संविधान हर धर्म को देता है बराबर का सम्मान…फिर क्यों होता है हिंदू धर्म का अपमान..?
नवेंदु शेखर झा
रामचरितमानस के अपमान का मामला थमा नहीं था कि कर्नाटक के एक लेखक ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का अपमान फिर से कर दिया है । उन्होंने मर्यादाओं की सभी सीमाओं को लांघते हुए सार्वजनिक रूप से यह बयान दिया है कि अयोध्या पति । उन्होंने साथ ही सनातन धर्म के विषय में भी कई तरह की बातें की । दुर्भाग्य से इस व्यक्ति का नाम “केएस भगवान” है.
कौन करता है अपमान?
तकलीफ इस बात की ज्यादा होती है, कि अपमान करने वालों में दूसरे धर्म के अलावा सनातन धर्म के ही लोग होते हैं । इसकी शुरुवात मुगलों ने की थी जिन्होंने हिन्दुओं के हज़ारों मंदिरों को तोड़ा था और कई धर्म ग्रंथो को जलाया था । औरंगजेब जैसे कई क्रूर शासक ने तो दरिंदगी की सभी हदों को पार करते हुए बेवजह लाखों हिन्दुओं को मौत के घाट उतार दिया था । और हाल में भी अनेकों ऐसे मामले आए हैं जो कि शर्मिंदगी से भरी है । देश में संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति हिन्दुत्व का अपमान करते हैं तो कट्टर धर्म विरोधी कन्हैयालाल जैसे बेगुनाह की हत्या बेवजह कर देते हैं ।
मर्यादा पुरुषोत्तम राम पर अमर्यादित टिप्पणी
कर्नाटक के एक लेखक “केएस भगवान” ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम पर अमर्यादित टिप्पणी की। उन्होंने मर्यादाओं की सभी सीमाओं को लांघते हुए सार्वजनिक रूप से यह बयान दिया है कि अयोध्या पति श्रीराम अपनी पत्नी “सीता” जी के साथ शराब पीते थे।
वहीं बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने हिंदुओं के सबसे पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस का अपमान सार्वजनिक रूप से किया । उन्होंने वोट बैंक की राजनीति करने के लिए बिना संपूर्ण अर्थ समझे रामचरितमानस के एक श्लोक की तुलना आज के जाति व्यवस्था से कर दी ।
पूरे देश में इसके खिलाफ नाराजगी दिखी । कई जगह हिंदू समाज ने शांति प्रदर्शन भी किया लेकिन इसका प्रभाव ना बिहार के बेलगाम मंत्री पर पड़ा और ना ही उनकी पार्टी “राष्ट्रीय जनता दल” पर पड़ी । अब तक बिहार के शिक्षा मंत्री ने अपने इस बयान के लिए माफी नहीं मांगी ।
देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की बड़ी राजनीतिक पार्टी समाजवादी पार्टी के नेता “स्वामी प्रसाद मौर्य” ने “रामचरितमानस” को बकवास बताया । ऐसा पहली बार नहीं हुआ है । हमारे देश में हिंदुत्व को निशाना हर दिन, हर महीना , हर समय बनाया जाता है और इसका फायदा उठाने के चक्कर में कई लोग खामोश रहते हैं और चुपचाप धर्म का अपमान होते देखते हैं और पर्दे के पीछे से अपनी भूमिका अदा करते हैं ।
उदार हिंदू धर्म का अपमान…बाकि धर्मों पर नहीं खुलती ज़ुबान?
हिंदू धर्म उदार है जिसकी उदारता को कुछ कायर लोग कमजोरी मान लेते हैं. ये देश का दुर्भाग्य है कि सबसे अधिक हिंदूओं की जनसंख्या वाले देश में हिंदुओं की भावनाएं बार-बार आहत की जाती हैं.
वहीं बाकी मजहब और धर्मों के खिलाफ बोलने की हिम्मत इन तथाकथित बुद्धिजीवियों में नहीं है. अगर “इस्लाम धर्म” के बारे में कोई एक शब्द कह दे तो “सर तन से जुदा” होने का नारा देशभर में लगने लगता है ।
गुरुद्वारे में अगर कोई गैरकानूनी रूप से प्रवेश कर जाता है तो “बेअदबी” का मामला भी तुरंत सामने आ जाता है । “क्रिश्चियनिटी” की अपमान करने की हिम्मत कभी कोई नहीं करता.
