शिक्षा पर संग्राम: बीजेपी का केजरीवाल सरकार पर निशाना, सिर्फ विज्ञापनों पर है अच्छी शिक्षा, 8 वर्षों में बंद हुए 31 स्कूल, 745 स्कूलों में नहीं है प्रिंसिपल.
प्रीती गुप्ता, एजुकेशन डेस्क
शिक्षा जीवन की मूलभूत आवश्यकता है. सरकारों को शिक्षा और स्वास्थ्य पर सबसे अधिक ध्यान देना चाहिए. दिल्ली की केजरीवाल सरकार अपने एजुकेशन मॉडल को बेस्ट कहती है तो बीजेपी कहती है कि एडवर्टीजमेंट में शिक्षा व्यवस्था अच्छी है लेकिन हकीकत में बेहाल है. पिछले 8 वर्षों में 31 से ज्यादा स्कूल बंद हो गए हैं। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि दिल्ली सरकार ने अपने चुनाव घोषणापत्र में 500 स्कूल और 20 कॉलेज खोलने का वादा किया था परंतु ये वादा आज तक पूरा नहीं हुआ.
कई स्कूलों में नहीं है शिक्षक
बीजेपी का कहना है कि दिल्ली के स्कूलों की दशा और दिशा बदलने का वादा करने वाली आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली मॉडल ऑफ एजुकेशन का विज्ञापन खूब किया. इन विज्ञापनों में जितना पैसा खर्चा किया, उसका आधा भी स्कूलों की स्थिति में खर्च करते तो आज दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था बेहतरीन होती.
बीजेपी नेता शहजाद पूनेवाला ने कहा कि दिल्ली के 1000 से अधिक स्कूल में से 700 स्कूल में विद्यार्थियों के लिए विज्ञान और कॉमर्स की स्ट्रीम उपलब्ध तक नहीं है, उन्होंने ये भी कहा कि 745 स्कूलों में प्रिंसिपल नहीं है। उन्होंने यह भी दावा किया कि 418 स्कूलों में वायस- प्रिंसिपल है।
उन्होंने सूचना के अधिकार (आरटीआई) से प्राप्त जानकारी के हवाले से कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो के छात्रों के लिए आरक्षित 40,000 सीटें खाली है जिसके लिए कोर्ट ने भी दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है।
बीजेपी का वार, आम आदमी पार्टी का पलटवार-
बीजेपी के इस हमले पर आम आदमी पार्टी ने कहा है कि बीजेपी की जिन राज्यों में सरकारें हैं वहां के स्कूलों की हालत पहले देख लें. पूरे देश में दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था सबसे अच्छी है, ये स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों और उनके अभिभावकों से जाकर पूछ सकते हैं. रही बात खाली पदों की तो उनको भरने की प्रक्रिया शुरू है. जल्द ही सभी स्कूलों में प्रिंसिपल और टीचर्स होंगे.