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शुभ दीपावली : मां लक्ष्मी की ऐसे करें पूजा-अर्चना…तो पूरी होगी हर मनोकामना..!!
ऐसी मान्यता है कि भगवान राम असुरों का संहार करके दिवाली के दिन ही अयोध्या लौटे थे, उनका स्वागत करने के लिए अयोध्यावासियों ने दीपोत्सव किया था.
दिवाली पूजा का शुभ-मुहुर्त
पंचांग के अनुसार, आमवस्या इस साल 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 28 मिनट पर शुरू होगी जो मंगलवार शाम को 4 बजकर 19 मिनट तक रहेगी। इसलिए 24 अक्टूबर को दिवाली का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 54 मिनट से रात 8 बजकर 16 मिनट तक है। इस तरह लक्ष्मी पूजन की अवधि लगभग 1 घंटा 21 मिनट हैं.
कैसे करें दिवाली पूजा?
- दिवाली के दिन गणेश लक्ष्मी की पूजा करने के लिए मूर्तिओं को उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करें.
- सभी लोग पूजा करते समय उत्तर की ओर मुंह करके बैठें.
- मुख्य पूजा का दीया देसी घी से भरें और कुल दियों की संख्या 11, 21, या 51 रखें।
- दिवाली की रात में अपने घर के दक्षिण-पूर्व कोने में एक सरसों के तेल का दीपक जलाकर रखें।
- पूजा की शुरुआत देवों में सर्वप्रथम पूज्य भगवान गणेश की पूजा से करें.
- पूजा के लिए लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं और इस पर साबुत अक्षत की एक परत बिछा दें।
- अब श्री लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा को विराजमान करें और पूजन सामग्री लेकर उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
- जल कलश व अन्य पूजन सामग्री जैसे- खील पताशा,सिन्दूर,गंगाजल,अक्षत-रोली,मोली,फल-मिठाई,पान-सुपारी,इलाइची आदि उत्तर और उत्तर-पूर्व में ही रखा जाना शुभ फलों में वृद्धि करेगा।
- गणेश- लक्ष्मी जी के पूजन में दूर्वा, गेंदा और गुलाब के फूलों का प्रयोग करें
- दीप जलाते हुए ॐ दीपोज्योतिः परब्रह्म दीपोज्योतिः जनार्दनः ! दीपो हरतु में पापं पूजा दीपं नमोस्तुते ! मंत्र बोल लें।प्रसन्न चित्त से भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करें।
- देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश के लिए भोग में खीर, बूंदी के लड्डू,सूखे मेवे या फिर मावे से बनी हुई मिठाई रखें एवं आरती करें।
- पूजन के बाद मुख्य दीपक को रात्रि भर जलने दें।
- लक्ष्मी जी के मंत्र ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः का जप करें।
- पूजन कक्ष के द्वार पर सिन्दूर या रोली से दोनों तरफ स्वास्तिक बनाएं. इससे घर में नकारात्मक उर्जा नहीं आती.
- दीपावली पूजन में श्रीयंत्र की पूजा करें इससे सुख-समृद्धि आती है.
- इस दिन माता महासरस्वती का मंत्र “या देवि ! सर्व भूतेषु विद्या रूपेण संस्थिता ! नमस्तस्यै ! नमस्तस्यै ! नमस्तस्यै नमोनमः !! का पाठ करें इससे आपको विद्य़ा की प्राप्ति होती है.
- दिवाली की पूजा से हमारे अन्दर का अन्धकार मिटता है और ज्ञान का प्रकाश फैलता है.