फिल्म वाले हिंदू देवी-देवताओं का कब तक करते रहेंगे अपमान…जानिए फिल्म ‘आदिपुरुष’ पर क्यों मचा घमासान ?
‘आदिपुरुष’ फिल्म का टीजर रिलीज हो गया है, जिसके बाद से लगातार इस फिल्म का विरोध हो रहा है. आदिपुरुष फिल्म में रावण के किरदार को मुस्लिम आंक्रांता खिलजी की तरह दिखाया गया है, इतना ही नहीं भगवान राम, सीता, हनुमान के चरित्रों के साथ भी खिलवाड़ किया गया है.
फिल्म पर बैन लगाने की मांग
आदिपुरुष का ट्रेलर रिलीज होने के बाद से ही सोशल मीडिया पर लोगों ने रावण बने सैफ अली ख़ान की तुलना मुस्लिम शासन अलाउद्दीन खिलजी से की. दरअसल इस फिल्म में उनका लुक खिलजी से मिलता-जुलता है.
रावण प्रकांड विद्वान था, धर्मशास्त्रों का ज्ञाता था, भगवान शिव का परमभक्त था ऐसे में उसे क्रूर मुस्लिम शासक की तरह लोगों को पसंद नहीं आया.
सोशल मीडिया पर लोगों ने राम, सीत, हनुमान के चरित्रों को गलत तरीके से दिखाए जाने को लेकर आलोचनाएं की और फिल्म की रिलीज को बैन करने की मांग की.
नेताओं ने भी दिखाई नाराजगी
एक तरफ जहां सोशल मीडिया पर लोग इस फिल्म के मेकर्स को खरी खोटी सुना रहे थे वहीं सियासी गलियारों में भी नेताओं ने इस फिल्म को लेकर नाराजगी व्यक्त की.
यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि फिल्मवाले हिंदुओं की भावनाओं का अपमान कब तक करते रहेंगे, एक बार फिर इस फिल्म के जरिए हिंदू समाज पर हमला किया गया है, वहीं मध्यप्रदेश के कानून मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इसका विरोध करते हुए कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी.
इसके बाद विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने भी कहा कि ये फिल्म हिंदू आस्था के खिलाफ बनाई गई है. अगर इस फिल्म को तुरंत बैन नहीं किया गया तो देशभर में प्रदर्शन किए जाएंगे.
विवाद की क्या है वजह?
“आदिपुरुष” फिल्म का टीजर रिलीज होने के साथ ही ये फिल्म विवादों में आ गई है। आइए जानते हैं कि मुख्य विवाद की वजह क्या है?
- विवाद की सबसे बड़ी वजह सैफ अली खान के रावण लुक को लेकर है। भगवान शिव के सबसे बड़े भक्त लंकापति रावण को आतंकी खिलजी के जैसे दिखाया गया है। माथे पर न ही तिलक है और न ही त्रिपुंड है।
- इसी के साथ हनुमान और वानर सेना के गलत तरीके से चित्रण किया गया है. भगवान हनुमान जी को चमड़ा पहने हुए दिखाया गया है जो कि पूरी तरह से तथ्यहीन और आधारहीन है.
- माता सीता के रूप में कीर्ति सेनन और मर्यादा पुरुषोत्तम राम के रूप में प्रभास के बीच जो सीन फिल्माए गए हैं वे भी अमर्यादित बताए जा रहे हैं.
- भगवान राम के लुक के साथ भी खिलवाड़ किया गया है. वे हमेशा ही खड़ाऊ पहनते थे लेकिन फिल्म में उन्हें चप्पल पहने दिखाया गया है. ये पूरी तरह से हिंदू धर्म के खिलाफ है।
- सिनेमैटिक लिबर्टी, क्रिएटिव फ्रीडम के नाम पर फिल्मों से जुड़े लोग हिंदुओं को आहत करते रहते हैं, उनकी ये क्रिएटिविटी किसी और धर्म पर लागू नहीं होती. ऐसे में सवाल उठता है कि हिंदू धर्म से जुड़े माइथोलॉजिकल कैरेक्टर्स के साथ खिलवाड़ कब तक होता रहेगा?