UPI 2.O: कई देश भारत के इस कदम के हुए मुरीद…जानिए अब बिना इंटरनेट के कैसे करें डिजिटल पेमेंट…!!
दीपा मिश्रा
देश में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम और भारतीय रिजर्व बैंक यानि आरबीआई ने साल 2016 में यूपीआई शुरू किया था. ये एक तरह का डिजिटल पेमेंट मैथड है। डिटिजल टेक्नॉल्जी के माध्यम से आज लगभग हर दिन 22 करोड़ रुपयों का ऑनलाइन ट्रांजेक्शन होता है।
कैसै काम करता है UPI?
आज के दौर में डिजिटल पेमेंट बहुत आम हो गया है. इसमें कुछ खरीदने के लिए हमे जेब में पैसे होने की भी जरूरत नहीं है डिजिटल पेमेंट के मध्यम से अपने फोन से ट्रांजेक्शन करके हम बहुत ही आसानी से कुछ ही समय में मन चाहा सामान खरीद सकते है
यूपीआई बिना किसी चार्ज के डायरेक्ट बैंक टू बैंक मनी ट्रांसफर करता है. इसके पास एनपीसीआई और बैंक की सिक्योरिटी है. ये आरबीआई के द्वारा मॉनिटर किया जाता हैं। ये पेमेंट करने का एक बेहद ही फास्ट, स्मार्ट और सिक्योर तरीका है.
UPI एक ऐसी इंडियन टेक्नोलॉजी जिसने पश्चिमी देशों को चौंकाया है। UPI पेमेंट को भारत ही नहीं विदेशों में भी अपनाया जा रहा है। भारत में हर दिन 22 करोड़ ऑनलाइन ट्रांजैक्शन होते हैं। ऑनलाइन पेमेंट UPI के चलते बहुत आसान हो गया है।
अब बिना इंटरनेट के UPI करें
अब तो UPI का नया वर्जन UPI 2.0 के माध्यम से सिर्फ एक मिसकॉल से भी ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। जिसमें लोगों को इंटरनेट की भी जरूरत नहीं पड़ती.
इसमें एक ऑफलाइन वॉलेट मिलता है जिसमें आप 2000 रुपए तक का रकम रख सकेंगे और एक बार में सिर्फ 200 रुपए तक का ट्रांजेक्शन कर सकेंगे।
आप दिन में जितना बार चाहे ये ट्रांजेक्शन कर सकते हैं लेकिन लिमिट यही रहेंगी। वहीं क्रेडिट कार्ड्स भी UPI से जुड़ रहा है जिससे फास्ट पेमेंट के साथ साथ क्रेडिट पॉइंट्स का भी लाभ भी मिलेगा।
विदेशों में भी पहुंच रहा है UPI
UPI अब विदेशों में भी अपनी पहुंच मजबूत बना रहा है. भूटान, सिंगापुर, मालदीव, ओमान, बहरीन और सऊदी अरब के लोग भी UPI का इस्तेमाल करना शुरु कर दिए हैं।
अगर किसी को अपने देश से दूसरे देश मनी ट्रांजेक्शन करना है तो वो स्विफ्ट गेटवे, पेपल, ओएफएक्स, वेस्टर्न यूनियन जैसे ऑनलाइन प्लेटफार्म का यूज करता हैं।
जिसमें अगर कोई 1600 रुपए का ट्रांजेक्शन करता है स्विफ्ट गेटवे से तो उसे लगभग 1000 रुपए चार्ज लगता इसके अलावा साल भर में 2 से 3% चार्ज अलग से लगता हैं। जबकि यूपीआइ से ये बिलकुल फ्री है।