2 हजार के नोट चलन से होंगे बाहर…जानिए पब्लिक और पॉलिटिक्स पर पड़ेगा क्या असर..?
2 हजार के नोट मार्केट से बाहर होंगे. रिजर्व बैंक ने 2000 नोट को चलन से बाहर करने की घोषणा कर दी है. 2 हजार के नोट बंद होने के एलान से सियासी घमासान तेज हो गया है.इसका आम लोगों से लेकर 2024 के चुनाव में क्या असर पड़ेगा, आइए जानते हैं
2 हजार के नोटबंदी का एलान हो गया है. इससे पहले 8 नवंबर, 2016 को पीएम नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने का एलान किया था जिसके बाद पूरा देश लाइन पर लग गया था वहीं अब आरबीआई यानि रिजर्व बैंक ने आज यानि 19 मई, 2023 को 2,000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने की घोषणा कर दी है.
आम लोगों पर क्या पड़ेगा असर?
RBI के मुताबिक 2000 रुपये का लगभग 85 प्रतिशत सरकुलेशन पहले ही मार्केट में बंद हो चुका है. बैंक के एटीएम से भी 2 हजार के नोट नहीं निकल रहे हैं.
रिजर्व बैंक के मुताबिक साल 2018-19 के बीच 2000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी गई थी. यानी जनता पर इसका कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा. लेकिन अगर आपके पास फिर भी 2000 रुपये के नोट हैं तो आप 30 सितम्बर 2023 तक आप बैंक अकाउंट में जमा कर सकते हैं या नोट बदलवा सकते हैं. 23 मई 2023 से 30 सितंबर 2023 तक 2 हजार के नोट बदल सकेंगे
बाजार पर क्या पड़ेगा असर?
मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक जिस तरह से देश में डिजिटल लेन-देन का चलन बढ़ा है और लोग पेटीएम जैसी यूपीआई से पेमेंट कर रहे रहे हैं उससे 2 हजार के नोट बंद होने से मार्केट और इकोनामी पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
अर्थशास्त्रियों के मुताबिक, 2 हजार के नोट को बंद करने का सरकार का अच्छा कदम है. आम लोगों के पास तो वैसे भी 2 हजार का नोट नहीं है. अगर किसी के पास है भी तो वह बैंक में एक दिन में 20 हजार तक के 2 हजार के नोट बदलवा सकता है लेकिन जिन लोगों के पास लाखों- करोड़ों रुपए 2000 के रुपए के नोट के रुप में हैं उन्हें परेशानी होगी इससे ब्लैक मनी वापस आएगी और टैक्स कलेक्शन में भी सुधार आएगा.
भारत में नोटबंदी का इतिहास
देश में नोटबंदी के इतिहास की बात करें तो अब तक तीन बार नोटबंदी हो चुकी है. पहली बार साल 1938 में जब 5 सौ, 1 हजार, 5 हजार और 10 हजार रुपये के नोट जारी किए गए थे लेकिन फिर अंग्रेज सरकार ने सन 1946 में इन नोटों को बंद कर दिया था.
इसके बाद साल 1978 में मोरारजी देसाई ने 1000,5000 और 10,000 रुपये के नोटबंद कर दिए थे वहीं तीसरी बार पीएम मोदी ने 8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर दिए थे और अब 2000 रुपये के नोट बंद करने का फैसला लिया गया है.
चुनाव में किसे पड़ेगी ‘नोट की चोट’?
राजनीतिक विष्लेषकों के मुताबिक 2 हजार के नोट वापस लेने का फैसला 2024 के आम चुनावों से ठीक पहले लिया गया है. इससे विपक्षी दल जहां बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं वहीं बीजेपी इस फैसले को मास्टर स्ट्रोक बता रही है.
कांग्रेस, आप, जैसी कई विपक्षी दलों ने कहा कि पहले मोदी सरकार ने 2 हजार के नोट मार्केट में इस वादे के साथ लाती है कि इससे ब्लैक मनी वापस आ जाएगी ऐसा जब कुछ नहीं हुआ तो फिर 2 हजार के नोट बंद करने का फैसला किया गया है. ये सरकार पूरी तरह से फेल हो गई है.
ऐसे में विपक्षी दल अगले साल होने वाले आम चुनाव में 2 हजार के नोट बंदी को मुद्दा बनाएंगे जिसका असर कितना पड़ेगा, ये चुनाव के परिणाम बताएंगे.
(एजेंसियां)