संस्कृत में यहां हर कोई करता है बात…जानिए कर्नाटक का ये गांव कैसे बना रहा है इतिहास?
हमारे देश में अंग्रेजी को ही करियर, ज्ञान और आधुनिकता का प्रतीक मान लिया गया है इसीलिए इसे सीखने की होड़ लगी हुई है, 30 दिनों में अंग्रेजी सिखाने का दावा किया जाता है इसी बीच कर्नाटक का एक ऐसा गांव है जो अपने भारतीय संस्कृति को बचाने का प्रयास कर रहा है और यहां हर कोई संस्कृत में बात करता है.
आदर्श पांडे
संस्कृत को हमारे देश में देववाणी माना जाता है लेकिन ये भाषा जनवाणी नहीं बन पाई. संस्कृत को आम तौर पंडितों और संतों द्वारा बोली जाने वाली भाषा माना जाता है.
संस्कृत को सभी भाषाओं की जननी कहा जाता है. सबसे प्राचीन भाषा संस्कृत भले ही अब पूजा-पाठ और शादी-ब्याह तक सीमित हो गई हो लेकिन संस्कृत के चाहने वाले लोग आज भी हैं. आइए जानते हैं कि कर्नाटक के किस गांव में सब लोग संस्कृत में बात करते हैं?
कर्नाटक के इस गांव में सभी बोलते हैं संस्कृत
भारत में संस्कृत विलुप्ति के कगार पर है और इसलिए इसे लोग डाइंग लैंग्वेज यानी मृत्यु के तरफ जाने वाली भाषा के रूप में देखते हैं लेकिन कर्नाटक का एक ऐसा गांव है जहां लोगों के बीच के बोलचाल का भाषा है संस्कृत ।
इस गांव का नाम है मत्तूर। मत्तूर में सांखेथिक्स वर्ग के लोग रहते हैं, जो केरल से आएं हैं और ये लोग संस्कृत में ही बात करते हैं । इस गांव के बारे में एक खास बात और भी है ये को ये गांव चौकोर है और गांव के बीच में पेड़ और मंदिर है, ये लोग वैदिक लाइफ जीते हैं और वेद पढ़ते हैं ।
गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि यहां पर बहुत पहले संस्कृत को लेकर एक वर्कशॉप हुई थी जो गांव वालों को बेहद पसंद आई. संस्कृत को प्रमोट करने के लिए गांव वालों ने मिलकर तय किया कि यहां पर सब लोग आपस में संस्कृत में बातचीत करेंगे
संस्कृत बोलने वाले गांव के रूप में बनी पहचान
शुरुआत से मत्तूर में लोग संस्कृत नही बोलते थे यहां लोग संकेथी बोलते थे जो संस्कृत ,तमिल,तेलुगु,कन्नड़ का मिश्रण था । बाद में यहां के लोगों ने अपने गांव को संस्कृत बोलने वाला गांव बनाने पर ध्यान दिया जिसके बाद यहां संस्कृत का विकास होता रहा और लोगों ने इसे आपसी भाषा के रूप में स्वीकार किया है।
इसका नतीजा ये है कि यहां हर कोई संस्कृत में बात कर रहा है।यहां वेदिक पढ़ाई भी करवाई जाती है । सिर्फ देश के ही नहीं, बाहर के लोग भी यहां संस्कृत पढ़ना पसंद करते हैं और इस तरह से वे इस भाषा को समृद्ध कर रहे हैं।
संस्कृत से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
संस्कृत को दुनिया का सबसे पुरानी भाषाओं में से एक माना जाता है। यह भाषा 3500 साल से भी पुरानी है । सिर्फ हिंदू धर्म में ही नहीं, बल्कि बौद्ध और जैन धर्म से जुड़े ग्रंथ संस्कृत में ही मिलते हैं । संस्कृत का सिर्फ 5 फीसदी हिस्सा ही धार्मिक टेक्स्ट के लिए इस्तेमाल किया गया है, जबकि मेडिसिन, साइंस, गणित, फिलोसॉपी में 95 फीसदी संस्कृत का प्रयोग किया गया है ।