राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘Bhoroxa’ मोबाइल ऐप किया लॉन्च…जानिए कैसे महिलाओं और बुज़ुर्गों की होगी इससे मदद?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गुवाहाटी हाई कोर्ट के प्लेटिनम जुबली समारोह के दौरान Bhoroxa नाम का ऐप लॉन्च किया गया।इस ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है. इसके बाद कोई भी महिला इमरजेंसी की स्थिति में SOS मैसेज भेज सकती है इसके बाद अधिकारियों तक महिला का लाइव लोकेशन पहुंच जाएगी जिसके आधार पर उसकी जल्द से जल्द मदद की जाएगी.
भारत में महिला सुरक्षा का मुद्दा हमेशा से एक अहम मुद्दा रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुवाहटी हाईकोर्ट में ‘भोरोक्सा’ मोबाइल ऐप लॉन्च किया. आइए जानते हैं क्या है इस एप की ख़ासियत?
‘भोरोक्सा’ एप की ख़ासियत
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार को गुवाहाटी में गुवाहाटी उच्च न्यायालय के 75 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित समारोह में शामिल हुईं। इस दौरान उन्होंने ‘भोरोक्सा’ मोबाइल ऐप लॉंच किया. इसमें कई विशेषताएँ हैं।
भरोक्सा एप महिलाओं और बुज़ुर्गों की मदद करेगा । इसमें राज्य भर में विभिन्न हेल्पलाइन नंबर और महिलाओं से संबंधित योजनाएं शामिल हैं, और यह संकट में महिलाओं को मदद करेंगी।
इस ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है. इसके बाद कोई भी महिला इमरजेंसी की स्थिति में SOS मैसेज भेज सकती है इसके बाद अधिकारियों तक महिला का लाइव लोकेशन पहुंच जाएगी जिसके आधार पर उसकी जल्द से जल्द मदद की जाएगी.
ऐप की मुख्य विशेषताओं में से एक मदद मांगने वाली महिलाओं के लिए 181 हेल्पलाइन नंबर है। इस हेल्पलाइन के जरिए संकट में फंसी महिलाएं तक तुरंत मदद पहुंचाई जाएगी। ऐप में महिला सशक्तिकरण और उनकी सुरक्षा के उद्देश्य से विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई है।
यह ऐप महिलाओं तक तत्काल मदद पहुँचाता है। मुसीबत में फंसी महिलाओं के लिए यह अच्छा साधन हो सकता है। इस ऐप में मौजूद सारे हेल्पलाइन नंबर्स काम महिलाओं तक जल्द से जल्द मदद पहुँचाते हैं।
‘भोरोक्सा’ मोबाइल ऐप का गुवाहटी उच्च न्यायालय के प्लेटिनम जुबली समारोह का एक हिस्सा था। इस मौके पर राष्ट्रपति ने कहा कि 1948 में अपनी स्थापना के बाद, गुवाहटी हाई कोर्ट के पास सात राज्यों पर अधिकार क्षेत्र था और अब 4 राज्यों का है.
राष्ट्रपति ने अपने भाषण में कहा कि न्याय समावेशी और सर्वसुलभ होना चाहिए। उन्होंने कहा भाषा की बाधा न्याय करते वक्त नहीं आनी चाहिए. इस दिशा में अच्छी प्रगति हुई है. कुछ हाईकोर्ट अब क्षेत्रीय भाषाओं में भी फैसले उपलब्ध कराने शुरू कर दिए हैं। इससे न्याय की प्रक्रिया में और अधिक मजबूती आएगी.
(ये स्टोरी YT NEWS के साथ इंटर्न कर रही RUCHI ने लिखी है)