चैत्र नवरात्र: पहले दिन मां दुर्गा के स्वरूप शैलपुत्री की होती है उपासना…जानिए कैसे करें देवी की पूजा-अर्चना
चैत्र नवरात्र आज से शुरू हो रहे हैं. नवरात्र में मां दुर्गा के 9 रुपों की पूजा होती है. हिंदू धर्म में नवरात्रि को बेहद पवित्र माना गया है, इस बार किस तरह का महासंयोग बन रहा है, आइए जानते हैं?
धर्म-कर्म डेस्क
चैत्र नवरात्र आज से शुरू हो रहे हैं. नवरात्र में मां दुर्गा के 9 रुपों की पूजा होती है. हिंदू धर्म में नवरात्रि को बेहद पवित्र माना गया है। देवी दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की आराधना होती है.
बेहद ख़ास है चैत्र नवरात्र
इस बार की चैत्र नवरात्रि पूरे 9 दिन की है। इस साल 22 मार्च से लेकर 30 मार्च तक भक्ति और शक्ति के इस पर्व को मनाया जाएगा.
पंडितों के मुताबिक, पूरे नौ दिन की नवरात्रि बेहद शुभ होती है. इस बार के चैत्र नवरात्र बेहद ख़ास इस वजह से भी है क्योंकि इस बार मां दुर्गा का आगमन नाव यानी नौका पर हो रहा है जिसे बेहद शुभ माना जाता है।
वैसे तो मां दुर्गा का वाहन सिंह यानि शेर है लेकिन धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक नवरात्रि के पावन दिनों में धरती पर आते समय उनकी सवारी बदल जाती है।
शास्त्रों के अनुसार मां जगदंबे की सवारी नवरात्रि के प्रारंभ होने वाले दिन पर निर्भर करती है। नवरात्रि का प्रारंभ जिस दिन होता है, उस दिन के आधार पर उनकी सवारी तय होती है।
इस नवरात्रि बन रहा है महासंयोग
इस बार की नवरात्रि पर महासंयोग बन रहा है। चैत्र मास की नवरात्रि पूरे 9 दिनों की है. प्रतिपदा तिथि 21 मार्च रात में 10 बजकर 53 मिनट पर लग जाएगी। इसलिए 22 मार्च को सूर्योदय के साथ नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना के साथ होगी।
इस बार तीन सर्वार्थ सिद्धि, तीन रवि योग, दो अमृत सिद्धि योग और गुरु पुष्य का अद्भुत संयोग बन रहा है।
सर्वार्थ सिद्धि योग 23, 27 और 30 मार्च को लगेगा वहीं अमृत सिद्धि योग 27 और 30 मार्च को जबकि रवि योग 24, 26 और 29 मार्च को लगेगा। नवरात्रि के अंतिम दिन श्री रामनवमी पर गुरु पुष्य योग का भी महासंयोग बन रहा है. इस नवरात्र पर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना का विशेष फल मिलने वाला है.
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