Electronic Items Scrap Policy का जारी हुआ नोटिफिकेशन…जानिए देशभर में कैसे होगा E-Waste का होगा कलेक्शन?
Electronic Items Scrap Policy को लेकर सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इसके अनुसार एक निश्चित समय सीमा के बाद इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स को E-waste माना जाएगा. देशभर में इसको इकट्ठा करने के लिए E-Waste Collection Centres खोले जाएंगे.
Electronic Items Scrap Policy के तहत घरों में प्रयोग होने इलेक्ट्रानिक्स आइटम जैसे फ्रिज, छत के पंखे, एयर कंडीशनर, माइक्रोवेव ओवन, वीडियो कैमरा, मोबाइल, लैपटॉप, रेडियो, टीवी आदि को एक निर्धारित समय सीमा बाद बेकार माना जाएगा.
इलेक्ट्रानिक्स आईटम्स की समय सीमा
वैसे तो सरकार ने इलेक्ट्रानिक्स आईटम्स की स्क्रैप पॉलिसी को 1 अप्रैल 2023 से लागू कर दिया था इसके बाद जुलाई 2023 में इसके विस्तृत नियम एक नोटिफिकेशन के जरिए बताए गए थे.
इन नियमों के मुताबिक फ्रिज, छत के पंखे, एयर कंडीशनर, माइक्रोवेव ओवन, वीडियो कैमरा आदि की अधिकतम समय सीमा 10 साल निर्धारित की गई है वहीं वॉशिंग मशीन के लिए अधिकतम 9 साल और रेडियो के लिए 8 साल की समय सीमा है.
स्मार्ट फोन, टैबलेट, लैपटॉप और स्कैनर की अधिकतम उम्र 5 साल रखी गई है जबकि बच्चों के वीडियो गेम्स को अधिकतम 2 साल में प्रयोग करना बंद करना होगा
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जिस तरह से कार जैसे सभी वाहनों के उपयोग की अधिकतम समय सीमा 15 साल है इसके बाद कानूनी तौर गाड़ियों को सड़कों पर नहीं चलाया जा सकता है वैसे ही सरकार ने हर इलेक्ट्रानिक्स आईटम्स की एक्सपायरी डेट तय की गई है. इसके बाद इलेक्ट्रानिक्स आईटम्स को निर्धारित समय के बाद स्क्रैप करवाना होगा.
देशभर में खोले जाएंगे इलेक्ट्रानिक्स वेस्ट आईटम्स के कलेक्शन सेंटर
देशभर में इलेक्ट्रानिक्स वेस्ट आईटम्स के कलेक्शन सेंटर खोले जाएंगे. यहां से इकट्ठा होने वाला ई-वेस्ट मैटीरियल सीधे रिसाइकिल करने वाली एजेंसियों के पास जाएगा फिर वहां से इसे E Waste Management Plants में लाकर स्क्रैप किया जाएगा.
सरकार ने E waste Management Policy लागू कर दी है. इसके तहत अब इलेक्ट्रानिक आईटम्स को निर्धारित समय सीमा के बाद प्राइवेट एजेंसियां इकट्ठा करेंगी और रिसाइकिल करेंगी. दुनिया भर के कई देशों में इस तरह की पॉलिसी है.
क्या होता है E-Waste मैटेरियल?
ऐसे इलेक्ट्रानिक उपकरण जो रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोग में लाए जाते हैं फिर एक समय सीमा बाद वे खराब हो जाते हैं तो उसे E-Waste कहा जाता है. इनमें से ख़तरनाक केमिकल्स होते हैं जो पर्यावरण के लिए बेहद खतरनाक होते हैं.
उदाहरण के लिए घर का फ्रिज, AC, TV जो खराब हो चुके हैं, वो सब E Waste मैटेरियल हैं की Category में आते हैं. ये E-Waste से होने वाले नुकसान की चर्चा की पूरी दुनिया में होती है. इसलिए सरकारों ने अब इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है.
भारत सरकार के विभाग CPCB यानि Central Pollution Control Board की साल 2022 में आई ई-वेस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक देश में साल 2019 में E-waste मैटिरिलयल लगभग 10 लाख टन हुआ था तो वहीं साल 2022 में ये बढ़कर 16 लाख टन हो गया है. ऐसे में E-waste का सही तरह से मैनेजमेंट होना बेहद जरूरी हो जाता है.
एजेंसियां