दिल्ली के पुराने क़िले में खुदाई हो रही है बहुत ज्यादा…इंद्रप्रस्थ और पांडवोंं से जुड़े इन ‘फैक्ट्स’ का होगा खुलासा
अनुज सिंह
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक वर्तमान दिल्ली को कभी इंद्रप्रस्थ के नाम से जाना जाता था जो पांडवों की राजधानी थी. पांडवों की राजधानी के अवशेष के लिए पुराने किले की खुदाई की जाती है. मौर्य काल से लेकर मुगल काल तक पुराने किले की खुदाई हुई. अब एक बार फिर खुदाई हो रही है.
पुराने क़िले के आसपास क्यों हो रही है खुदाई?
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग यानि ASI की टीम ने एक बार फिर खुदाई शुरू कर दी है। इससे पहले साल 2017-18 में पुराने किले की खुदाई की गई तो पांडवों की राजधानी के अवशेष तो नहीं मिले लेकिन मौर्य काल से जुड़े और मुगल काल से जुड़े कई सारे अवशेष मिले | इसमें चूड़ियां, सिक्के, पानी निकास के लिए नालियां समेत अन्य सामान था |
ASI आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार शेरशाह सूरी ने (1538-45 ) ने दिनपनाह नगर में तोड़फोड़ की, जिसे मुगल बादशाह हुमायूं ने बनवाया था | इसी जगह उन्होंने किला बनवाया जो बाद में चलकर पुराने किले के नाम से मशहूर हुआ | इस किले में 3 गेट है जो उत्तरी पश्चिमी और दक्षिणी दिशा की ओर खुलते हैं | अभी दक्षिणी गेट की ओर से एंट्री होती है | शेरशाह सूरी ने किले की निर्माण तो शुरू किया है लेकिन कंप्लीट नहीं करते हैं जो आगे चलकर बादशाह हुमायूं ने कंप्लीट करवाया |
पहले भी हुई है पुराने किले की खुदाई.
पांडवों की राजधानी की पता लगाने के लिए पुराने किले की पहले भी खुदाई हो चुकी है | सबसे पहले 1955 में दक्षिणी पूर्वी हिस्से की खुदाई की गई थी | इस खुदाई में चित्र वाले भूरे रंग के बर्तन मिले थे | इसके बाद 1969 में दोबारा खुदाई शुरू हुई तो लगभग 1973 तक चलती रही |
2014 में फिर से उसी हिस्से के आसपास खुदाई एएसआई ने की। इसमें भी चित्रित भूरे रंग के बर्तनों के कुछ टुकड़े मिले। कोई स्ट्रक्चर सामने नहीं आया। मगर, मौर्य, शुंग, कुषाण, गुप्त, राजपूत, सल्तनत और मुगल पीरिएड के अवशेष मिलते रहे। इसमें करीब 2 हजार साल पुराना मौर्यकालीन कुआं सामने आया। गुप्त काल के घरों की निशानी भी खुदाई में मिली।
तीन बार खुदाई होने के बावजूद इंद्रप्रस्थ के जुड़े कोई खास तथ्य नहीं मिले, अब देखना होगा कि पांडवों की राजधानी इंद्रप्रस्थ से जुड़े अवशेष इस बार हो रही खुदाई से मिलते हैं या नहीं?