दिल्ली यूनिवर्सिटी अपने शताब्दी समारोह में ला रहा है नई योजनाएं..”कंपीटेंस इनहेंसमेंट स्कीम’ के तहत दूसरी यूनीवर्सिटी के छात्र भी डीयू में करेंगे पढ़ाई
ये स्कीम नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत बनाई गई है, जिसे अगले साल यानि 2023 से लागू किया जाएगा। इस स्कीम के तहत अब दूसरे संस्थान और यूनिवर्सिटीज में पढ़ने वाले छात्र भी डीयू के कुछ कोर्सेस में पढ़ाई कर सकेंगे।
इस स्कीम के तहत ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन लेवल पर पर चलाए जा रहे कोर्सेस में से कुछ में एडमिशन लिया जा सकता है। इसके लिए दूसरी यूनिवर्सिटी, संस्थान या कहीं काम कर रहे लोग अप्लाई कर सकते हैं। इससे वे किसी खास विषय की पढ़ाई करके उस पर अपनी पकड़ और अधिक मजबूत कर सकते हैं। ये कंपीटेंस बढ़ाने वाली स्कीम है। इसके तहत दूसरे संस्थान के स्टूडेंट्स भी डीयू में पढ़ाई कर सकेंगे।
“‘कंपीटेंस इनहेंसमेंट स्कीम’ का उद्देश्य नई जानकारी के साथ एफिशियंसी बढ़ाना है। इसकी मदद से लोग नए स्किल और टेक्नोलॉजी सीखकर अपना बिजनेस बढ़ा सकेंगे। साथ ही मैनेजमेंट कोर्स से लोअर और मिडिल लेवल के कर्मचारियों की मैनेजमेंट स्किल में सुधार होगा. इस योजना के तहत मौजूद कोर्स में सीटों की संख्या उस कोर्स की कक्षा की कुल संख्या का अधिकतम 10% तक होगी। कोर्स में इन 10% सीटों का प्रावधान अलग से होगा। सीटों की उपलब्धता और मेरिट के आधार पर ही प्रवेश होगा” प्रोफेसर योगेश सिंह, कुलपति, दिल्ली विवि
कैसे होगा रजिस्ट्रेशन ?
किसी भी कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन मेरिट के बेस पर किया जाएगा। जो छात्र पहले से ही किसी दूसरे विश्वविद्यालय में पढ़ रहे हैं उन्हें वहां से एनओसी यानि नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेकर डीयू में रजिस्ट्रेशन के समय जमा कराना होगा। कुछ कोर्स के लिए उम्मीदवारों का रजिस्ट्रेशन केवल उसी सेमेस्टर के लिए मान्य होगा।
कोर्स पूरा न कर पाने पर क्या करना होगा?
जो स्टूडेंट्स किसी कोर्स को पास नहीं कर पाएंगे या पूरा करने में असफल रहते हैं, तो उन्हें उस कोर्स के लिए फिर से रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। एक छात्र को एक सेमेस्टर में अधिकतम दो कोर्स या आठ क्रेडिट के लिए ही रजिस्ट्रेशन करने की परमीशन होगी। इन छात्रों की परीक्षाएं और उत्तर पुस्तिका चेक करने का तरीका भी बाकी के रिगुलर स्टूडेंट्स की तरह ही होगा।