RBI Currency Policy: लिखे हुए नोटों की सरकार ने खत्म की मान्यता..जानिए इस वायरल ख़बर की सत्यता ?
सोशल मीडिया के इस दौर में कुछ न कुछ वायरल होता रहता है. वायरल अलर्ट में हम ऐसी वायरल वीडियोज, फोटोज और ख़बरों का विश्लेषण करके आप तक खबर की सच्चाई पहुंचाते हैं. ऐसी ही एक खबर वायरल हो रही है जिसमें कहा गया है कि अगर नोट में कुछ भी लिखा है, तो वह मार्केट में नहीं चलेगा क्योंकि सरकार ने किसी भी तरह के पेन से लिखे हुए नोट की मान्यता रद्द कर दी है, आइए जानते हैं कि इस वायरल खबर की सच्चाई क्या है और रिजर्व बैंक की करेंसी पॉलिसी इस मामले पर क्या कहती है?
रूपया हमारे देश की मुद्रा है. वैसे तो इस पर कुछ नहीं लिखना चाहिए लेकिन अक्सर किसी न किसी नोट पर कुछ न कुछ लिखा होता है तो क्या ऐसे नोट मार्केट में नहीं चलेंगे, इन नोटों की सरकारी मान्यता खत्म हो जाएगी, सोशल मीडिया में कुछ ऐसा ही मैसेज वॉयरल हो रहा है तो आइए जानते हैं कि इस वायर न्यूज की सच्चाई क्या है?
क्या कहती है आरबीआई की क्लीन नोट पॉलिसी?
अक्सर बाजार में कुछ लोग कटे-फटे या लिखे हुए नोट को लेने से मना कर देते हैं. करेंसी नोट पर कुछ लिखा हुआ होता है तो उसे दुकानदार या व्यापारी यह कहकर लेने से मना कर देते हैं कि इसका कानूनी मान्यता समाप्त हो गई है क्योंकि ऐसे नोट अब लीगल टेंडर नहीं हैं. सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे संदेश वायरल होते नजर आते हैं जिसमें भारतीय रिजर्व बैंक का हवाला देते हुए कहा जाता है कि नये नोटों पर कुछ भी लिखा होने से ये नोट अमान्य हो जाते हैं और वो लीगल टेंडर नहीं रह जाता है.
इस खबर की सच्चाई जानने के लिए आरबीआई यानि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की क्लीन नोट पॉलिसी को जानना जरूरी है. रिजर्व बैंक के मुताबिक किसी को किसी भी करेंसी नोट पर कुछ नहीं लिखना चाहिए क्योंकि इससे नोट जिस कागज पर छापा जाता है उसके जल्दी खराब होने की संभावना होती है लेकिन ऐसे नोट अवैध नहीं होते हैं.
आरबीआई की क्लीन नोट पॉलिसी के तहत लोगों से अनुरोध किया जाता है कि नोट पर कुछ न लिखें क्योंकि इससे उनकी लाइफटाइम कम होती है. इस पॉलिसी के तहत आप कभी भी गंदे, लिखे या कटे-फटे करेंसी नोटों को बैंकों के काउंटर पर बदल सकते हैं. आपको उसके बदले उतने ही मूल्य का नया नोट या नया सिक्का दे दिया जाएगा. आरबीआई का यह नियम सभी तरह के रुपयों और सिक्कों पर लागू होता है.
फैक्ट चेक में क्या निकला ?
सरकार की ओर से संबंधित संस्था प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो यानि पीआईबी ने भी इस मामले में फैक्ट चेक किया है. पीआईबी के ऑफिशियल ट्विवटर पेज पर कहा गया है कि अगर आपको ऐसे कोई मैसेज आता है जिसमें कहा गया है कि लिखे हुए नोटों की मान्यता सरकार ने खत्म कर दी है, तो उस पर विश्वास न करें क्योंकि ये पूरी तरह फर्जी हैं.
इसलिए अगर आपको मार्केट में या कहीं भी 10, 20, 50, 100, 200, 500 या 2000 का करेंसी नोट मिलता है जिस पर कुछ लिखा हो वो पूरी तरह से वैलिड हैं, सरकार ने ऐसे नोटों की मान्यता रद्द नहीं की है इसलिए ऐसे नोट भी लीगल टेंडर माने जाएंगे. आप बेफिक्र होकर इन नोटों का लेन-देन कर सकते हैं.