सिसोदिया पर शिकंजा-5 दिनों की CBI रिमांड पर भेजे गए मनीष सिसोदिया, शराब घोटाले में AAP और BJP के बीच घमासान बढ़ा
CBI ने शराब घोटाले में गिरफ्तार मनीष सिसोदिया को 4 मार्च तक अपनी कस्टडी में ले लिया है. इससे पहले CBI ने रविवार को उनसे लगभग 8 घंटे की पूछताछ की. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक कई सवालों के जवाब उन्होंने नहीं दिए इसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया. आइए जानते हैं इस मामले में AAP और BJP के बीच किस तरह से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है?
ऐजेंसी
CBI ने शराब घोटाले में गिरफ्तार मनीष सिसोदिया को 4 मार्च तक अपनी कस्टडी में ले लिया है. इससे पहले CBI ने रविवार को उनसे लगभग 8 घंटे की पूछताछ की. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक कई सवालों के जवाब उन्होंने नहीं दिए इसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया.
सिसोदिया पर आरोप
आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने CBI की पूछताछ में मनीष सिसोदिया का नाम प्रमुखता से लिया था। इस अफसर के मुताबिक सिसोदिया ने ऐसी शराब नीति बनवाई थी, जिससे सरकार को नहीं बल्कि शराब कारोबारियों को अच्छा-खासा फायदा हो।
इसके अलावा मनीष सिसोदिया पर सबूत नष्ट करने का भी आरोप है. जब CBI ने सिसोदिया और उस अधिकारी को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की तो उन्होंने कई सवालों के जवाब नहीं दिए। यही सिसोदिया की गिरफ्तारी की वजह बनी।
क्या है मामला?
नई शराब नीति में घोटाले से संबंधित मामले को सबसे पहले दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार सामने लाए. उन्होंने 8 जुलाई 2022 को उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को एक रिपोर्ट भेजी थी जिसमें एक्साइज मंत्री सिसोदिया पर उपराज्यपाल की मंजूरी के बिना नई आबकारी नीति बनाकर फर्जी तरीके से पैसा कमाने का आरोप लगाया था।
रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना के समय शराब विक्रेताओं ने लाइसेंस शुल्क माफी के लिए दिल्ली सरकार से संपर्क किया। सरकार ने 28 दिसंबर से 27 जनवरी तक लाइसेंस शुल्क में 24.02% की छूट दे दी थी। इससे सरकारी खजाने को 144.36 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
BJP और AAP में वार-पलटवार
सिसोदिया की गिरफ्तारी पर बीजेपी ने कहा है कि कानून अपना काम ईमानदारी से कर रहा है. बहुत ही जल्द 10 हजार करोड़ रुपए के इस घोटाले का सच सबके सामने आएगा वहीं आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कहा है कि उन्हें सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने की सजा मिली है. ये बीजेपी की तानाशाही है जो अब नहीं चलेगी,
आप नेता सौरभ भारद्वाज ने दोनों चार्जशीट में मनीष सिसोदिया का नाम नहीं है, उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है फिर भी CBI गिरफ्तार कर लेती है, ये सब बीजेपी के इशारे में किया गया है. इस तरह से इस मामले में वार-पलटवार का खेल जारी है