एंटरटेनमेंट
फिल्मों, टीवी में काम करने वाले बाल कलाकारों के लिए गाइडलाइंस: चाइल्ड आर्टिस्ट नहीं होंगे परेशान, प्रोड्युसर्स को इन नियमों पर देना होगा ध्यान
रश्मि शंकर
- अब बाल कलाकार नहीं होंगे परेशान
- पढ़ाई और काम दोनो पर देंगे पूरा ध्यान
- बाल कलाकारों की सुरक्षा से जुड़े अहम दिशा निर्देश जारी
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग यानी (एनसीपीआर) ने बाल कलाकारों (चाइल्ड आर्टिस्ट) से जुड़े नई गाइडलाइंस जारी किया है. इसके तहत किसी भी बाल कलाकार को मनोरंजन उद्योग में काम करने की इजाज़त है। किसी भी कीमत पर बाल शोषण न हो, उनके अधिकारों का हनन न हो, इसके लिए प्रोड्युसर, डायरेक्टर को कौन सी बातों का ध्यान रखना होगा, आइए जानते हैं-
- किसी भी चाइल्ड आर्टिस्ट को एक सप्ताह में 27 घंटे से ज्यादा काम नहीं लिया जा सकता. बच्चे को हर तीन घंटे पर ब्रेक दिया जाएगा और सिर्फ़ पहली पाली में ही काम करा सकते
- चाइल्ड आर्टिस्ट की आय का कम से कम 20 फीसदी सीधे उनके नाम पर किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक में सावधि खाते में जमा करना होगा ।
- शूटिंग के दौरान बच्चों को सुरक्षित वातावरण देना होगा
- गाइडलाइंस का उल्लंघन करने पर जुर्माने और कारावास होगा
- शूटिंग हेतु जिला मजिस्ट्रेट से इजाजत लेनी होगी
- एनसीपीसीआर का कहना है की बाल कलाकारों की शूटिंग के लिए निर्माताओं को वहां के जिला मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी होगी की उनकी शूटिंग में बाल कलाकार भी शामिल हैं।
- किसी भी तरह के नशीले पदार्थ (शराब सिगरेट) से दूर रखना होगा। बच्चों को वयस्कों और खासतौर पर विपरीत लिंग के लोगों के साथ ड्रेसिंग स्पेस या कमरे साझा करने के लिए नहीं कहा जाना चाहिए।
बच्चे की पढ़ाई में नहीं हो कोई नुकसान:
निर्माताओं को इस बात का खास खयाल रखना होगा की काम के वजह से बच्चों की पढ़ाई में कोई नुकसान ना हो। अगर किसी कारणवश शिक्षा प्रभावित हुई तो उन्हें निजी ट्यूटर उपलब्ध कराना होगा।
किशोर न्याय अधिनियम, 2015, बाल श्रम संशोधन अधिनियम, 2016, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 और सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 के तहत बच्चों को अपराधों से बचाने के लिए कुछ नए कानून बनाए गए हैं।