इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध विराम पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में हुआ मतदान..जानिए मोदी सरकार-विपक्ष में क्यों मचा घमासान?
इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध विराम को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा में सदस्य देशों के बीच मतदान हुआ जिसमें भारत ने भाग नहीं लिया. इसको लेकर कांग्रेस, लेफ्ट पार्टी और ओवैसी की पार्टी ने मोदी सरकार पर सवाल उठाए. इस मुद्दे पर किस तरह से सत्ता पक्ष और विपक्ष में घमासान मचा हुआ है, आइए जानते हैं.
इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध विराम को लेकर संयुक्त राष्ट्र की कोशिशें जारी हैं. इजरायल और हमास के बीच हिंसक संघर्ष के 20 दिन से ज्यादा हो गए हैं. दोनों तरफ के हज़ारों लोग मारे गए हैं. इस युद्ध को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा में वोटिंग हुई.
संयुक्त राष्ट्र महासभा में वोटिंग का क्या रहा नतीजा
संयुक्त राष्ट्र महासभा में 193 सदस्य देश हैं. इन देशों ने इजरायल और हमास के जारी युद्ध को रोकने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया. इसका शीर्षक ‘नागरिकों की सुरक्षा और कानूनी और मानवीय दायित्वों को बनाए रखना’था।
इस प्रस्ताव के पक्ष में 120 देशों ने वोट किया जबकि 14 देशों ने खिलाफ में वोट दिया. भारत जैसे 45 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया।भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, जापान, यूक्रेन और ब्रिटेन ने वोटिंग में भाग नहीं लिया जबकि अमेरिका और इजरायल ने खिलाफ में वोटिंग किया। इस प्रस्ताव में आतंकवादी समूह हमास के बारे में कहीं कुछ भी उल्लेख नहीं किया गया था।
वोटिंग से दूरी पर विपक्ष ने उठाए सवाल
कांग्रेस और कई विपक्षी दलों ने भारत के वोटिंग से दूरी बनाए जाने पर मोदी सरकार पर सवाल उठाए हैं. विपक्ष ने मोदी सरकार की विदेश नीति की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि सरकार इस मुद्दे पर अपने पुराने रुख को भूल गई है।
इजरायल-फिलिस्तीन के युद्ध में हजारों लोग मारे गए हैं. कांग्रेस, भाकपा, माकपा, बसपा और एआईएमआईएम जैसे कई विपक्षी दलों ने कहा है कि मोदी सरकार का रुख सही नहीं है. वहीं इस मामले पर बीजेपी ने विपक्ष पर पलटवार किया. बीजेपी ने कहा कि भारत सरकार कभी आतंकवाद के समर्थन में नहीं रहा और न ही रहेगा.
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने इस मामले पर सोशल मीडिया में लिखा कि महात्मा गांधी जी ने कभी कहा था कि ‘‘आंख के बदले आंख पूरी दुनिया को अंधा बना देती है।’’ उन्होंने सोशल मीडिया में लिखा ‘‘जब मानवता के हर कानून को नष्ट कर दिया गया है, लाखों लोगों के लिए भोजन, पानी की व्यवस्था नहीं है, बिजली काट दी गई है. अस्पताल में कोई सुविधा नहीं है. फलस्तीन में हजारों पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को मारा जा रहा है तब भारत सरकार का चुपचाप रहना और वोटिंग से भागना बहुत गलत है।’’
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और भाकपा महासचिव डी राजा ने भी मोदी सरकार की आलोचना की है’ वहीं एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में मतदान से भारत का दूर रहना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने ‘हमास हमले की निंदा की लेकिन संघर्षविराम पर संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव पर खामोश रहे।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में क्या कहा
भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा कि आतंकवाद किसी भी देश के लिए ‘‘हानिकारक’’ है. आतंकवाद से विश्व में कभी शांति नहीं आ सकती क्योंकि आतंकवाद का कोई धर्म, कोई सीमा नहीं होती इसलिए दुनिया को आतंकवादी ताकतों का समर्थन नहीं करना चाहिए दुनिया में मतभेदों और विवादों को बातचीत से हल किया जाना चाहिए,
एजेंसियां