डिजिटल बैंकिंग करने वाले रहें होशियार…कहीं इस तरह से न हो जाएं फ्रॉड के शिकार.. जानिए बचने के लिए कैसे रहें तैयार…!!
दीपा मिश्रा
आज के समय में टेक्नोलॉजी बहुत आगे बढ़ रही है, और आम लोगों को खुद से जोर रही हैं। लोग अपने जीवन को बेहतर और आसान बनाने के लिए नेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल कर रहे हैं। डिजिटल टेक्नोलॉजी की मदद से लोग यूपीआई ट्रांजैक्शन कर रहे है। अगर किसी व्यक्ति को कोई सामान खरीदना है या फिर किसी को पैसे भेजने है तो वो बड़ी आसानी से सिर्फ कुछ ही सेकंड्स में यूपीआई के जरिए ये कर सकता हैं।
डिजिटल ट्रांजैक्शन से लोगों को काफी सहूलियत होती है तो समय भी बचता है..लेकिन इसका दूसरा पहलू ये भी है कि लोग डिजिटल फ्रॉड के शिकार भी हो जाते हैं.
आम तरह में ज्यादातर लोगों के पास एक या फिर दो से अधिक बैंक अकाउंट्स होते ही हैं। जिस वजह से वे हर एक बैंक अकाउंट्स को सही तरीके से मेंटेन और हैंडल नही कर पाते हैं। ऐसे खाते बैंक में निष्क्रिय पड़े रहते है और बाद में कई बार मिनिमम बैलेंस मेंटन न होने के कारण, लोगों से बैंक हर्जाना भी वसूलते हैं। कई बार साइबर फ्रॉड करने वाले लोग उनका डिटेल्स निकालकर उनका एकाउंट साफ कर देता है उन्हें पता भी नही चलता और जब तक पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती हैं।
कैसे होता है आपके बैंक अकाउंट के साथ फ्रॉड?
ऐसे कई कारण है जिस वजह से आपके साथ कोई भी फ्रॉड कर सकता हैं जैसे:
•अकाउंट सही तरीके से हैंडल और मेंटेन ना कर पाने से खाता निष्क्रिय पड़ जाता है बैंक में जिस कारण वस कोई भी व्यक्ति खाता धारक का पैन कार्ड या अन्य कोई आईडी चुरा कर उसके अकाउंट से पैसा गायब कर देता है।
•कई बार लोग अपने पासवर्ड तथा आईडी को भूल जाते हैं। जिसके चलते फ्रॉड की आशंका बढ़ जाती है।
• इसके अलावा एक से अधिक खाते खुलवाने पर आपको डेबिट कार्ड के पासवर्ड याद रखना मुश्किल हो जाता है। जिससे लोगों को बैंक खाते खाली हो रहे हैं।
• अगर कोई व्यक्ति एक से ज्यादा खाते रखता है तो उसको ITR भरने में काफी समस्या आती है। असल में एक से ज्यादा खाते होने पर सबकी डिटेल याद रखना मुश्किल रहती है ओर ITR भरने में गड़बड़ी हो सकती है, इस वजह से भी लोगों के साथ फ्रॉड की समस्या बढ़ रही है।
• वही एक से अधिक खाते रखने पर खर्च बढ़ता जाता है क्यों की आपको ATM चार्ज, SMS चार्ज तथा चेक बुक का चार्जेस सालाना देना होता है। ये बोझ भी आप के पॉकेट पर खर्च बढ़ा देती है।
बैंकिंग फ्रॉड से कैसे बचें
- सबसे पहले तो कई बैंकों में अगर अकाउंट है तो उसको बंद करके केवल एक या दो बैंकों में ही अकाउंट रखें
- नेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग का प्रयोग करते समय सावधान रहें. अपना लाग-इन और दूसरे जरूरी पासवर्ड को समय समय पर बदलते रहें. अपने घर के एड्रेस, गाड़ी नंबर, जन्म तिथि आदि से जुड़े पासवर्ड नहीं बनाएं. आपका पासवर्ड यूनिक होना चाहिए जिसमें नंबर्स, टेक्सट, स्पेशल करेक्टर्स सब कुछ हो.
- किसी भी तरह का फोन आने पर अपना पासवर्ड, ओटीपी, लाग-इन आई डी न बताएं.
- किसी भी तरह के लालच में न आएं जैसे कि आप इस लाटरी के विनर बने हैं, तो पैसा पाने के लिए अपने बैंक की डिटेल्स दें. ये सब फेक होता है जिसके जरिए फ्रॉड किया जाता है.
- एटीएम कार्ड चोरी या खो जाने की स्थिति में तुरंत इसे ब्लाक कराएं.
- किसी भी तरह का बैंकिंग फ्रॉड होने पर अपने बैंक के ब्रांच मैनेजर से मिलें, शिकायत दर्ज कराएं या संबंधित बैंक के कस्टमरकेयर पर संपर्क करें. पुलिस और साइबर सेल में भी कंपलेन दर्ज करा सकते हैं.