मासूम कब होंगे महफूज: देश में 5 साल में 3.4 लाख बच्चे गायब, हर साल औसतन 63,339 बच्चे हो रहे हैं लापता
ऐश्वर्या जौहरी
देश के किसी न किसी हिस्से से लगभग हर दिन ये खबर आती है कि बच्चा चोरी गैंग एक्टिव है, कई बार ये अफवाह होती है तो कई बार इसमें सच्चाई होती है. आज की तारीख में मासूम बच्चे सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं।आए दिन कहीं न कहीं बच्चों के गायब होने की खबरेॆ देखने -सुनने में आती हैं।
डराते हैं NCRB के आंकड़े
NCRB यानि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने हाल ही में गायब बच्चों पर आंकड़े जारी किए है. इसके मुताबिक साल 2021 में सबसे ज्यादा गायब बच्चों के केस बढ़े हैं। पिछले 5 साल में 3 लाख से भी ज्यादा बच्चों की मिसिंग कम्पलैन्ट दर्ज की गई है। हैरानी की बात ये है कि इनमें से 75फीसदी बेटियों के गायब होने की घटनाएँ हैं।
आँकड़ों पर नजर डालें तो हर साल औसतन 63,339 बच्चे गायब हुए हैं। अब ये मामले बहुत बड़ी चिंता का विषय बन गया है । कैसे इन मासूमों का बचपन बचाया जाए। कोरोना महामारी के दौरान भी करीब 59,262 बच्चे लापता हुए हैं।
बच्चों के लिए सबसे असुरक्षित राज्य
मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, दिल्ली, राजस्थान ये ऐसे राज्य हैं जहाँ बच्चों के चोरी होने के मामले सबसे ज्यादा पाए गए हैं। ये सभी राज्य बच्चों के लिए खासतौर पर लड़कियों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक और असुरक्षित साबित हुए हैं।
बेटियों के गायब होने वाले आँकड़े
छत्तीसगढ में- 87.4%, पंजाब में-84.31%, उड़ीसा में- 84.86%, राजस्थान में-83.73%, पश्चिम बंगाल में-84.81%, हिमाचल प्रदेश में-81.25%, मध्यप्रदेश में-81.5%, बिहार में-84.53%. इन सभी राज्यों में 80% से भी अधिक लड़कियाँ लापता हुई हैं।
गायब हुए बच्चों के आँकड़े-
साल 2021 में 77,535, साल 2020 में 59,262, साल 2019 में 73,138, साल 2018 में 67,134 और साल 2017 में 63,349 बच्चे गायब हुए हैं. इन 5 सालों में कुल 3,40,418 बच्चे गायब हुए हैं. ये आंकड़े तो वे है जो दर्ज हुए हैं, इनमें से बहुत से केस तो रजिस्टर ही नहीं होते, अगर वे भी दर्ज होने लगें तो ये संख्या और अधिक बढ़ जाएगी.
शासन-प्रशासन पर गंभीर सवाल
बच्चे गायब हो रहे हैं या चोरी हो रहे हैं, क्या कोई गैंग है, इन सब सवालों का जवाब संबंधित राज्य की पुलिस को देना चाहिए. इतनी बड़ी संख्या में बच्चों का गायब होना अपने आप में बहुत बड़ी चिंता की बात है लेकिन शासन-प्रशासन लापरवाह बना हुआ है.
ऐसे में पूरे सिस्टम पर गंभीर सवाल उठना लाजिमी है. आखिर पुलिस मासूम बच्चों की सुरक्षा को कब गंभीरता से लेगी.
बच्चा चोरी होने की बढ़ी अफवाहें –
बच्चों के चोरी होने की घटनाएँ जहाँ चिंता का विषय है तो वहीं बीते इस माह में देशभर में बच्चा चोरी होने की अफवाहें भी बहुत बढ़ती देखी गई हैं। इन अफवाहों के कारण दो दर्जन से भी ज्यादा हिंसक घटनाएँ सामने आई हैं । जहाँ अफवाहों के आधार पर मारपीट के कई मामले देखे गए हैं।
उत्तर प्रदेश,बिहार,महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और ऐसे कई राज्य हैं जिनमें बच्चा चोरी होने की अफवाहों के चलते शक की बिना पर निर्दोष लोगों की पिटाई की गई और अभद्रता भी की गई। इन हिंसक घटनाओं को देखकर कई राज्यों की पुलिस से एडवायजरी जारी कर लोगों से कानून हाथ में न लेने की अपील की है।
इन दिनों यूपी में बच्चा चोरी होने की अफवाहें लगातार फैल रही हैं ।सबसे ज्यादा हिंसक घटनाएँ भी यहीं से सामने आ रही हैं।उत्तर प्रदेश में अब तक ऐसी अफवाहों के लगभग 30 मामले सामने आ चुके हैं ।
इन सभी मामलों में लोग मात्र बच्चा चोरी की अफवाहों के आधार पर बेगुनाहों के साथ मारपीट और अभद्रता कर रहे हैं। सहारनपुर के एक मामले में तो लोगों ने बच्चा चुराने के संदेह में एक युवक की गोली मारकर हत्या ही कर दी। इस मामले में दो आरोपी अब तक जेल भेजे जा चुके हैं।