डिजिटल इंडिया के बढ़ते कदम, दिल्ली सरकार ने किया ‘वर्चुअल स्कूल’ का शुभारंभ, यहां बिना फीस दिए ऐसे होगी पढ़ाई?
प्रीती गुप्ता
शिक्षा जीवन का आधार है और बदलते वक्त के शिक्षा की नींव को मजबूत करने के लिए दिल्ली में वर्चुअल स्कूल की शुरूआत की गई है जहां बिना किसी फीस के आप पढ़ाई कर सकते हैं, जानिए कैसे?
क्या है वर्चुअल स्कूल?
वर्चुअल स्कूल अर्थात ऐसी शिक्षा जो आप भारत के किसी भी कोने में से घर बैठे ऑनलाइन पा सकेंगे। यह स्कूल पूरी तरह से ऑनलाइन पर आधारित होगा इस वर्चुअल स्कूल में क्लासेस पूरी तरह से ऑनलाइन होंगी। स्कूल में 9 से 12वीं कक्षा तक के कोई भी छात्र पढ़ाई कर सकता है जिनकी उम्र 13 से 18 वर्ष के बीच में है।
स्कूल में क्या-क्या होंगी सुविधाएं?
वर्चुअल स्कूल में आपकी ऑनलाइन क्लासेज होंगी, इसके लिए स्टडी मैटीरियल यानि बुक्स वगैरह भी दी जाएंगी. इसमें ऑनलाइन प्रैक्टिकल्स, एसेसमेंट, और एग्जाम भी होंगे।
फिलहाल इस स्कूल में इंग्लिश, हिंदी, मैथमेटिक्स, साइंस, सोशल साइंस और कंप्यूटर साइंस जैसे सब्जेक्ट पढ़ाए जाएंगे। वर्चुअल स्कूल में स्टूडेंट्स के लिए प्रैक्टिकल क्लास भी ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएगी।
ऑनलाइन स्कूलिंग प्लेटफार्म में वर्चुअल ऐप के जरिए वे प्रैक्टिकल करने में सक्षम होंगे। फिजिकल स्कूल की तरह वर्चुअल स्कूल में भी पढ़ाई का माध्यम इंग्लिश और हिंदी होगा।
ऑनलाइन क्लासेज वाले इस विद्यालय में डिजिटल लाइब्रेरी भी होगी साथ ही क्लासेस रिकॉर्ड की जाएंगी जिससे बच्चे 24 घंटे में कभी भी क्लास ले पाएंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात है कि बच्चों को किसी भी वर्चुअल क्लास से जुड़ने की आजादी रहेगी।
कैसे मिलेगा एडमिशन?
देशभर के किसी भी राज्य के बच्चे इस वर्चुअल स्कूल में एडमिशन ले सकेंगे। नए सेशन के लिए अभी 9वीं क्लास में एडमिशन होंगे जिस स्टूडेंट ने आठवीं क्लास की पढ़ाई किसी भी मान्यता प्राप्त स्कूल से की है वह आवेदन कर सकता है।
यह स्कूल दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन से मान्यता प्राप्त होगा। इस बोर्ड की मान्यता भी बाकी बोर्ड की तरह ही होगी 12वीं के बाद आगे की पढ़ाई के लिए सभी यूनिवर्सिटी इंस्टिट्यूट में इस स्कूल के सर्टिफिकेट को माना जाएगा।
वर्चुअल स्कूल में दाखिला लेने के लिए आपको ऑनलाइन एडमिशन लेना होगा। 9वीं क्लास में दाखिला लेने के लिए एडमिशन शुरू हो गए हैं।
13 साल से 18 साल का कोई भी स्टूडेंट स्कूल की वेबसाइट www.dmvs.ac.in पर जाकर 4 सितंबर तक दाखिले के लिए आवेदन कर सकते हैं।
वर्चुअल स्कूल में पढ़ाई करने के लिए आपसे किसी भी तरह की फीस नहीं ली जाएगी स्टूडेंट्स मुफ्त में शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
गूगल और स्कूल नेट इंडिया की सहायता से बना है वर्चुअल स्कूल
आप सरकार द्वारा शुरू किए गए वर्चुअल स्कूल को गूगल और स्कूल नेट इंडिया ने बनाया है इसमें हर स्टूडेंट को आईडी और पासवर्ड दिया जाएगा जिससे वह स्कूलिंग प्लेटफार्म पर ब्लॉगिंग करेगा लॉग इन करने के बाद स्टूडेंट्स लाइव क्लासेज में भी शामिल हो सकते हैं.
साथ ही रिकॉर्ड की गई क्लासेस को भी देख सकेंगे और ट्यूटोरियल्स सप्लीमेंट्री लर्निंग मटेरियल भी प्राप्त कर सकते हैं।
वर्चुअल स्कूल में शिक्षा देने के लिए दिल्ली के सरकारी शिक्षकों को चुनकर विशेष तरीके से तैयार किया गया है। स्कूलिंग प्लेटफार्म में स्टूडेंट की अटेंडेंस ट्रैक करने का भी सिस्टम होगा।
दिल्ली में आयोजित की जाएंगी परीक्षाएं
केजरीवाल सरकार द्वारा शुरू की गए वर्चुअल स्कूल में देशभर के किसी भी कोने से बच्चे इस वर्चुअल स्कूल का हिस्सा बन सकते हैं। परंतु उन सभी विद्यार्थियों को परीक्षा देने के लिए दिल्ली आना होगा।
परीक्षाएं दिल्ली के सरकारी स्कूलों में आयोजित की जाएंगी और यह परीक्षाएं कंप्यूटर बेस्ट एग्जाम की तरह होंगे। इन परीक्षाओं में भी दो टर्म एंड एग्जाम होंगे और बीच-बीच में योग्यता आधारित आकलन भी होगा।
वर्चुअल स्कूल में यह सुविधा भी दी गई है यदि कोई विद्यार्थी किसी विषय या सिलेबस के कुछ हिस्से पर खुद को परखना चाहता है तो वह ऑनलाइन एसेसमेंट के लिए अप्लाई कर सकता है।
वर्चुअल स्कूल पर सियासत
जब से केजरीवाल ने वर्चुअल स्कूल खोलने का ऐलान किया है तब से इस पर सियासत छिड़ी हुई है। विपक्षी पार्टी की ओर से तीखी बहस की जा रही है।
वहीं यह भी दावा किया जा रहा है कि यह देश का पहला वर्चुअल स्कूल नहीं है इससे पहले ही बीजेपी की सरकार उत्तराखंड और दिल्ली के एनआईओएस में वर्चुअल स्कूल खोल चुकी है।
2020 में भाजपा शासित राज्य उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून में देश का पहला वर्चुअल स्कूल शुरू किया था स्कूल के जरिए भारतीय ज्ञान परंपरा, वैदिक, गणित, विज्ञान, भारतीय, शास्त्रीय संगीत, संस्कृति कला और परंपराओं की शिक्षा दी जा रही है।
वहीं मई 2021 में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एनआईओएस में वर्चुअल स्कूल का उद्घाटन किया था। यह जानकारी ट्वीट कर बताई थी।
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था 3 से 9 वर्ष के 7.5 करोड़ छात्रों को पढ़ने लिखने और अंक गणित में कुशल बनाने के लिए की वर्चुअल शिक्षा की शुरुआत की जा रही है।