जानकार बनें, जागरूक रहें: आपके फोटो-वीडियो का ‘मिसयूज’ होने पर कहां करें शिकायत? जानिए क्या है पूरा प्रोसेस..?
रश्मि शंकर
हाल ही में एक एमएमएस (MMS) सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा था. लोगों का दावा है कि उस एमएमएस में जो लड़की है, वह फेमस इंस्टा इन्फ्लुयंसर अंजलि अरोड़ा है।
वीडियो के वायरल होने पर अंजलि अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि वीडियो में वो नहीं हैं वीडियो में उसका चेहरा लगाकर बदनाम किया जा रहा है. अंजलि ने ये भी कहा कि यह वीडियो पूरी तरह से फेक है, जिसका इस्तेमाल सिर्फ उन्हें बदनाम करने के लिए किया जा रहा है। ऐसे कई मामले आजकल सामने आ रहे हैं।
कानून का लें सहारा
ऐसे अपराधों से निपटने के लिए सरकार ने कुछ नियम कानून बनाये हैं ताकि इस तरह के अपराधों से बचा जा सके ।
1. आईटी एक्ट ,2000
धारा 66 किसी व्यक्ति की निजी फोटो उसकी सहमति के बिना खींचना , किसी और को भेजना, प्रकाशित करना आईटी एक्ट की धारा 66 ए के तहत एक अपराध है जिसमें दंडात्मक कार्यवाही करते हुए 3 वर्ष का कारावास और 1 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है ।
अश्लील सामग्री का इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रकाशन या सोशल मीडिया पर वायरल करने पर सख्त कार्रवाई होती है. इसमें यदि कोई व्यक्ति किसी महिला की अश्लील सामग्री Social Media ,E -Mail , MMS , Facebook , Whats App अदि के माध्यम से भेजता है तो उस पर धारा 67 के तहत कार्रवाई होती है। इसमें 5 वर्ष का कारावास तथा 10 लाख तक का जुर्माना भी हो सकता है ।
2. स्त्री अशिष्ट रूपण प्रतिषेध अधिनियम 1986
जब किसी लड़की या महिला की फोटो को एडिट कर उसको अश्लील बनाया जाए और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जाए तो ऐसे अपराधों के खिलाफ स्त्री अशिष्ट रूपण प्रतिषेध अधिनियम ,1986 की धारा 6 के अधीन सख्त कार्रवाई की जाती है|
किन-किन मामलों में कर सकते है कम्प्लेन?
1. सोशल मीडिया साइट पर आपत्तिजनक फोटो और वीडियो वायरल होने पर।
2. सोशल साइट पर फेक आईडी बनाकर वीडियो वायरल करने पर।
3. व्यक्तिगत आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने की दशा में।
4. एफबी और यू ट्यूब पर चलने वाले आपत्तिजनक वीडियो पर।
5. व्यक्तिगत विवादित बयान और बातचीत करने पर।
कैसे होगा एक्शन और क्या है प्रोसेस ?
1. ऑनलाइन कम्प्लेन दर्ज कराने के बाद पीड़ित साइबर सेल से संपर्क कर वीडियो का लिंक या यूआरएल उपलब्ध कराने के साथ शिकायत से संबंधित कंटेंट टीम को उपलब्ध करा सकती है।
3. साइबर सेल टीम उस वीडियो का परीक्षण करने के बाद उसकी जांच करती है कि वीडियो कहां से जारी हुआ या जनरेट होने वाले नंबर के खिलाफ लीगल एक्शन लेती है।
4. फेसबुक, इंस्टाग्राम और यू ट्यूब के सर्वर को मेल के जरिए संबंधित वीडियो को ब्लाक करने की जानकारी देती है।
5. सोशल मीडिया साइट से वीडियो ब्लाक करने की कंफर्मेंशन मेल आने के बाद उसे ब्लॉक कर दिया जाता है।
कैसे करें कम्प्लेन ?
1. आपत्तिजनक वीडियो का स्क्रीन शॉट लेकर साइबर सेल में सीधे शिकायत कर सकते हैं या वीडियो का लिंक, यूआरएल साइबर सेल को देना होगा।
2. अगर आईटी एक्ट में केस पहले से रजिस्टर्ड हो, तो उसकी एफआईआर कॉपी के माध्यम से भी शिकायत कर सकते हैं।
3. पुलिस की वेबसाइट पर भी सीधे कम्प्लेन कर सकते हैं, उसके बाद साइबर सेल से मिलकर केस की पूरी जानकारी देनी होगी ।
4. पास के पुलिस स्टेशन पर FIR दर्ज करा सकते हैं. इसके अलावा पुलिस के सीनियर अधिकारियों को ई-मेल कर सकते हैं. महिला हेल्पलाइन नंबर पर भी शिकायत दर्ज करा सकता है।
5. नए आईटी नियमों के मुताबिक फेक सोशल मीडिया अकाउंट को 24 घंटे के अंदर बंद करना होगा.