BBC ने की इंटरनेशनल टैक्स में हेराफेरी..IT ने की ‘सर्वे’ वाली छापेमारी..जानिए विवादों में क्यों रही है बीबीसी की हिस्ट्री..!!
स्वस्थ लोकतंत्र के स्वतंत्र प्रेस का होना आवश्यक है. कोई भी मीडिया किसी भी देश के कानून से ऊपर नहीं है. ऐसे में प्रेस से उम्मीद की जाती है कि वे कानून के दायरे में रहते हुए अपना काम करेंगे. अगर कुछ गैर कानूनी तरीके अपनाने का उन पर आरोप लगता है तो वे जांच एजेंसियों को सहयोग करेंगे. बीबीसी के मुंबई और दिल्ली स्थित दफ्तर में इंकम टैक्स के सर्वे के बाद सियासी भूचाल आ गया है. कांग्रेस ने इसे अघोषित आपातकाल बताया तो बीजेपी ने उन्हें याद दिलाया कि इंदिरा गांधी ने बीबीसी पर कभी बैन लगाया था, आइए जानते हैं कि बीबीसी का किन विवादों से नाता रहा है?
ऐजेंसियां
इंकम टैक्स ने BBC के दिल्ली और मुंबई स्थित विभाग पर सर्वे की कार्रवाई की है. बीबीसी पर इंटरनेशनल टैक्स में गड़बड़ी का आरोप है। BBC ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा है कि जांच में पूरा सहयोग किया जा रहा है.
किस नियम के तहत हो रहा है सर्वे
इंकम टैक्स के सूत्रों के मुताबिक ये सर्वे IT अधिनियम, 1961 की धारा 133A के तहत किए जा रहे हैं. इस कानून के तहत ऑफिशियल खाते से जुड़े डॉक्यूमेंट्स, नकदी, स्टॉक, लैपटॉप, मोबाइल जैसे किसी सामान की जांच की जा सकती है।
सर्वे पर सियासी घमासान
विपक्ष ने इस सर्वे को रेड कहा है. कांग्रेस के सीनियर लीडर जयराम रमेश ने कहा कि पीएम मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की वजह से ये छापेमारी की जा रही है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि यहां हम अडाणी के मामले में JPC की मांग कर रहे हैं और वहां सरकार BBC के पीछे पड़ी हुई है। ‘विनाशकाले विपरीत बुद्धि’.
वहीं बीजेपी ने इस मामले पर कहा कि कोई भी मीडिया नियम कानून से ऊपर नहीं है. एजेंसियां स्वतंत्र रूप से अपना काम कर रही हैं. कांग्रेस को नहीं भूलना चाहिए कि इंदिरा गांधी ने कभी इसी बीबीसी पर बैन लगाया था
इंकम टैक्स का एक्शन…मोदी पर डॉक्यूमेंट्री से कनेक्शन ?
कांग्रेस ने कहा कि ये छापेमारी पीएम मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की वजह से की जा रही है। दरअसल बीबीसी ने गुजरात दंगों में नरेंद्र मोदी की भूमिका पर एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है जिसका नाम है ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’. इसको दो हिस्सों में जारी किया गया था। इसका पहला एपिसोड 17 जनवरी को और दूसरा एपिसोड 24 जनवरी को रिलीज हुआ। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस मामले पर कहा कि ये डॉक्यूमेंट्री भारत के खिलाफ प्रोपेगैंडा फैलाने की कोशिश है इसलिए भारत सरकार ने इस विवादित डॉक्यूमेंट्री पर बैन लगाने का फैसला किया है.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने डॉक्यूमेंट्री से जताई असहमति
वहीं इस डॉक्यूमेंट्री के बारे में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी नाराजगी जताई. उन्होंने ब्रिटिश संसद में इस डॉक्यूमेंट्री से असहमति जताई थी।
इन विवादों में रहा है बीबीसी
बीबीसी इससे पहले भी कई बार विवादों में रह चुका है. 1970 में बीबीसी ने 2 डॉक्यूमेंट्री बनाई जिनका नाम था कलकत्ता और फैंटम इंडिया. इनमें भारत के लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को गलत तरीके से दिखाया था जिसका देश और विदेश में रहने वाले भारतीयों ने विरोध किया तो तत्तकालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बीबीसी का दिल्ली दफ्तर बंद करवा दिया।
बीबीसी की एक और डॉक्यूमेंट्री इंडियाज डॉटर को लेकर भी सवाल उठे थे. इसमें दिल्ली के निर्भया केस के मुख्य दोषी मुकेश सिंह के इंटरव्यु को इस तरह से दिखाया था कि भारत देश का हर युवा मुकेश जैसी सोच रखता है. इसके बाद मार्च 2015 में दिल्ली हाईकोर्ट ने बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री को बैन करने के फैसले को सही बताया था। इसके बाद इसे यूट्यूब जैसे कई इंटरनेट प्लेटफॉर्म्स से हटा दिया गया था।
इसके अलावा बीबीसी कश्मीर में पकड़े गए आतंकवादियों को उग्रवादी या चरमपंथ के रूप में अपनी रिपोर्ट में लिखता है, इसको लेकर भी बीबीसी पर अक्सर सवाल उठते रहते हैं.