देवी ब्रह्मचारिणी की नवरात्र के दूसरे दिन होती है आराधना…जानिए कैसे करें पूजा कि पूरी हो जाए मनोकामना ?
देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा नवरात्रि के दूसरे दिन की जाती है। देवी ब्रह्मचारिणी का स्वरूप ज्योर्तिमय है। ये मां दुर्गा की नौ शक्तियों में से दूसरी शक्ति हैं। तपश्चारिणी, अपर्णा और उमा इनके अन्य नाम हैं।
आरती कुमारी
देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा नवरात्रि के दूसरे दिन की जाती है। देवी ब्रह्मचारिणी का स्वरूप ज्योर्तिमय है। ये मां दुर्गा की नौ शक्तियों में से दूसरी शक्ति हैं। तपश्चारिणी, अपर्णा और उमा इनके अन्य नाम हैं।
ब्रह्मचारिणी का अर्थ- तप की चारिणी यानी तप का आचरण करने वाली। माता का यह रूप पूर्ण ज्योतिर्मय और अत्यंत भव्य है। देवी के दाएं हाथ में जप की माला है और बाएं हाथ में कमण्डल धारण किए हैं।
कैसे करें देवी ब्रह्मचारिणी की आराधना?
दधाना करपद्माभ्याम्, अक्षमालाकमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि, ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।
(अर्थात जिनके एक हाथ में अक्षमाला है और दूसरे हाथ में कमण्डल है, ऐसी उत्तम ब्रह्मचारिणीरूपा मां दुर्गा मुझ पर कृपा करें।)
ब्रह्मचारिणी मां का भोग
मां ब्रह्मचारिणी को चीनी का भोग लगाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से दीर्घायु का आशीष मिलता है। मां ब्रह्मचारिणी को दूध और दूध से बने व्यंजन जरूर अर्पित करें।
ब्रह्मचारिणी मां का शुभ रंग
यूं तो मां दुर्गा को लाल रंग सबसे ज्यादा प्रिय होता है लेकिन उनके स्वरूपों की बात करें तो हर देवी को एक विशेष रंग पसंद है। ब्रह्मचारिणी मां को पिला रंग बहुत प्रिय हैं। इसीलिए कहा जाता है कि नवरात्रि के दूसरे दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करना चाहिए।
माता ब्रह्मचारिणी के बारे में मान्यता
माता ब्रह्मचारिणी हिमालय और मैना की पुत्री हैं। इन्होंने देवर्षि नारद जी के कहने पर भगवान शंकर की ऐसी कठोर तपस्या की जिससे प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने इन्हें मनोवांछित अर्थात् मनचाहा वरदान दिया। जिसके फलस्वरूप यह देवी भगवान शिव की अर्धांगिनी बनी। यह देवी शांत स्वभाव की मानी जाती है।
जो व्यक्ति भक्ति भाव से दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करते हैं उन्हें सुख, आरोग्य की प्राप्ति होती है और वह प्रसन्न रहते है, और उन्हें किसी प्रकार का भय नहीं सताता है।
ऐसा कहा जाता है कि माता ब्रह्मचारिणी के पूजन से पढ़ने-लिखने में रूचि बढ़ती है। साथ ही स्मरण शक्ति भी बढ़ती है। जीवन की अज्ञानता मिटती है और ज्ञान का प्रकाश फैलता है।
(नवरात्र के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना से संबंधित ये वीडियो देखें)