विजयादशमी पर संघ के कार्यक्रम में पहली बार एक महिला बनी मुख्य अतिथि..मोहन भागवत ने जनसंख्या के बारे में ये बड़ी बात कही..!!
ऐजेंसियां
नागपुर में हुए संघ के दशहरा समारोह में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस मौजूद रहे।
‘जनसंख्या नियंत्रण है बेहद ज़रूरी’
आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने अपने भाषण में जनसंख्या के मुद्दे पर जिक्र करते हुए कहा कि बढ़ती हुई आबादी पर रोक लगाना जरूरी है नहीं तो देश में धार्मिक असंतुलन बढ़ता जाएगा. इसलिए जनसंख्या की एक पॉलिसी बने और वह सब पर समान रूप से लागू हो।
धर्म आधारित जनसंख्या असंतुलन ऐसा विषय है, जिसकी उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए। जनसंख्या असंतुलन से भौगोलिक सीमाओं में परिवर्तन होता है। जन्म दर में अंतर और लालच या घुसपैठ की वजह से होने वाले धर्मांतरण भी बड़ी समस्या है जिसका समाधान निकालना होगा.
‘संघ के बड़े पदों पर आएंगी महिलाएं’
संघ के इस वार्षिक कार्यक्रम में हर बार कोई न कोई पुरुष मुख्य अतिथि होता है लेकिन इस साल पहली बार महिला मुख्य अतिथि के रूप में संतोष यादव रहीं जो दो बार माउंट एवरेस्ट फतेह कर चुकी हैं. इसके बाद से उम्मीद की जा रही है कि संघ के शीर्ष पदों पर महिलाएं आएंगी.
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आज के कार्यक्रम में कहा कि कोई भी राष्ट्र, कोई भी समाज बिना महिलाओं के सक्रिय सहयोग से आगे नहीं बढ़ सकता, इसलिए महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार और सम्मान मिलना चाहिए.
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में जल्द ही सर-कार्यवाह और सह-सरकार्यवाह पद की जिम्मेदारी महिलाओं को मिल सकती है। साल 2025 में संघ की स्थापना की 100 वर्ष पूरे हो जाएंगे. इस पर शताब्दी समारोह मनाया जाएगा जिसमें राष्ट्र सेविका समिति में शामिल महिलाओं को संघ में लाया जा सकता है। संघ के 97 साल के इतिहास में कोई महिला इस पद पर नहीं रही है।
संघ के कार्यक्रम में पहली बार मुख्य अतिथि बनी कोई महिला
संघ में महिलाओं को प्रमुख पदों पर नियुक्ति दी जाएगी. सूत्रों के मुताबिक इस पर संघ में सहमति बन चुकी है। इसी का असर है कि पहली बार नागपुर में संघ के दशहरा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पर्वातारोही संतोष यादव को बुलाया गया है.
संघ के सदस्य जब दशहरा कार्यक्रम के लिए संतोष यादव को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित करने के लिए गए तो वहां भी महिलाओं को लेकर संघ की सोच पर बात हुई थी। इसके बाद ही संघ इस फैसले पर पहुंचा.
संघ के जुड़े एक सीनियर स्वयं सेवक ने बताया कि संघ की स्थापना के 11 साल बाद यानि 1936 से ही संघ में महिलाएं महत्वपूर्म भूमिका निभा रही हैं।
महिलाओं के लिए बाल शाखा, तरुण शाखा और राष्ट्र सेविका समिति है। देशभर में राष्ट्र सेविका समिति की 3500 से अधिक शाखाएं हैं।