सीनियर सिटीज़न डे स्पेशल : मार्गदर्शक मंडल के साथ-साथ मुख्यधारा में बुजुर्गों को लाएं, देश और समाज बेहतर बनाएं
आज विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस है. हर साल 21 अगस्त को ये दिवस देश दुनिया में बुजुर्गों की दशा और दिशा पर चिंतन करके मना तो लिया जाता है लेकिन दरअसल उन्हें भुला दिया जाता है. हमारे बुजुर्गों के पास जीवन के अनुभवों का ख़जाना होता है, जिससे हम बहुत कुछ सीख सकते हैं. ये तभी संभव है जब हम उन्हें मार्गदर्शक मंडल के बजाय परिवार, समाज और देश की मुख्यधारा में लाएं.
युवाओं से अपेक्षा, बुजुर्गों की न करें उपेक्षा
विकास के इस युग में हर क्षेत्र में इंसान की मानसिकता बदल रही है. अपने घर, परिवार सहित अपने बड़े बुजुर्गों के प्रति भी आज के इंसान का रवैया बदल गया है. हम सभी के घरों में कोई न कोई ऐसे बुजुर्ग व्यक्ति होते हैं, जो हमसे बहुत प्यार करते हैं। घर में बुजुर्गों का होना भगवान का आशिर्वाद होता है।
बुजुर्गों के इसी प्यार और सम्मान को जाहिर करने हर साल साल 21 अगस्त को विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस मनाया जाता है। इस साल 32वां साल मनाया गया है। यह दिन हमें बड़े बुजुर्गों के सम्मान, अधिकार और उनके दिखाए हुए मार्गदर्शन पर चलने की प्रेरणा देता है।
बुजुर्गों को ऐसे रखें ध्यान, दें उन्हें मान-सम्मान
इस दिन को खूबसूरत बनाने के लिए हम अपने घर में रहने वाले अपने माता-पिता, दादा-दादी, नानानानी और दूसरे सीनियर के साथ वक्त बिताएं, इससे अच्छा उपहार उनके लिए कुछ नहीं हो सकता है, उनके साथ बैठें खुलकर उन्हें बोलने दें.
उनकी जिंदगी के किस्से सुनें, उनके अनुभवों से सीख लें, उनके बताई गई बातों पर अमल करें और उन्हें ढ़ेर सारा प्यार दें, ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि वृद्धावस्था उम्र का वो पड़ाव होता है जहां न कोई बोलने वाला होता है न कोई सुनने वाला।
युवाओं की जिंदगी रफ्तार के साथ भाग रही होती है, ऐसे में घर में बुजुर्ग अकेलेपन का शिकार होते हैं। आज सीनियर सिटीजन डे के मौके पर हमने कुछ हसीन पल अपने घर में बुजुर्गों से साथ बिताएं हैं।
बुजुर्ग माता-पिता से दूरी, ऐसी भी क्या मज़बूरी
साथियों बात अगर हम वर्तमान परिपेक्ष की करें तो आधुनिक समाज में सभी देख रहे हैं कि वरिष्ठ नागरिक अकेले पड़ते जा रहे हैं। रोजगार और आर्थिक प्रगति की दौड़ में बच्चे मां-बाप से अलग रहने पर मजबूर हैं, इस वजह से कई बार बुजुर्ग कुंठिक हो जाते हैं, और समय के साथ बदलाव स्वीकार नहीं कर पाते हैं।
परिवर्तन प्रकृति का नियम है, इसलिए वरिष्ठ नागरिकों को भी अपने सुरक्षित जीवनयापन और अधिकार के लिए जागरूक रहने की जरूरत है। जैसा कि सामाजिक विचारक जेम्स गारफील्ड ने कहा भी है कि- यदि वृद्धावस्था की झुर्रियां पड़ती हैं, तो उन्हें हृदय पर मत पड़ने दो. कभी भी आत्मा को वृद्ध मत होने दो।
बुजुर्गों के प्रति क्या है संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट?
