Friendship Forever: फ्रैंड्शिप डे पर जानिए- कैसा हो आपका याराना कि याद करे सारा ज़माना..?
Friendship Day Special: सोशल मीडिया के इस युग में आपके फ्रेंड्स लिस्ट में सैकड़ों लोग फ्रेंड होंगे और रियल लाइफ में भी आपके दोस्त होंगे लेकिन क्या वे सब आपके रियल फ्रेंड्स हैं या सिर्फ दिखावे के दोस्त हैं, ज़रूरत पड़ने वे साथ नहीं देते, आपके जज़्बात की कद्र नहीं करते और जो करते हैं वे रियल फ्रेंड्स रेयर ही होते हैं.
Friendship Day Special: ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे, तेरे जैसा यार कहां, दोस्ती इम्तिहान लेती है, ऐसे न जाने कितने फिल्मी गाने हैं जो दोस्ती पर आधारित है, दोस्ती पर बहुत सी हिट फिल्में भी बनी हैं.
दोस्ती का अर्थ-
दोस्ती शब्द पर आधारित नहीं होती है यह प्यार के विचार पर आधारित होती है व्यक्ति दोस्ती करते समय रंग रूप उम्र धर्म और जाति का समय ध्यान नहीं करता है। दोस्ती हम एक हसीन यादों का खजाना देते हैं। दोस्त जीवन जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं दोपहर के भोजन के डिब्बे के साथ स्कूल में टिफन ब्रेक से लेकर और आधी रात की बातचीत को शेयर करने तक साथ होना जरूरी है। दोस्ती हमारी जिंदगी में साए की तरह रहती है। इसलिए हमारी जिंदगी में फ्रेंडशिप डे हर दिन होता है सिर्फ 1 दिन नहीं ।
अगस्त के पहले रविवार को क्यों मनाते हैं फ्रेंडशिप डे?
फ्रेंडशिप डे को मनाने को लेकर इतिहास में इतनी अलग-अलग कहानियां हैं। ऐसा माना जाता है कि अमेरिका में 1935 में अगस्त के पहले रविवार के दिन एक शख्स की हत्या कर दी गई थी जिस व्यक्ति की हत्या की गई उसका एक खास दोस्त था। जब उसे इस घटना की जानकारी मिली तो वे काफी दुखी होकर सदमे में चला गया और उसने आत्महत्या कर ली। दो दोस्तों के बीच ऐसा लगाव देखकर अमेरिकी सरकार ने अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे मनाने का फैसला किया और धीरे-धीरे यह दिन प्रचलन में आ गया। इसके बाद भारत सहित अन्य देश के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे के तौर पर मनाया जाने लगा।
फ्रेंडशिप डे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान तब मिली जब यूनाइटेड नेशन में इससे दुनिया भर में मनाने वालों ने प्रस्ताव दिया। वहीं 27 अप्रैल 2011 को यूनाइटेड नेशन में हर साल 30 जुलाई को इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे मनाने का ऐलान किया था।
कैसा हो याराना, कि याद करे ज़माना?
क्या हम बिना दोस्तों के अपने जीवन की कल्पना कर सकते हैं? शायद नहीं क्योंकि यही एक रिश्ता है जो हम अपनी मर्जी से बनाते हैं बाकि रिश्ते हमें बने बनाए मिलते हैं जैसे पैरेंट्स, भाई-बहन, पति-पत्नी, रिश्ते नातेदार ये सब हमें ईश्रर की तरफ से मिलते हैं. इन्हें हम अपनी मर्जी से नहीं बना सकते लेकिन दोस्ती हम जिससे चाहें कर सकते हैं. सच्ची दोस्ती से ज्यादा कीमती इस दुनिया में कुछ भी नहीं है क्योंकि एक दोस्ती आपके साथ जीवन भर रहता है।
आपकी हर मुश्किल परेशानियों में आपके साथ खड़ा रहता है। आप अपने दोस्त से ही अपनी खुशियां गम और तमाम मुश्किलों का हल जान पाते हैं। आपका याराना ऐसा होना चाहिए जैसे सुदामा-कृष्ण का और कर्ण-दुर्योधन का था. जीवन में एक दोस्त कर्ण की तरह होना चाहिए जो ये जानते हुए भी दुर्योधन गलत कर रहा है फिर भी मरते दम तक उसका साथ दिया.
जीवन में दोस्तों की क्ववांटिटी नहीं, क्वालिटी मैटर करती है. दोस्त सुख में साथ दे या न दे, लेकिन दुख में साथ ज़रूर दे. ऐसा याराना दोनों तरफ से होता है, जब आप और आपका दोस्त दोनों ही एक दूसरे के प्रति समर्पित रहते हैं तब वो दोस्ती कामयाब होती है. ऐसे रियल फ्रेंड्स रेयर ही होते हैं.