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आवाज़ की दुनिया में करियर बनाने के कितने ‘रंग’…बता रहे हैं ‘दिल्ली मेट्रो की आवाज’ कहे जाने वाले शम्मी नारंग

आवाज़ की दुनिया में भी शानदार करियर है. बदलते दौर के साथ वीओ आर्टिस्ट के अलावा ऑडियो बुक्स, ऑडियो कॉमिक्स और कॉर्टून जैसी कई जगहों पर कैसे काम करके नाम और दाम कमा सकते हैं. YT News ने इस बारे में डीडी न्यूज के पूर्व एंकर और 'दिल्ली मेट्रो की आवाज' कहे जाने वाले शम्मी नारंग जी से ख़ास बातचीत की. पेश है प्रमुख अंश

रिया नामदेव

आवाज़ की दुनिया में आपको ‘आवाज का जादूगर’ कहा जाता है. आपने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है तो फिर मीडिया में अपना करियर बनाने की शुरूआत कैसे हुई?

जी जैसे नियति है ये सब मामला किस्मत का था, मैं इंजीनियरिंग के चौथे साल में था ,तब हमारे कॉलेज में एक ऑडिटोरियम बन रहा था। तो वहां पर कुछ विदेशी आए हुए थे, वे सब वहां पर स्पीकर्स,और माइक्रोफ़ोन्स लगाने आये हुए थे। उस वक्त हिंदुस्तान में इतनी टेक्नोलॉजी नही थी ये बात 1978 की है। उस वक्त कम से कम 60 बच्चे शो देख रहे थे

जब वो अंग्रेजी सीधी लगाकर स्पीकर को सेट का रहा था तो उसको एक ऐसे इंसान की जरूरत थी जो उसे माइक पर आवाज़ देकर (audio check) करवाये। मैंने उस दिन तो नहीं सोचा कि कभी आवाज की दुनिया में करियर बनाऊंगा लेकिन उन लोगों के बीच जैसे ही मैने ऑडियो चेक के बहाने बोलना शुरू किया तो सब अपना काम छोड़कर मुझे सुनने लगे.

वहां पर एक सज्जन कार्यक्रम के बाद आकर मुझसे बोल कि क्या आपने कभी अपनी आवाज़ किसी माइक या वॉइस ओवर के जरिये सुनी है? मैंने कहा नहीं तो फिर वे बोले की तुम्हारी आवाज बहुत अच्छी है, कल हमारे स्टूडियो में आ सकते है। फिर मैं वहां गया तो पता चला कि वह वॉयस ऑफ अमेरिका का ऑफिस है इसके बाद फिर आवाज की दुनिया में मुझे अपना करियर बनाने का ख्याल आया।

ऐसा कहा है कि दूरदर्शन में आपका सिलेक्शन 10 हजार लोगों में से हुआ था, कुछ अपने संघर्ष से लेकर सफलता तक के सफऱ के बारे में बताएं?

जी हां ये सच है कि दूरदर्शन में उस वक्त करीब 10,000 लोगों ने एप्लिकेशन दी थी जिसमें से 300 लोगों को स्वर परीक्षा यानि voice test के लिए बुलाया गया, उसके बाद 100 लोग अगले राउंड के लिए शॉर्ट लिस्ट हुए फिर रिटेन एग्जाम हुआ जिसमें 25 लोग पास हुए फिर लास्ट राउंड में कैमरा टेस्ट हुआ जिसमें सिर्फ मुझ अकेले को चुना गया था।

इसके बाद भी सीखने का सिलसिला जारी रहा. कई अच्छे अच्छे गुरुओं से मुलाक़ात हुई जिनसे मुझे भाषा को और अधिक निखारने में मदद मिली। आपके शब्द आपके हाथ में है जितना अच्छा उच्चारण करेंगे उतना अच्छे से उभर कर सामने आएंगे।

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अब न्यूज रीडर्स को एंकर कहा जाने लगा है. आज कल के न्यूज चैनलों के एंकर्स की भाषा शैली पर आप क्या कहना चाहेंगे?

मुझे अच्छे से याद है कि हमारे पैरेंट्स कभी कहते है कि अगर भाषा सीखना है, भाषा को संवारना है तो आकाशवाणी सुने, दूरदर्शन देखो लेकिन अब अगर मैं कहूँ कि अपनी भाषा को बिगाड़ना हो तो प्राइवेट एफएम सुनो, प्राइवेट न्यूज चैनल देखो. द

दरअसल इन लोगों को अपनी भाषा पर गंभीरता से काम करना चाहिए, उसमें सुधार करना चाहिए कुछ लोग सुधार करेंगे भी लेकिन कुछ लोगो को अगर आप ऐसा कहो तो उनको बुरा लगता है उन्हे नहीं पसंद कोई उनकी कमी निकाले। पर जब तक आप अपनी गलती को सुधारेंगे नहीं तो सीखेंगे कैसे? इसलिए अपनी गलतियों पर काम करना भी बहुत जरूरी है।

आपको दिल्ली मेट्रो की आवाज कहा जाता है, ये सफलता कैसे मिली?

दिल्ली मेट्रो की शुरूआत में जब अनाउंसमेट की बात चल रही थी तो मुझसे मेट्रो के अधिकारियों ने संपर्क किया और कहा कि आपको आवाज देनी है तो मैंने कहा कि मैं तो न्यूज रीडर हूं, अनाउंसर की आवाज पता नहीं लोगों को पसंद आए न आए पर उन्होंने कहा कि बिलकुल आएगी फिर ऑडिशन हुआ और फाइनली मेरी आवाज उनको अच्छी लगी और इस तरह मेट्रो की पहली लाइन से लेकर जो नई नई लाइनें खुल रही हैं सब जगह मेरी आवाज़ गूंज रही है.

आवाज़ की दुनिया में करियर बनाने वालों को क्या सलाह देना चाहेंगे?

सबसे पहले तो चेहरा दिखाने वाले ग्लैमर की मोह माया से बचना होगा फिर हिंदी को अच्छे से सीखने होगा ख़ास तौर पर उच्चारण दोष को दूर करना बेहद जरूरी है क्योंकि जब तक आपकी शब्दों के लिए पकड़ मजबूत नहीं होगी आप अच्छे से बोल नही पाएंगे। रोज़ आपको अखबार पढ़ना चाहिए और पूरा पढ़ना चाहिए उससे आपको हिंदी के नए नए शब्द पढ़ने को मिलेंगे। उन नए शब्दों को लिखिए और बोलकर प्रैक्टिस कीजिए, अपनी आवाज़ रिकॉर्ड करके प्रैक्टिस करें और किसी विद्वान व्यक्ति को सुनाएं और फीडबैक लें.

आपको अपनी आवाज़ को उस तरह से ट्रेन करना होगा जैसे अगर कभी लड़ाई की खबर आ जाये तो अप उस तरह से बोलो अगर कभी किसी के देहांत की खबर है उस तरह से दुख से भरी आवाज में बोलना चाहिए। कहने का मतलब है कि आवाज में वैरिएशन होना चाहिए।

रही बात करियर की तो आज के डिजिटल मीडिया के युग में आवाज़ की दुनिया में बहुत शानदार करियर है. पॉडकॉस्ट, ऑडियो बुक्स, वीओ आर्टिस्ट, ऑडियो कॉमिक्स और ऑडियो कॉर्टून जैसी कई जगहों पर कैसे काम करके नाम और दाम कमा सकते हैं.

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Bureau Report, YT News

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