बांग्लादेश में फिर हिंसक हुआ आरक्षण विरोधी आंदोलन…200 से ज्यादा की मौत…देशभर में कर्फ्यू का एलान
बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन फिर से हिंसक हो गया है. प्रदर्शनकारी और पुलिस के बीच कई जगह हिंसक झड़पें हुई हैं. अब तक 200 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं उधर सरकार ने देशव्यापी कर्फ्यू का एलान कर दिया है.
ढ़ाका. एक तरफ हमारे देश में आरक्षण की मांग के नाम पर कभी मराठी आंदोलन होता है तो कभी जाट आंदोलन वहीं दूसरी तरफ बांग्लादेश में आरक्षण के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं.
शेख हसीना ने दिया वार्ता का प्रस्ताव
बांग्लादेश में आरक्षण के विरोध में हो रहा आंदोलन लगातार हिंसक होता जा रहा है. आरक्षण के नाम पर लगी आग रूकने का नाम नहीं ले रही है। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आंदोलनकारियों को वार्ता का प्रस्ताव दिया है लेकिन उनके इस निमंत्रण को प्रदर्शनकारियों ने ठुकरा दिया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन और हिंसक होता जा रहा है। अब तक लगभग 200 से अधिक लोग मारे गए हैं. देशभर के कई हिस्सों में हुई हिंसक झड़पों में रोज कई लोग मारे गए हैं तो सैंकड़ों लोग घायल हो गए हैं।
देशभर में लगा कर्फ्यू
देश के कई इलाकों में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुईं. पुलिस ने कई जगह लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. हिंसा को देखते हुए बांग्लादेश की सरकार ने देशभर में कर्फ्यू लगाने का एलान किया गया है.
पुलिस ने हिंसा को रोकने के लिए हवा में फायरिंग की । प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा है कि सरकार हिंसा को रोकने के लिए पूरा प्रयास कर रही है. सरकार हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटेगी. उधर प्रदर्शनकारी लगातार शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
क्यों हो रहा है आंदोलन
आरक्षण विरोधी आंदोलन की शुरूआत बांग्लादेश के गठन के समय से ही यानि साल 1971 से शुरू होती है। ये वो साल था जब मुक्ति संग्राम के बाद बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी मिली। एक साल बाद 1972 में बांग्लादेश की सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी आरक्षण दे दिया।
इसी आरक्षण के विरोध में इस वक्त बांग्लादेश में प्रदर्शन हो रहे हैं। कई मौकों पर हिंसक हो चुके इस आंदोलन में अब तक देश भर में कम से कम 200 लोगों की मौत हो चुकी है. सरकार द्वारा लाए गए आरक्षण नियमों के खिलाफ ये आंदोलन हो रहा है. प्रदर्शनकारी आरक्षण को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं.
हिंसा का सबसे बड़ा केंद्र बांग्लादेश की राजधानी ढाका है। रविवार को प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ ढाका के केंद्रीय शाहबाग़ स्क्वायर में जमा हो गई, प्रदर्शनकारियों में कई लाठी-डंडों से लैस थे और मुंह को स्कार्फ से ढंके हुए थे।