सप्ताह का साक्षात्कार: ‘आज के म्युजिक डॉयरेक्टर्स भजन गायकों को नहीं देते हैं मौका’: कुमार विशु
आपकी गीत-संगीत की यात्रा कब और कैसे शुरू हुई?
बचपन से संगीत में रुचि थी, लेकिन ऐसा कुछ सोचा नहीं था कि सिंगिंग में ही करियर बनाना है लेकिन विधि का विधान शायद यही था. दिल्ली विश्वविद्यालय से संगीत में एम.फिल किया फिर स्टेज शो में गाने का मौका मिला तो कुछ पहचान बनी. इस तरह से संगीत की जो यात्रा शुरू की थी, वो आज भी जारी है.
हर सिंगर की चाहत फिल्मों में गाने की रहती है, आपको ये मौका कब मिला ?
ये सच है कि फिल्मों में गाने की चाहत हर एक सिंगर की होती है. मेरी भी यही चाहत थी लेकिन जैसे जैसे मेरी पहचान भजन गायक के तौर पर बनती गई तो उसके बाद एक बड़ी म्युजिक कंपनी के साथ मेरा कॉन्ट्रैक्ट साइन हुआ लेकिन उन्होंने मुझसे ज्यादातर भजन ही गवाए. आजकल के म्युजिक डॉयरेक्टर भजन गायकों को फिल्मों में प्लेबैक सिंगिग का मौका नहीं देते तो मैंने भगवान कृष्ण, भगवान राम जैसे कई देवी देवताओं के संबधित भजन गाए. अब तक लगभग 200 से अधिक भक्ति गीत एल्बम गाएं हैं.
आपके कई भजन बहुत लोकप्रिय हुए हैं लेकिन आपका अपना कौन सा भजन सबसे ज्यादा फेवरिट है?
मैंने सारेगामा, टी सीरीज और कई अन्य म्युजिक कंपनियों के लिए रिकॉर्ड किए हैं. वैसे तो सारे ही भजन मुझे प्रिय हैं लेकिन ‘कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं’ सबसे अधिक पसंद है. मुझे भक्ति गीत और भजन,सुनना और गाना बहुत पसंद है.
इसके अलावा रामायण की चौपाइयां, खजाना मैया का, घर-घर में है रावण बैठा, उड़ जा हंस अकेला, कबीर अमृतवाणी, हनुमान कथा, कर्मों की है माया जैसे कई भक्ति गीत मुझे पसंद हैं.
आजकल कई सिंगिंग रियल्टी शोज़ आ गए हैं. आपको क्या लगता है कि इससे उभरते हुए सिंगर्स को बॉलीवुड में करियर बनाने में आसानी होती है?
सिंगिंग रियल्टी शोज़ से नए लोगों को मौका मिलता तो ज़रूर है लेकिन सब बॉलीवुड में सफल करियर नहीं बना पाते क्योंकि ये लोग शास्त्रीय संगीत की साधना करके नहीं आते. ये कम्प्युटर और तकनीकि आधारित आर्टिफिशियल म्युजिक के भरोसे रहते हैं. आज कल के संगीत में शोर-शराबा बहुत है, सुर लय और ताल बहुत कम. मैं रियल्टी शोज़ के खिलाफ नहीं हूं लेकिन उसमें बनावटीपन नहीं होना चाहिए
आपने गायन वाद्य प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना किस उद्देश्य से की है?
इसका उद्देश्य यही है कि नई पीढ़ी को गीत संगीत की शिक्षा दीक्षा दी जाए. उन्हें शास्त्रीय संगीत से परिचित कराया जाए. संगीत की साधना इतनी आसान नहीं होती फिर भी जो आज की पीढ़ी के बच्चे ये साधना करना चाहते हैं उनको हमारा संस्थान प्रशिक्षण देता है.
इस इंटरव्यु का वीडियो देखने के लिए क्लिक करें