प्रदेश
Election Result: त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड में बनेगी बीजेपी गठबंधन की सरकार…जानिए बीजेपी को क्यों मिली जीत, कांग्रेस की क्यों हुई हार ?
नॉर्थ-ईस्ट के तीन राज्य त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय में हुए इलेक्शन के रिजल्ट आ चुके हैं. त्रिपुरा और नगालैंड में बीजेपी गठबंधन को पूर्ण बहुमत वाली जीत मिली है वहीं मेघालय में साल 2018 की तरह एनपीपी के साथ मिलकर बीजेपी सरकार बनाने जा रही है वहीं कांग्रेस की स्थिति और खराब हुई है। आइए जानते हैं कि बीजेपी की जीत और कांग्रेस की हार के क्या कारण रहे?
एजेंसियां
साल 2016 तक नॉर्थ ईस्ट के 8 राज्यों में कांग्रेस और लेफ्ट की सरकारें होती हैं और अब यानि साल 2023 में बीेजेपी 8 में से 6 राज्यों पर अपनी सरकार बना ली है।
त्रिपुरा में शानदार रहा बीजेपी का प्रदर्शन
त्रिपुरा में बीजेपी ने IPFT के साथ मिलकर चुनाव लड़ा वहीं कांग्रेस और लेफ्ट ने मिलकर चुनाव लड़ा. बीजेपी के 60 में से 54 सीटों पर जबकि IPFT के 6 प्रत्याशी चुनाव लड़े जबकि लेफ्ट के 43 प्रत्याशी मैदान में थे वहीं कांग्रेस के केवल 13 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा.
बीजेपी को 32 सीटों पर जीत मिली वहीं IPFT ने एक सीट पर जीत हासिल की है जबकि कांग्रेस को 3 सीटों पर और लेफ्ट को 11 सीटें मिली. इसका मतलब हुआ कि कांग्रेस और लेफ्ट के गठबंधन को कोई फायदा नहीं मिला। पहली बार चुनाव लड़ रही टिपरा मोथा ने शानदारी जीत हासित की .
नागालैंड के रिजल्ट का एनालिसिस
नगालैंड में कुल 60 विधानसभा सीटें हैं जिसमें 59 सीटों पर चुनाव हुए क्योंकि आकुलुटो सीट से बीजेपी प्रत्याशी काजहेटो किन्मी निर्विरोध चुनाव जीत चुके हैं।
बीजेपी और एनडीपीपी यानि नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के बीच गठबंधन हुआ था जिसमें एनडीपीपी ने 40 और बीजेपी के 20 सीटों पर चुनाव लड़ा जबकि कांग्रेस ने 23 और एनपीएफ ने 22 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। 19 निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई.
चुनाव का रिजल्ट आ गया है और बीजेपी के 20 में से 13 उम्मीदवार चुनाव जीते वहीं एनडीपीपी के 40 में से 25 प्रत्याशी विजयी हुए। कांग्रेस का यहां पर खाता भी नहीं खुला जबकि एनपीपी के 5 उम्मीदवार चुनाव जीते
वहीं एनसीपी के 7, निर्दलीय 4 और 2 सीटों पर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के उम्मीदवार चुनाव जीते.
मेघालय में हुआ रोमांचक मुकाबला
मेघालय की 60 में से 59 सीटों पर चुनाव हुए क्योंकि एक सीट पर एक प्रत्याशी के निधन के बाद चुनाव आयोग ने इलेक्शन रद्द कर दिया था.
यहां के रिजल्ट ने सबको चौंका दिया क्योंकि यहां की जनता ने किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं दिया. सबसे बड़ी पार्टी एनपीपी के 25 उम्मीदवारों को जीत मिली वहीं दूसरे नंबर पर रही यूडीपी के 11 उम्मीदवार चुनाव जीते
बीजेपी के 3, टीएमसी के 5, कांग्रेस के 5, एचएसपीडीपी, पीडीएफ के 2-2 प्रत्याशियों को जीत मिली जबकि 2 निर्दलीय विधायक चुनाव जीते जबकि वाइस ऑफ द पीपल पार्टी के 4 उम्मीदवारों को जीत मिली।
क्या रहे बीजेपी के जीत और कांग्रेस की हार के कारण?
मोदी सरकार नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों के लिए कई विकास योजनाएं लाई इसके अलावा एयर, रेल और रोड कनेक्टिविटी से भी इन राज्यों को जोड़ा गया।
वहीं केंद्र सरकार ने इन राज्यों की पुरानी लड़ाइयों को खत्म करने का प्रयास भी किया। मेघालय और असम सीमा विवाद, नगालैंड-असम सीमा विवाद को खत्म करने की कोशिश की जा रही है.
इसके अलावा त्रिपुरा, असम और मेघालय में राजनीतिक हिंसा और घुसपैठ की समस्या को भी लगभग खत्म कर दिया जबकि नगालैंड में नागा संघर्ष को भी काफी हद तक कम किया है. हलांकि अभी भी इन समस्याओं का पूरी तरह से समाधान नहीं निकला है फिर भी उम्मीद है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार अपने स्तर पर इन सभी समस्याओं का कोई ठोस समाधान करेगी।
कांग्रेस ने नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में अपनी स्थिति काफी कमजोर कर ली है उसका कोई भी स्थानीय या राष्ट्रीय नेता वहां की जनता से जमीनी स्तर पर नहीं जुड़ पाया. कांग्रेस की कमजोर होती स्थिति उसकी हार का कारण बनी.