श्रद्धा मर्डर केस टेस्ट से तय होगी एक नई दिशा…जानिए DNA टेस्ट से कैसे होगा बड़ा खुलासा..!!
नई दिल्ली. दिल दहला देने वाले श्रद्धा मर्डर केस में दिल्ली पुलिस आरोपी की निशानदेही पर बरामद हड्डियों की डीएनए जांच करवा रही है. इसकी रिपोर्ट पर जांच की आगे की दिशा टिकी है.
क्या होता है DNA टेस्ट?
हर आपराधिक मामले की जांच होती है, जिस केस में DNA टेस्ट की जरूरत पड़ती है तो जांच एजेंसियां डीएनए सैंपल लेती है. रेप और मर्डर के केसेज में इसकी जांच की जाती है.
DNA टेस्ट के लिए सैंपल शरीर के किसी भी अंग से लिया जा सकता है. खून, थूक, पेशाब, मल, बाल, दांत, हड्डियां, और कोशिकाओं से लिया जा सकता है.
श्रद्धा मर्डर केस में मिली हड्डियों का होगी डीएनए टेस्ट
दरअसल श्रद्धा मर्डर केस में पुलिस को कुछ हड्डियां बरामद हुई हैं वहीं आफताब के घर से बाथरूम से भी खून के धब्बे मिले हैं इसलिए पुलिस इनकी डीएनए जांच करवा रही है ताकि सच सामने आ सके की जा रही है.
फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री (FSL) और सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री (CFSL) में DNA टेस्ट किया जाता है.
किसने की DNA की खोज?
डीएनए का फुल फॉर्म ऑक्सीराइबो न्यूक्लिक एसिड (Deoxyribo nucleic acid) होता है. साल 1869 में इसकी खोज फ्रेडरिक मिशर ने की थी लेकिन उससे पहले इसकी पहली संरचना की जानकारी 1953 में जेम्स वाटसन और फ्रांसिस क्रिक ने दी थी.
DNA हर इंसान और जीव-जंतुओं में पाया जाता है. हर व्यक्ति के शरीर में बहुत सी कोशिकाएं होती हैं जिसमें डीएनए होता है. इसके एनालिसिस से किसी भी के पैरेंट्स का पता लगाया जाता है.
कई अहम केस में डीएनए रिपोर्ट बनी अहम सबूत
डीएनए रिपोर्ट ने कई हाई प्रोफाइल केस में अहम भूमिका निभाई है. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के मामले में डीएनए रिपोर्ट ने जांच में सब कुछ साफ कर दिया था
रोहित शेखर ने दावा किया था कि एनडी तिवारी उनके बॉयोलाजिकल फादर हैं लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थे, इसलिए 2008 में कोर्ट में एक केस दायर किया.
कोर्ट ने एनडी तिवारी की डीएनए जांच के आदेश दिए थे इसके बाद साल 2012 में कोर्ट ने उनकी डीएनए रिपोर्ट के आधार पर एनडी तिवारी को ही रोहित का पिता करार दिया था. आखिरकार इस इस फैसले के बाद एनडी तिवारी को रोहित की मां उज्जवला से 88 साल की उम्र में शादी करनी पड़ी थी.