गजवा-ए-हिंद से जुड़े 7 ठिकानों पर NIA की छापेमारी..जानिए क्या है गजवा-ए-हिंद..क्या है इसकी तैयारी ?
नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी यानि NIA ने गजवा-ए-हिंद से जुड़े 7 ठिकानों पर छापेमारी की है। आरोप है कि गजवा-ए-हिंद से जुड़े लोग सोशल मीडिया के जरिए देश में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं साथ ही देश में कट्टरपंथ फैलाने की साजिश कर रहे हैं.
ऐजेंसियां
नई दिल्ली, 23 मार्च. नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी यानि NIA ने गजवा-ए-हिंद से जुड़े 7 ठिकानों पर छापेमारी की है। आरोप है कि गजवा-ए-हिंद से जुड़े लोग सोशल मीडिया के जरिए देश में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं साथ ही देश में कट्टरपंथ फैलाने की साजिश कर रहे हैं
बिहार में दर्ज हुआ था मामला
NIA ने 22 जुलाई 2022 को बिहार के फुलवारी शरीफ पुलिस स्टेशन में एक केस दर्ज किया गया था. ये केस गजवा-ए-हिंद से जुड़ा था जिसमें बताया गया कि मरगुब अहमद दानिश व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए कई विदेशी संस्थाओं के संपर्क में था और वो अपने साथियों के जरिए यहां के लोगों को भड़काने का काम कर रहा था।
देश को इस्लामिक मुल्क बनाने के मकसद से वह कई देश विरोधी बातें कर रहा था. इस मामले में NIA ने 6 जनवरी को एक चार्ज शीट भी दायर की थी।
क्या है गजवा-ए-हिंद?
गजवा-ए-हिंद के बारे में जानने से पहले हमें गजवा का अर्थ समझना चाहिए. गजवा का मतलब होता है युद्ध जो कि किसी एक धर्म को फैलाने के लिए होता है. जो इस तरह के युद्ध में शामिल होते हैं उन्हें ‘गाजी’ योद्धा कहा जाता है। इस तरह से गजवा-ए-हिंद का मतलब होता है युद्ध के जरिए इस्लाम धर्म फैलाना और मुस्लिम राष्ट्र की स्थापना करना।
अब सवाल है कि गजवा-ए-हिंद से संबंधित कोई तथ्य पवित्र कुरान या हदीस में है या नहीं तो इसको लेकर मुस्लिम स्कालर्स और मौलानाओं में कोई एक राय नहीं है. कुछ मौलानाओं का मानना है कि गजवा-ए-हिंद हदीस या कुरान का हिस्सा नहीं है तो कुछ स्कॉलर्स का कहना है कि गजवा-ए-हिंद से संबंधित बाते हदीस का हिस्सा है,
‘भारत में पहले ही हो चुका है गजवा-ए-हिंद’
वहीं इस मामले पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अरशद मदनी कहते हैं कि भारत में तो पहले ही गजवा-ए-हिंद बाबर के जमाने में हो चुका है। बाबर जैसे शासकों ने यहां 800 साल तक राज किया वही तो गजवा-ए-हिंद है
वहीं केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के मुताबिक देश में गजवा-ए-हिंद के नाम से प्रोपोगैंडा फैलाया जा रहा है जिसका मकसद लोगों के दिलो दिमाग में जहर भरना है. ये कोशिश इंडिया जैसी सेकुलर कंट्री को इस्लामिक कंट्री बनाने की है लेकिन ये कोशिश कभी कामयाब नहीं होगी.
वहीं कुछ लोग इसे 2024 के आने वाले चुनाव में माहौल बनाने की बात भी कह रहे हैं क्योंकि इस मामले पर योगी और ओवैसी के बीच कई बार सोशल मीडिया में वार-पलटवार हो चुका है.
गजवा-ए-हिंद का जवाब है भगवा-ए-हिंद ?
वहीं इस मामले पर अब हिंदू धर्म गुरू और हिंदू संगठन भी सामने आ गए हैं. इन लोगों का कहना है कि गजवा-ए-हिंद का जवाब भगवा-ए-हिंद से दिया जाएगा. बागेश्वर धाम प्रमुख ने भी इस बात का समर्थन करते हुए कहा है कि ये देश सनातन धर्म का है. भगवा हमारे पूर्वजों की पहचान रही है.
अगर कोई गजवा-ए-हिंद के नाम पर इसे मुस्लिम देश बनाने की कोशिश करेगा तो इसका सख्त विरोध किया जाएगा. हिंदू संगठन लगातार भगवा-ए-हिंद के जरिए हिंदुस्तान को हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग कर रहे हैं.
ऐसे में सवाल है कि गजवा और भगवा की इस लड़ाई में हमारे संविधान के अनुसार बनाए गए सेकुलर देश भारत का क्या होगा? गजवा-ए-हिंद का जवाब क्या भगवा-ए-हिंद है. एक भारत को मुस्लिम देश बनाना चाहता है तो दूसरा हिंदू राष्ट्र ऐसे में सेकुलर इंडिया के लिए बहुत बड़ा खतरा है.