जाकिर नाइक हिंदुओं के खिलाफ उगलता है ज़हर
“जाकिर नाइक” स्वघोषित मुस्लिम स्कॉलर हिंदुओं का, हिन्दुओं के पूजनीय देवी देवताओं और हिंदू धर्म ग्रंथों का लगातार अपमान करते हैं तब उसके प्रभाव में आकर देश के तथाकथित सेक्युलर लोग हिंदुत्व पर ही सवाल खड़ा करने लगते हैं ।
धर्म के आधार पर जिस देश में 10 लाख कश्मीरी पंडितों को कश्मीर से “काफ़िर” की संज्ञा देकर भगा दिया जाता है और लाखों कश्मीरी पंडितों का नरसंहार कर दिया जाता है , लेकिन फिर भी पूरा देश चुप रहता है।
हिंदुस्तान में तो लोग गुजरात दंगे की बात करते हैं , लेकिन उसी दंगे से पहले लगभग 60 बेकसूर साधुओं को सिर्फ इसलिए जला दिया जाता है क्योंकि वह सनातन धर्म के हैं ।और लोग तब भी कुछ नहीं कहते हैं । देश के कट्टरपंथियों के साथ-साथ विश्व के भी कई लेखकों ने हिंदुओं के धर्म ग्रंथ की अपमान की है , परन्तु हिंदुत्व एक ऐसा सहिष्णु धर्म है जिसने कभी इन कट्टरपंथियों को खत्म करने की कोशिश नहीं की ।
बॉलीवुड भी हिंदूओं को करता है आहत
कहने को तो सिनेमा को समाज का दर्पण कहा जाता है लेकिन इस दर्पण में हिंदू धर्म के माखौल और मजाक का चेहरा दिखता है। हिंदी की सबसे बड़ी फिल्म इंडस्ट्री बॉलीवुड हमेशा अपनी कुछ फिल्मों या वेबसीरीज के माध्यम से हिंदुओं की भावनाएं आहत करता रहता है.
आमिर खान ने अपनी फिल्म ‘पीके’ के जरिए हिंदू देवी-देवताओं का खूब मजाक उड़ाया था वहीं हाल में ही शाहरुख खान की “पठान” भी कई सवालों के घेरे में रही । फिल्म में भगवा रंग का तुलना बेशर्म रंग से किया गया । देशभर में कड़ी विरोध झेलने के बाद फिल्म के गाने में परिवर्तन किया गया । इससे पहले हिंदुओं के अपमान करने के लिए आमिर खान की फिल्म “लाल सिंह चड्ढा” का बहिष्कार बड़े स्तर पर किया गया और फिल्म पूरी तरह से फ्लॉप रही।
ब्रह्मास्त्र, शमशेरा सहित कई और भी फिल्में है जिनके जरिए लोगों की भावना आहत करने की कोशिश लगातार की जाती है । बॉलीवुड के साथ-साथ कुछ बुद्धिजीवी, कुछ कट्टरपंथी और कुछ टुकड़े टुकड़े गैंग के लोग लगातार हिंदुओं का अपमान करते हैं। हिंदुत्व की सहिष्णुता का फायदा उठाते हैं और ऐसा आज से नहीं बल्कि पिछले कई वर्षों से हो रहा है ।
हिंदुस्तान में हजारों मौलवी और मौलाना ऐसे हैं जो देश के मुसलमानों को हिंदुओं के खिलाफ झूठ बोलकर भड़काते हैं । लेकिन हिंदुस्तान में ही बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र शास्त्री के विद्या पर कई तरह के सवाल उठाकर उन्हें कटघरे में खड़ा करते हैं और बड़ा मुद्दा बनाते हैं ।
हिंदू धर्म एक, अर्थ अनेक
हिंदुत्व एक ऐसा धर्म है जो हमेशा शांति की बात करता है । जो सदैव इंसानियत और मानवता की बात करता है । जो विश्व के हर धर्म और संप्रदाय का सम्मान करता है । हिंदुत्व प्राणियों में सद्भावना और विश्व के कल्याण की बात करता है।
हिंदू धर्म “सर्वे भवंतु सुखिनः , सर्वे संतु निरामया, सर्वे भद्राणि पश्यंतु, मां कश्चित् दुख भाग भवेत्” की बात करता है और हिंदुत्व ही “वसुधैव कुटुंबकम” की बातें करता है । जिस हिंदुत्व के दम पर हिंदुस्तान कभी विश्व गुरु हुआ करता था आज उसी हिंदुत्व पर बार-बार लांछन लगाकर हिंदुस्तान को कमजोर किया जा रहा है।
‘अपमान’ का कब निकलेगा समाधान..?
हिन्दुओं को बार बार अपमानित करने से एक दिन समस्या विकराल रुप धारण कर लेगी। इसलिए अगर समय रहते इसका कोई समाधान नहीं निकाला गया तो आने वाले समय में इसका परिणाम बेहद ही घातक हो सकता है। इसलिए सरकार को कोई सख्त कानून बनाना होगा, नहीं तो सनातन धर्म, हिंदू और हिंदुत्व का अपमान करने वालों का मनोबल बढ़ता रहेगा.
(लेख में व्यक्त विचार लेखक के निजी विचार हैं)