यू.डी. मंगल
चुनाव आयोग ने हिमाचल और गुजरात इलेक्शन से संबंधित एग्जिट और ओपिनियन पोल पर रोक लगा दी गई है. इसके लिए आयोग ने नोटिफिकिशेन जारी किया है.
इलेक्शन कमीशन का नोटिफिकेशन
चुनाव आयोग ने नोटिफिकेशन में कहा है कि, “लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम,1951 की धारा 126A(L) उप-धारा (2) के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए अधिसूचना जारी करता है कि 12 नवंबर को सुबह 8 बजे और 5 दिसंबर को शाम 5.30 बजे के बीच की अवधि के दौरान एग्जिट पोल के प्रकाशन, प्रसारण या किसी भी तरह के प्रचार पर प्रतिबंध रहेगा.”
चुनाव अधिकारियों को सख्त दिशा-निर्देश
चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश और गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को इस नोटिफिकेशन का गंभीरता के साथ पालन करने का निर्देश दिया है. इसके लिए सभी संबंधित चुनाव अधिकारियों को सलाह दी गई है कि वे सभी समाचार ब्यूरो, मीडिया हाउस, रेडियो और टेलीविजन चैनलों को एडवाइजरी पर सूचित करें. उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई करना सुनिश्चित करें.
चुनावी सरगर्मियां तेज
हाल ही में यानि 12 नवंबर को हिमाचल प्रदेश में चुनाव हुए हैं वहीं अब 1 दिसंबर और 5 दिसंबर को गुजरात में दो चरणों में चुनाव होने वाले हैं. इसी के मद्देनजर चुनाव आयोग का ये फैसला बेहद महत्वपूर्ण हैं.
गुजरात की कुल 182 विधानसभा क्षेत्रों के लिए चुनाव दो चरणों में 1 दिसंबर और 5 दिसंबर को चुनाव होंगे। दोनों ही राज्यों में मतगणना 8 दिसंबर को होगी। गुजरात चुनाव में जीत के लिए बीजेपी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने अपना पूरा दम-खम लगा दिया है.
चुनाव विष्लेषकों के अनुसार एग्जिट पोल मतदाताओं के मन में बुलेट थ्योरी ऑफ मास मीडिया की तरह काम करता है. इस थ्योरी के मुताबिक समाचार पत्रों या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के द्वारा मतदाताओं को किसी एक विशेष पार्टी के पक्ष या विपक्ष में एक तरह से एजेंडा सेट किया जाता है.
इसकी वजह से वोटर के मन में एक तरह का ‘पीयर प्रेशर’ होता है. ऐसे में लोग अपने मन से नहीं बल्कि मीडिया में चल रहे एग्जिट या ओपिनियन पोल के मुताबिक वोट देता है.
इसलिए चुनाव में पारदर्शिता के लिए इस तरह के ओपिनियन या एग्जिट पोल पर रोक लगाना जरूरी होता है.