उत्तराखंड के इस इलाके मेंं आया बर्फीला तूफान…10 पर्वातारोहियों की गई जान…बर्फ में कई लोग दबे….राहत-बचाव में चीता हेलीकॉप्टर लगे..!!
एजेंसियां
उत्तरकाशी. देश के पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में मंगलवार को एवलांच आया। उत्तरकाशी के द्रौपदी का डांडा नाम की जगह पर ये आपदा आई. यहां पर पर्वतारोहियों को ट्रेनिंग देने के लिए नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के 29 ट्रेनी गए थे. राहत और बचाव कार्य के लिए एयरफोर्स के 2 चीता हेलीकॉप्टर भी लगाए गए हैं. जानिए एवलांच क्या होता है?
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में भटवाड़ी में स्थित द्रौपदी के डांडा-2 पर्वत शिखर पर एवलांच (हिमस्खलन) आया जिसमें 10 पर्वातारोहियों की मौत हो गई. नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्राचार्य अमित बिष्ट ने बताया कि 10 शव दिखे हैं, जिनमें से 4 को बरामद कर लिया गया है. 8 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। 11 लोग अभी लापता हैं।
उन्होंने बताया कि 34 ट्रेनी पर्वतारोहियों और 7 ट्रेनर्स की एक टीम वापस आ रही थी तभी ये हादसा सुबह 9 बजे के आस-पास हुआ
राहत बचाव कार्य में लगे चीता हेलीकॉप्टर
द्रौपदी के डांडा-2 पर्वत शिखर समुद्र तल से 16 हजार फीट की उंचाई पर है. इतनी ऊंचाई पर राहत और बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही हैं. इसके लिए एयरफोर्स के 2 चीता हेलिकॉप्टर लगाए गए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात करके रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद मांगी है. उन्होंने बताया कि स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की टीम मौके पर पहुंच गई है।
क्या होता है एवलांच?
एवलांच यानि हिमस्खलन. ये अक्सर हिमालय के ऊंचे इलाकों में होता है. ये एक तरीके का बर्फीला तूफान होता है. जब ऊंची चोटियों पर ज्यादा बर्फ जम जाती है, तब ये तूफान खतरनाक रूप धारण कर लेते हैं.
ऐसे में बर्फ की मोटी परत जम जाती है. बहुत ज्यादा दबाव बढ़ने की वजह से ये परतें तेज बहाव के साथ नीचे की ओर बहने लगती हैं। इनके रास्ते में जो कुछ भी आता है उसे अपने साथ ले जाती हैं।
ऐसे ही बर्फीले तूफान में लोगों की जान चली जाती है. भारी बर्फबारी और जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग को एवलांच का कारण माना जाता है।