बैंक हुआ बंद: RBI ने इस बैंक का लाइसेंस किया रद्द…जानिए ग्राहक कैसे निकाल सकते हैं अपने पैसे?
रश्मिशंकर
देश की बैंकिंग व्यवस्था अत्यधिक मजबूत होनी चाहिए. आम लोग अपनी मेहनत की कमाई बैंको में रखते हैं लेकिन जब ये बैंक बंद होते हैं तो उनका भरोसा भी टूट जाता है. RBI यानि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक और को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। आइए जानते हैं कि ये बैंक क्यों बंद हुआ. ग्राहकों अपने पैसे कैसे निकाल सकते हैं ?
महाराष्ट्र के पुणे स्थित ‘दि सेवा विकास सहकारी बैंक’ का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. RBI के मुताबिक इस बैंक में पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं थीं।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने किया लाइसेंस रद्द
रिजर्व बैंक ने अपने एक ऑफिशियल स्टेटमेंट में कहा है कि बैंकिंग लाइसेंस कैंसिल होने के चलते 10 अक्टूबर से दि सेवा विकास सहकारी बैंक अपना कामकाज बंद कर रहा है।
सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार से बैंक को बंद करने के लिए एक लिक्विडेटर नियुक्त करने का आदेश जारी किया गया है।
बैंक बंद होने की क्या है मुख्य वजह ?
RBI के मुताबिक ये बैंक अपने ग्राहकों के पैसे लौटाने में सक्षम नहीं हैं क्योंकि उनके पास पर्याप्त फंड नहीं है और कमाई की संभावनाएं भी नहीं हैं इसलिए सेवा विकास को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द किया जाता है।
बैंक के ग्राहकों को कैसे मिलेगा पैसा ?
बैंक बंद होने से अब सवाल उठ रहे हैं कि ग्राहकों के जमा पैसे का क्या होगा, उनको अपना पैसा वापस कैसे मिलेगा.
इस पर आरबीआई ने कहा है कि सेवा विकास सहकारी बैंक में जिन ग्राहकों के पैसे जमा हैं, उन्हें पांच लाख रुपये तक के डिपॉजिट पर बीमा कवर का लाभ मिलेगा।
ग्राहकों को DICGC देगा पैसे
इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) की तरफ से बीमा मिलता है. DICGC भी रिजर्व बैंक की एक सब्सिडियरी है। ये को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है।
जिन लोगों का 5 लाख रुपये तक का फंड इस सहकारी बैंक में जमा है, उसे DICGC की तरफ से पूरा क्लेम मिलेगा। जिन ग्राहकों का पांच लाख रुपये से अधिक जमा है, उन्हें पूरी रकम नहीं मिल सकेगी. DICGC सिर्फ पांच लाख रुपये तक की रकम की भरपाई करेगा।
110 साल पुराना बैंक भी बंद !
इससे पहले RBI ने हाल ही में पुणे स्थित 110 साल पुराने रुपी सहकारी बैंक लिमिटेड का लाइसेंस कैंसिल किया था. ये बैंक अब पूरी तरह से बंद हो गया। आरबीआई ने इस बैंक का लाइसेंस भी वित्तीय हालात ठीक ना होने के कारण रद्द किया था। इस बैंक के ग्राहकों को 5 लाख तक का पैसा वापस मिल गया है.