बिहार के स्कूलों में लागू होगी “नो बैग डे पॉलिसी”..बच्चों की अब ऐसे होगी स्टडी..!!
ऐश्वर्या जौहरी
नई एजुकेशन पॉलिसी यानि एनईपी के तहत बिहार सरकार बच्चों को बड़ी राहत देने जा रही है. नौनिहालों के कंधों पर बढ़ते बस्ते के बोझ को कम किया जा रहा है. इसके लिए बिहार के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में “नो बैग डे पॉलिसी” लागू की जाएगी.
क्या है “नो बैग डे पॉलिसी”?
इस पॉलिसी के तहत बच्चे सप्ताह के एक दिन बिना बैग लिए स्कूल जाएंगे। इस दिन वे केवल अपना टिफिन बॉक्स लेकर स्कूल जाएँगे और बच्चों को बस्ते के बोझ से मुक्त किया जाएगा. बच्चों को खेल-खेल में सिखाया जाएगा.
यह एक नई पहल है ,जिसमें छात्र सप्ताह के एक दिन प्रैक्टिकल तरीके से अनेक गतिविधियों करके सीखेंगे। इस तरह यह पॉलिसी बच्चों के सृजनात्मक कौशल को विकसित करने में सहायक होगी।
नो बैग डे पॉलिसी लागू हो जाने से प्राथमिक स्तर से ही छात्रों की क्षमताओं को पहचाना जा सकेगा और उसी के अनुसार उन्हें भविष्य के लिए तैयार किया जाएगा।
साथ ही बच्चों की रुचि खेलकूद में भी बढ़ेगी और वे पारंपरिक तरीकों के साथ साथ आधुनिक तरीके से भी सीखेंगे। इस तरह से बच्चों का बचपन भी बना रहेगा और उनका बहुमुखी विकास भी हो सकेगा।
“नो बैग डे पॉलिसी” में कैसे होगी स्टडी?
इस योजना के तहत बच्चे के समग्र विकास की दिशा में ध्यान दिया जाएगा. नो बैग डे के दिन बच्चों को क्रिएटिव एक्टिविटीज कराई जाएंगी.
ये एक सराहनीय कदम है क्योंकि इससे बच्चे बैग के बोझ से दूर रहकर अपनी रूचि व क्षमता के अनुसार को करिकुलर एक्टिविटीज में भाग लेंगे जो उसके व्यक्तित्व के विकास को एक सकारात्मक दिशा प्रदान करेगा.
खेल-खेल में सीखेंगे बच्चे
अब बच्चों को खेल खेल में नए तरीकों से बहुत कुछ सीखने का अवसर मिल सकेगा , जो उन्हें पढ़ाई के अतिरिक्त व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करेगा। उन्हें आसपास के माहौल से जोड़कर विभिन्न प्रकार के खेल खिलाए जाएँगे ।
इस नीति को लागू किए जाने का उद्देश्य छात्रों को पढ़ाई के तनाव से मुक्त करके एक दिन सिर्फ खेल खेल में सीखने का अवसर प्रदान करना है जो उनके सीखने के कौशल पर एक सकारात्मक प्रभाव डालेगा ।
नैतिक मूल्यों का होगा विकास-
विभिन्न को करिकुलर एक्टिविटीज से बच्चे खेलकूद से जुड़ेंगे तो उनका शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास होगा। साथ ही शुरूआती स्तर पर ही छात्रों की छिपी प्रतिभा को पहचान कर उसे निखारा जा सकता है।
इन सभी गतिविधियों को कराए जाने का उद्देश्य बच्चों में परस्पर मिल जुल कर काम करना, सहयोग, एकता ,सौहार्द्र, मैत्रीभाव आदि नैतिक मूल्यों का विकास करना है।