नेशनल रिसर्च फाउंडेशन बिल संसद में हुआ पास…जानें देश में रिसर्च की स्थिति कैसे बनेगी ख़ास?
नेशनल रिसर्च फाउंडेशन बिल 2023 संसद में पास हुआ है. सरकार का दावा है कि इस बिल से देश में रिसर्च की दशा और दिशा बदल जाएगी. आइए जानते हैं कि इस बिल में क्या ख़ास है?
नेशनल रिसर्च फाउंडेशन बिल से देश भर के कॉलेज और यूनीवर्सिटीज में रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा. इन संस्थानों में रिसर्च को वित्तपोषित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय रिसर्च बिल को बनाया गया है।
रिसर्च में हैं अपार संभावनाएं
नेशनल रिसर्च फाउंडेशन बिल लोक सभा में पहले ही पास हो गया था. इसके बाद अब ये बिल राज्यसभा से भी पास हो गया है. साइंस और टेक्नोलॉली मिनिस्टर जितेंद्र सिंह ने इस अवसर पर कहा कि पारित होने के बाद कहा, रिसर्च सेक्टर में ये बिल क्रांतिकारी बदलाव लाएगा. देश में रिसर्च की स्थिति और बेहतर होगी.
इस बिल में बहस के दौरान विपक्ष की ज्यादातर पार्टियां सदन में शामिल नहींं थी लेकिन साउथ की पार्टी वाईएसआरसीपी के अयोध्या रामी रेड्डी अल्ला ने इस बिल का समर्थन किया. उन्होंने इस बिल को रिसर्च के लिए बेहद जरूरी बिल बताया.
टीडीपी के कनकमेदला रवीन्द्र कुमार ने बिल का स्वागत करते हुए कहा कि ये बिल देश में शोध की दशा और दिशा को बदलेगा। वहीं वाईएसआरसीपी के वी विजयसाई रेड्डी, टीएमसी (एम) के के वासन और एम थंबीदुरई एआईएडीएमके ने भी इस बिल की पर चर्चा करते हुए इस बिल को जरूरी बताया।
पीएम मोदी के नेतृत्व में नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) बिल का ड्रॉफ्ट तैयार किया गया था. इसके लिए अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) को विकसित करने के लिए 50,000 करोड़ रुपये का फंड दिया जाएगा।
नेशनल रिसर्च फाउंडेशन यानि एनआरएफ शिक्षा जगत, सरकारी विभागों और रिसर्च संस्थानों और इंडसट्री के बीच सहयोग और समन्वय स्थापित करने का काम करेगा। यह वैज्ञानिक और संबंधित मंत्रालयों और राज्य सरकारों के योगदान के लिए इंटरफेस मेकेनिज्म तैयार करेगा।