सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स..इन गाइडलाइन्स का ध्यान रखना..नहीं तो देना होगा 10 से 50 लाख तक का जुर्माना
अनुज सिंह
सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर आजकल बहुत पॉपुलर हो रहे हैं. इंसान सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म जैसे इंस्टाग्राम, फेसबुक, टि्वटर, यूट्यूब आदि पर बहुत से सिलेब्रेटी हैं. हर कोई सोशल मीडिया के बड़े और लोकप्रिय चेहरों को फॉलो करना चाहता है|
क्या होते हैं सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स?
सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स ऐसे लोग होते हैं सोशल मीडिया की दुनिया में बहुत पॉपुलर होते हैं, उनके लाखों फॉलोअर्स होते हैं. इसी आकर्षण के चलते हैं सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर जो भी करता है लोग उसी को फॉलो करते हैं|
ऐसे में सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर किसी प्रोडक्ट, किसी गाड़ी या किसी भी सामान का प्रचार करते हैं, उन्हें अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए प्रमोट करते हैं तो उनके लाखों फॉलोअर्स उस प्रोडक्ट पर भरोसा करके खरीद लेते हैं.
सवालों में क्यों आए सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स?
कभी-कभी सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर ऐसे वेबसाइट को भी अपने स्टोरी के जरिए प्रमोट करते हैं जो लोगों के लिए हानिकारक होता हैं |
कभी-कभी ये लोग ऐसी वेबसाइट को प्रमोट करते हैं जिसमें वह बताते हैं इस वेबसाइट के उपयोग से आप बिना कुछ लगाए पैसे कमा सकते हैं जिसे आकर्षित होकर लोग वेबसाइट पर जाकर लॉगइन करते हैं या कुछ पैसे देकर एक ऐसे जाल में फंसते जाते हैं.
यहां से बाहर निकलना मुश्किल होता है और अंत में जाकर उन्हें एहसास होता है जहां वह पैसे लगा रहे हैं वह कैसे लगाता है डूबते जा रहे हैं वह एक ऐसे स्कैम में फंस गए हैं.
यहां से निकलना बहुत ही मुश्किल है कई बार लाखों रुपए इनफ्लुएंसर के कहे जाने के वजह से वेबसाइट पर लगा देते हैं | और जब फंस जाते हैं तब लोगों को ना तो इनफ्लुएंसर बचाते हैं ना ही पुलिस कुछ कर पाती है और उनके सारे पैसे डूब जाते हैं | इसलिए सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स पर सवाल उठते रहे हैं.
इसके अलावा कई बार किसी प्रोडक्ट के बारे में गलत जानकारी दी होती है जिसके बारे में इनफ्लुएंसर्स ज्यादा ध्यान नहीं देते. वे पैसों के लालच में किसी भी तरह के प्रोडक्ट का प्रमोशन करने लगते हैं. ऐसे में सरकार को गाइडलाइंस लानी पड़ी| इसी धोखाधड़ी को देखते हुए सरकार ने इनके लिए नई गाइडलाइन्स जारी की है |
गाइडलाइन्स में क्या है?
- केंद्र सरकार के उपभोक्ता मंत्रालय विभाग ने कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के तहत नई गाइडलाइन जारी की हैं। इसके मुताबिक, अब सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर उन्हीं प्रोडक्ट या उन्हीं वेबसाइट्स को प्रमोट कर सकते हैं जिनका वे पहले स्वयं प्रयोग करेंगे.
- प्रोडक्ट इंडोर्समेंट पेड है या अनपेड, इस बात की स्पष्ट जानकारी देनी होगी
- अगर कोई इन्फ्लुएंसर किसी कंपनी का विज्ञापन करता है। उसे बताना होगा कि ये एडवर्टीजमेंट है. साथ ही उसमें कोई गलत, अधूरी या भ्रामक जानकारी नहीं होनी चाहिए।
- इन्फ्लुएंसर्स अपने फॉलोअर्स पर किसी भी प्रोडक्ट को खरीदने को लेकर मनोवैज्ञानिक या किसी भी तरह का दबाव नहीं बना सकते और न ही अपना प्रभाव थोप सकते हैं.
- सरकार की नई गाइडलाइन लाइव स्ट्रीमिंग पर भी लागू होगी। इसमें भी सेलिब्रिटी या इन्फ्लुएंसर को प्रोडक्ट के बारे में सही जानकारी देनी होगी।
- यदि कोई इन गाइडलाइन का उल्लंघन करता है तो पहली बार उस पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा। वहीं, बार-बार उल्लघन करने पर 50 लाख रुपये तक का फाइन लगाया जा सकता है।
- इसके अलावा 6 वर्ष तक प्रोडक्ट के प्रचार करने पर भी रोक लगाई जा सकती है। मतलब 6 साल तक इनफ्लुएंसर कोई भी प्रोडक्ट को अपने सोशल मीडिया के जरिए प्रमोट नहीं कर पाएगा|
गाइडलाइंस से क्या होगा फायदा?
कंज्युमर मिनिस्ट्री के मुताबिक, सोशल मीडिया मार्केटिंग बड़े ब्रांड्स के बीच बहुत पॉपुलर है। अब लगभग सभी कंपनियां अपने लेटेस्ट प्रोडक्ट्स का प्रचार सोशल मीडिया पर करती हैं। 2025 तक भारत का इन्फ्लुएंसर मार्केट 2800 करोड़ रुपये का हो सकता है।
इन गाइडलाइन्स आने के बाद सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय हो सकेगी. वे किसी भी तरह के गलत प्रोडक्ट या गलत स्कीम को प्रमोट नहीं करेंगे जिससे लोगों को किसी भी तरह का नुकसान भी नहीं होगा. यही इन गाइडलाइंस का सबसे बड़ा फायदा है.