मानहानि केस: राहुल गांधी को महंगी पड़ी सूरत कोर्ट से मिली सजा…लोकसभा स्पीकर ने रद्द की संसद सदस्यता
राहुल गांधी अब केरल के वायनाड से भूतपूर्व लोकसभा सदस्य बन गए हैं क्योंकि उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई है. आइए जानते हैं कि 2013 में सुप्रीम कोर्ट के किस फैसले के आधार पर उनकी सदस्यता रद्द हुई?
ऐजेंसी
नई दिल्ली, 24 मार्च. सूरत कोर्ट द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि के मामले में दोषी करार देने के 1 दिन बाद ही उनकी संसद सदस्यता चली गई। लोकसभा सचिवालय ने इस बारे में लेटर जारी कर दिया है. वह केरल के वायनाड सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे.
मोदी की मानहानि पड़ी महंगी
दरअसल राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान उन्होंने कहा था कि इस देश में सभी चोरों का सरनेम मोदी ही क्यों होता है सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है, चाहे वह ललित मोदी हो या नीरव मोदी हो चाहे नरेंद्र मोदी। इसके बाद उनके खिलाफ मानहानि का केस दायर किया गया था. यही बयान उन्हें अब बहुत महंगा पड़ रहा है.
राहुल गांधी की सदस्यता इसलिए रदद् हुई है क्योंकि सूरत कोर्ट ने कल ही मानहानि के एक केस में उन्हें 2 साल की सजा सुनाई थी हलांकि उन्हें तुरंत जमानत भी मिल गई थी और फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए 30 दिन का समय भी मिला है.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के कारण रद्द हुई संसद सदस्यता
राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने के पीछे सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आधार बनाया है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई 2013 को एक फैसले में कहा था कि अगर कोई भी सांसद या विधायक किसी भी लोअर कोर्ट में गिल्टी साबित हो जाता है तो उसकी सदस्यता उसी दिन से रद्द कर दी जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला लिली थॉमस बनाम भारत सरकार मामले में दिया था। इससे पहले नियम ये था कि जब तक उच्च अदालत का आखिरी फैसला नहीं आ जाता तब तक सदस्यता बनी रहती थी.
राहुल गांधी का सियासी सफर
सबसे पहले राहुल गांधी 2004 में अमेठी से लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बने थे इसके बाद 2009 और 2014 में भी अमेठी से जीतकर लोकसभा पहुंचे. इसके बाद वे 2019 में अमेठी और वायनाड दो जगह से चुनाव लड़े जिसमें वे अमेठी से हार गए थे, लेकिन वायनाड से जीतकर लोकसभा पहुंचे गए।