सहारा रिफंड पोर्टल से मिल रहे हैं निवेशकों के फंसे पैसे…जानें पर्ल ग्रुप के निवेशकों को रिफंड मिलेगा कैसे?
सहारा रिफंड पोर्टल के जरिए सहारा इंडिया में निवेश करने वाले लोगों का फंसा पैसा वापस मिलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस पोर्टल को लांच करते हुए कहा कि उनकी सरकार चिटफंड कंपनियों में फंसे लाखों निवेशकों का पैसा वापस कराने के लिए प्रतिबद्ध है. पर्ल ग्रुप के भी निवेशकों का भी पैसा फंसा हुआ है. आइए जानते हैं कि निवेशकों के पैसे कैसे वापस मिलेंगे
सहारा रिफंड पोर्टल की शुरूआत हो गई है. सहारा इंडिया की को-ऑपरेटिव सोसाइटीज में लगभग 10 करोड़ निवेशकों ने अपनी मेहनत की कमाई इस उम्मीद में जमा किया था कि एक दिन उनको अच्छा पैसा मिलेगा पर ऐसा नहीं हुआ.
लंबे समय तक निवेशकों का पैसा फंसा रहा. कई निवेशकों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. आखिरकार बात सरकार तक पहुंची और देर से ही सही लेकिन सरकार ने अब इन निवेशकों को उनका पैसा वापस दिलाने की शुरूआत की है.
सहारा इंडिया पोर्टल के जरिए मिलेगा रिफंड
सहारा इंडिया में करोड़ों लोगों का पैसा फंसा हुआ है. अब इसकी शुरूआत हो रही है. केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सहारा रिफंड पोर्टल की शुरूआत की है जिसके जरिए निवेशक अपनी डिटेल्स भर सकते हैं. इसके बाद पैसा वापस मिलने का प्रासेस शुरु हो जाएगा.
इस पोर्टल के जरिए सहारा के निवेशकों को पोर्टल में आवेदन करने के 45 दिन के अंदर रिफंड मिलने की बात कही जा रही है. निवेशकों का पैसा सीधे उनके बैंक अकाउंट में ब्याज के साथ आएगा.
पहले चरण में 10,000 रुपए तक का रिफंड क्लेम करने वाले निवेशकों को पैसा यदि इससे ज्यादा जमा राशि है तो भी पहले केवल केवल 10,000 रुपए ही रिफंड होंगे। ऐसे में लगभग 1.07 करोड़ निवेशक को पूरा रिफंड मिल जाएगा क्योंकि उनका निवेश 10 हजार रुपए तक का है। इसके बाद दूसरे चरण में 10,000 से ज्यादा निवेश करने वालों का पैसा मिलेगा।
सहारा ग्रुप ने चार सोसाइटीज साल 2010 से 2014 के बीच बनाई गई थी। सूत्रों के मुताबिक सेबी और सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस की जांच के बीच ये तथ्य सामने आया कि सहारा ग्रुप की इन सोसाइटीज के जरिए लगभग 10 करोड़ निवेशकों से 86,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम जमा की थी जिन्हें मेच्योरिटी के बाद भी वापस नहीं किया गया.
कैसे मिलेगा रिफंड?
रिफंड पाने के लिए निवेशकों को सहारा इंडिया पोर्टल के जरिए आवेदन करना होगा. इसके लिए https://mocrefund.crcs.gov.in/ पर जाएं और मांगी गई जानकारी भरें. अपने बैंक अकाउंट की डिटेल्स, पॉलिसी के डॉक्युमेंट्स आदि अपलोड करें, अपना फॉर्म ध्यान से भरें.
सफलतापूर्वक फॉर्म भरने के बाद आपको एक रजिस्ट्रेशन नंबर मिलेगा जो आपके रजिस्टर्ड मोबाइल में मेसेज के जरिए भी आएगा. इसे संभालकर रखें.
पर्ल ग्रुप का कब मिलेगा पैसा?
पर्ल ग्रुप (PACL) में भी लाखों निवेशकों का पैसा फंसा हुआ है. SEBI के मुताबिक, इस कंपनी ने 18 साल में लोगों से करीब 60,000 करोड़ रुपए जुटाए थे. इस ग्रुप ने निवेशकों को शानदार ब्याज दर का ऑफर दिया था. इससे एजेंट को भी अच्छा कमीशन मिलता.
लोगों ने अच्छे रिटर्न की उम्मीद में अपना पैसा लगा दिया था लेकिन उनका पैसा फंस गया. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तब कोर्ट के दखल के बाद SEBI ने एक्शन लिया और अब पर्ल ग्रुप के निवेशकों का पैसा धीरे धीरे रिफंड हो रहा है.
पर्ल ग्रुप के निवेशकों को पहले 5 हजार, फिर 10 हजार के दावों का निपटान किया गया. अप्रैल 2022 में SEBI ने 10001 से 15000 रुपए तक रिफंड किए, वहीं 15 जून से 2023 से 15 से 17 हजार तक का रिफंड किया जा रहा है.
पर्ल ग्रुप के निवेशकों को अपना पैसा वापस पाने के लिए सेबी ने एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया है. इसके लिंक पर क्लिक करना होगा. ये लिंक है http://www.sebipaclrefund.co.in. इसमें जाकर मांगे गए सभी डॉक्युमेंट्स अपलोड करना होगा फिर पैसा रिफंड होने की प्रक्रिया शुरु होगी.
पर्ल और सहारा के रिफंड प्रॉसेस में अंतर
पर्ल और सहारा के रिफंड प्रॉसेस में अंतर ये है कि सहारा रिफंड पोर्टल सरकार के द्वारा बनाया गया है और सभी वैध निवेशकों को जिन्होंने ऑनलाइन आवेदन किया है उन्हें अलग अलग स्टेप्स में 10, 15 या 20 हजार दिए जा रहे हैं. जिन निवेशकों की कुल रकम ज्यादा है उन्हें भी ये रकम दी जा रही है जो उनके टोटल रकम में कम होती रहेगी.
वही पर्ल ग्रुप के रिफंड के सेबी ने ऑन-लाइन पोर्टल बनाया है उसमें सभी निवेशकों को पैसे देने की प्रक्रिया अलग है.जिनका कुल रिफंड 10 हजार पहले सिर्फ उन्हीं निवेशकों को पैसा वापस किया जा रहा है इसके बाद 15 हजार और अभी 15 जून से 17 हजार जिनका रिफंड क्लेम है उनको दिया जा रहा है.
ऐसे में उदाहरण के लिए जिनका 1 लाख या इससे ज्यादा रिफंड का क्लेम है उनका नंबर कब आएगा. ये बड़ा सवाल है. बेहतर होता अगर सहारा की तरह पर्ल ग्रुप का भी रिफंड प्रॉसेस होता इससे निवेशकों को उनका पैसा धीरे धीरे वापस मिलता रहता.