Election Analysis: गुजरात में BJP का प्रचंड राज, हिमाचल में कायम रहा रिवाज…जानिए लोकसभा चुनाव 2024 की तस्वीर कितनी हुई साफ..!!
अरुणेश कुमार द्विवेदी
लोकतंत्र जनता के लिए जनता के द्वारा किया जाने वाला शासन है. जनता अपने प्रतिनिधि को चुनाव के ज़रिए चुनती है. गुजरात की जनता ने कमाल कर दिया. गुजरात में पहली बार बीजेपी 156 सीटें जीतीं. इस प्रचंड जीता का अर्थ ये हुआ कि बीजेपी ने लगभग 52.50 फीसदी वोट हासिल किया तो इसके पीछे मोदी-शाह ने लगभग दो साल पहले रणनीति बना ली थी.
गुजरात में जीत बेहिसाब
गुजरात चुनाव से पहले पीएम मोदी और अमित शाह को इस बात का एहसास हो गया था कि तत्कालीन सरकार के खिलाफ जनता के मन में गुस्सा धीरे धीरे पनप रहा है, ये आने वाले चुनाव में बीजेपी को बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए मोदी-शाह की जोड़ी ने तत्कालीन सीएम विजय रूपाणी समेत लगभग पूरी कैबिनेट को ही बदल डाला. इसी का फायदा मिला. गुजरात के सीएम भूपेंद्र भाई पटेल लगभग 2 लाख से अधिक वोटों से जीतकर इतिहास रच दिया.
मोरबी हादसे का नहीं हुआ असर
गुजरात में जब मोरबी पुल हादसा हुआ तो बीजेपी को एहसास हो गया था कि इस हादसे का असर चुनाव में पार्टी के खिलाफ हो सकता है. इस पॉलिटिकल डैमेज को कंट्रोल करने के लिए के पीएम मोदी ने घटनास्थल का दौरा किया था. यहां तक कि वे घायलों से मिलने अस्पताल भी गए थे.
मोरबी हादसे के बाद बीजेपी ने यहां से अपने विधायक का टिकट काट दिया, इसकी जगह बीजेपी ने नदी में कूदकर लोगों की जान बचाने वाले कांतिलाल अमृतिया को टिकट दिया. इसका भी सकारात्मक असर वहां की जनता में हुआ. इसके बाद मोरबी की जनता का गुस्सा बीजेपी के प्रति काफी हद तक कम हो गया.
कांग्रेस को हिमाचल में मिली खुशी, तो गुजरात ने किया दुखी
देश की सबसे पुरानी पार्टी, देश में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली पार्टी कांग्रेस का हाल चुनाव दर चुनाव खराब होता जा रहा है. हलांकि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला है, क्योंकि उसको 40 सीटों पर जीत हासिल हुई. हिमाचल प्रदेश में हर 5 साल में सरकार बदलने का रिवाज कायम रहा.
कांग्रेस के लिए हिमाचल में जितनी खुशी मिली, उससे ज्यादा गुजरात ने ग़म दिया. भले ही कांग्रेस गुजरात में दूसरे नंबर पर हो, लेकिन उसे सिर्फ 17 सीटें मिलीं हैं, कांग्रेस की मजबूत मानी जानी वाली सीटों पर बीजेपी ने कब्जा किया तो कई सीटों पर आम आदमी पार्टी को कांग्रेस का परंपरागत वोट मिला.
‘आप’ के बढ़ते कदम
अरविंद केजरीवाल अब अपनी पार्टी आम आदमी पार्टी को नेशनल पार्टी का दर्जा दिलवाने में कामयाब हो रहे हैं. गुजरात में पहली बार चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी को 5 सीटों पर जीत मिली. पार्टी लगभग 12.9 फीसदी वोट पाकर तीसरे स्थान पर है. दिल्ली एमसीडी में भी पार्टी को अच्छी जीत मिली है.
भले ही पिछले साल हुए उत्तराखंड और अभी गुजरात में हुए चुनाव में पार्टी की जमानत ज़ब्त हो गई हो लेकिन उसकी दिल्ली और पंजाब में सरकार है. आने वाले साल में आप अपने आपको दूसरे राज्यों में होने वाले चुनावों के लिए तैयार कर रही है.
बीजेपी की जीत का मूलमंत्र
बीजेपी के बारे में कहा जाता है कि इस पार्टी के नेता और कार्यकर्ता 24*7 इलेक्शन मोड में रहती है. गुजरात में चुनाव जीतने के बाद पार्टी अब मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अगले साल होने वाले चुनाव के लिए जुट गई है.
लोकसभा का चुनाव हो या राज्यसभा का, बीजेपी के लिए जीत का सबसे बड़ा चेहरा मोदी ही हैं. गुजरात चुनाव जीतने के बाद पीएम ने कहा कि वे चाहते हैं कि जीत की ये गति और तेज गति से चलती रहे।
उन्होंने ट्विटर में लिखा कि गुजरात की जनता को धन्यवाद. उन्होंने सभी मेहनती कार्यकर्ता को कहा कि आप में से हर कोई कार्यकर्ता एक चैंपियन है..! यह ऐतिहासिक जीत हमारे कार्यकर्ताओं की असाधारण मेहनत के बिना संभव नहीं होगी, जो हमारी पार्टी की असली ताकत हैं।
पीएम के इस संदेश में ही बीजेपी की जीत का मूल-मंत्र छिपा है. बीजेपी संगठन के तौर पर जिला लेवल से लेकर बूथ लेवल तक जितनी मजबूतहोती जा रही है कांग्रेस उतनी ही कमजोर होती जा रही है. बीजेपी के संगठन को ज़मीनी स्तर पर बहुत मजबूत बनाने के लिए आरएसएस का सहयोग सबसे बड़ा आधार है.