‘रामपथ’ का तेजी से निर्माण करा रहा है शासन…जानें धार्मिक स्थलों के साथ क्या कर रहा है प्रशासन?
'रामपथ' का निर्माण सहादतगंज से नयाघाट तक हो रहा है. इसके चौड़ीकरण के लिए कई धार्मिक स्थल रास्ते में आ रहे हैं जिसके सर्वे का काम पूरा हो गया है. इसी के आधार पर प्रशासन मुआवजा बांट रहा है फिर भी विवाद क्यों हो रहा है, आइए जानते हैं 'रामपथ' के निर्माण में आने वाली अड़चनों को कैसे दूर किया जा रहा है?
‘रामपथ’ के निर्माण के लिए एक ओर जहां कई घर, मंदिर, मस्जिद तोड़े जा रहे हैं तो वहीं दूसरी और बहुत सारे पेड़ भी काटे जा रहे हैं. प्रशासन सावधानी से रामपथ का निर्माण कार्य ज़ोरशोर से करवा रहा है लेकिन साथ में विवाद भी हो रहा है।
1 हजार से ज्यादा दूट रहे हैं मकान
सहादतगंज बाईपास से सरयू तट के मार्ग लगभाग 13 किलोमीटर लंबा है. मार्ग के चौड़ीकरण के लिए रास्ते में आ रहे हैं 1 हजार से ज्यादा घरों को तोड़ा जा रहा है. इसके अलावा एक दर्जन से ज्यादा मंदिर, मस्जिद को भी तोड़ा जा रहा है।
रामपथ को चौड़ा करने में करीब 700 पेडों की कटाई का काम होगा। पेडों को काटने की जिम्मेदारी पेडबल्यूडी और वन विभाग की है। बड़ी भारी संख्या में पेड़ों की कटाई के अलावा कई निजी भवन एवं धार्मिक स्थल जैसी मस्जिद, मठ या मंदिरों को ध्वस्त रने का कार्य भी होगा.
मुआवजे को लेकर विवाद
रामपथ के चौड़ीकरण के काम के दौरान कमिश्नर गौरव दयाल और डीएम नितीश कुमार ने एसडीएम सदर और मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग सीडी–3 के साथ वन विभाग और अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ राम पथ पर सर्किट हॉउस से सहादतगंज हनुमानगढ़ी चौराहा तक का निरीक्षण किया. राम मंदिर से भक्तों को जोड़ने के लिए बनाए जा रहे रामपथ के चौड़ीकरण में अयोध्या और फैजा़बाद शहर के 2000 घर, मकान और दुकानों को तोड़ा गया है।
कमिश्नर ने बताया कि मार्ग चौड़ीकरण में आने वाले अधिक से अधिक पेड़ों को बिना काटे किसी मध्यमार्ग से चौड़ा करने का प्रयास किया जा रहा है. इस के साथ ही कमिश्नर ने सभी अधिकारियों को काम जल्दी और सही तरीके से करने का आदेश दिया. राम पथ के निर्माण कार्य से जहाँ भक्त खुश हो रहे हैं वहीं व्यापारी काफी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं , व्यापारियों की माने तो उन्हें बिना मुआवजे के सरकार ने उनके निवास और दुकान ध्वस्त कर दिए गए हैं.
(ये स्टोरी YT News के साथ इंटर्न कर रही समृद्धि सिंह ने लिखी है