहीं रखने पड़ेंगे।
मंहगे हो जाएंगे चार्जर्स?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कॉमन चार्जर पॉलिसी होने से ओरिजिनल डिवाइस मैन्युफैक्चर्स जो चार्जरस या चार्जिंग कोड्स प्रोवाइड कर आएंगे वह महंगे हो सकते हैं।
एक सर्वे के मुताबिक 10 में से 9 कस्टमर्स ने सरकार से अनुरोध किया है स्मार्टफोन और टेबलेट के लिए एक ही चार्जर होना चाहिए.
वन नेशन, वन चार्जर से कम होगा इलेक्ट्रॉनिक कचरा?
नेशन वन चार्जर की रणनीति का उद्देश्य मात्र सिर्फ यही है कि दुनिया से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस इससे होने वाले कचरे को खत्म करना है क्योंकि ई वेस्ट कचरे से निकलने वाला रसायन प्रकृति के लिए और हमारे जीवन के लिए सही नहीं है।
इस रणनीति से यूजर्स के साथ-साथ प्रकृति को भी फायदा मिलेगा और साथ ही पैसों की भी बचत होगी।