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट की करें तो, रिपोर्ट के अनुसार, अगले तीन दशकों में, दुनिया भर में वृद्ध व्यक्तियों की संख्या दोगुनी से अधिक होने का अनुमान है, जो 2050 में 1.5 बिलियन से अधिक हो जाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय निकाय ने कहा कि कोरोनोवायरस महामारी ने मौजूदा असमानताओं को बढ़ा दिया है, पिछले तीन वर्षों में वृद्ध व्यक्तियों के जीवन पर सामाजिक आर्थिक, पर्यावरण, स्वास्थ्य और जलवायु संबंधी प्रभावों को तेज कर दिया है, विशेष रूप से वृद्ध महिलाएं जो वरिष्ठ नागरिकों का बहुमत बनाती हैं।
इस प्रकार, विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस जागरूकता फैलाने, चुनौतियों को उजागर करने और संबोधित करने और वरिष्ठ नागरिकों के मील के पत्थर का जश्न मनाने के लिए एक अवसर और अनुस्मारक दोनों के रूप में कार्य करता है।
अगर हम पहले और अभी के जमाने में बुजुर्गों के सम्मान की तुलना करें तो, एक समय था जब बुजुर्ग को परिवार पर बोझ नहीं बल्कि मार्गदर्शक समझा जाता था और बुज़ुर्गों की तुलना घर की छत से की जाती थी जिसके आश्रय में परिवार के सभी सदस्य सुरक्षित महसूस करते थे, लेकिन आज वही छत अपनी सुरक्षा की तलाश में भटक रही है।
टूटते संयुक्त परिवार, निज स्वार्थ की बढती भावना, नैतिक और सामजिक जिम्मेदारियों का अवमूल्यन जैसे अनेक कारण हैं जिनके कारण बुजुर्गों को आज परिवार में वो अहम स्थान नही मिल रहा जिनके वो असल में हकदार हैं।
आधुनिक जीवन शैली, पीढ़ियों के विचारों में भिन्नता आदि के कारण आजकल की युवा पीढ़ी निष्ठुर और कर्तव्यहीन हो गई है जिसका खामियाजा बुजुर्गों को भुगतना पड़ता है। बुजुर्गों का जीवन अनुभवों से भरा पड़ा होता है, उन्होंने जीवन में कई धूप-छाँव देखे होते हैं, हमें उनके अनुभवों को जीवन में अपनाना चाहिए।
बुजर्गों के लिए सरकारी योजनाएं
अगर हम वरिष्ठ नागरिकों को मिली शासकीय योजनाओं की बात करें तो बहुत सी योजनाएं हैं जैसे कि बुजुर्गों की देखभाल के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम, वरिष्ठ मेडिक्लेम पॉलिसी, राष्ट्रीय वायोश्री योजना, वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना, वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष, वयो श्रेष्ठ सम्मान, रिवर मॉर्गेज योजना, पहली अखिल भारतीय टोल फ्री हेल्पलाइन, प्रधानमंत्री वय वंदन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना.
बुजुर्गों को मिलने वाली सुविधाएं
बुजुर्गों को टैक्स में छूट मिलती है. 60 साल या उससे अधिक आयुवाले वरिष्ठ नागरिकों को आयकर विभाग के द्वारा टैक्स में छूट दी जाती है। हवाई यात्रा, ट्रेन और बस यात्रा में भी सरकारों में छूट ज्यादा उम्र वाले वरिष्ठ नागरिकों को सभी सरकारी और प्राइवेट कंपनियों के द्वारा टिकट पर 50 फ़ीसदी तक की छूट दी जाती है।
ब्याज में छूट- रिटायरमेंट के बाद वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज सहित बैंक की कई योजनाओं में छूट दी जाती है। बीमा में छूट- वरिष्ठ नागरिकों को बीमा कंपनियों के द्वारा भी छूट दी जाती है।
हर साल की तरह से इस साल भी हमने विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस मनाया लेकिन सही अर्थों में हमारा देश तभी महान बनेगा जब हम हम बुजुर्गों को मार्गदर्शक मंडल के साथ साथ परिवार, समाज और देश की मुख्यधारा में लाएं.