ज्ञानवापी केस में मुस्लिम पक्ष की अपील खारिज, 22 सितंबर को होगी अगली सुनवाई
वाराणसी. ज्ञानवापी केस में जिला कोर्ट ने अहम फैसला दिया है. कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की अपील को खारिज करते हुए कहा कि ये केस 1991 के वर्शिप एक्ट के तहत नहीं आता। इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी. क्या है ये पूरा मामला आइए जानते हैं.
ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी विवाद में आगे सुनवाई जारी रहेगी। वाराणसी जिला कोर्ट ने कहा कि यह केस सुनने लायक है।
कोर्ट के फैसले के दौरान हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन कोर्ट में मौजूद थे। जज ने कुल 62 लोगों को कोर्ट रूम में मौजूद रहने की इजाजत दी थी।
इस मामले में 24 अगस्त को हिंदू और मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी हो गई थी। इसके बाद वाराणसी के जिला जज ने 12 सितंबर यानी आज तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुरक्षा के सख्त इंतजाम
वाराणसी पुलिस ने बताया कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गये हैं. संवेदनशील इलाकों में धारा 144 लागू है।
शहर में हिंदू-मुस्लिमों की मिली-जुली आबादी वाले इलाके में पुलिस फोर्स तैनात है। पुलिस ने कुछ इलाकों में बीती रात से ही गश्त बढ़ा दी थी, ताकि आदेश के बाद कानून-व्यवस्था के हालात न बिगड़ें।’
फैसले के मद्देनजर पूरे शहर को हाई अलर्ट पर रखा गया था। सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग की जा रही थी। जिला अदालत परिसर में खास चौकसी बरतते हुए बम निरोधक दस्ता और डॉग स्क्वॉड भी तैनात किया गया था।
क्या है मामला?
- ये मामला पूजा पाठ से जुड़ा हुआ है. दरअसल 18 अगस्त 2021 को 5 महिलाएं ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मां श्रृंगार गौरी, गणेश जी, हनुमान जी समेत परिसर में मौजूद अन्य देवताओं की रोजा पूजा करना चाहती हैं.
- ये महिलाएं हैं राखी सिंह, सीता साहू, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक
- रोज पूजा की इजाजत मांगने के लिए इन महिलाओं ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया क्योंकि अभी इनको साल में सिर्फ एक बार ही पूजा करने की इजाजत है.
- इसके बाद 26 अप्रैल 2022 को वाराणसी सिविल कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी के सत्यापन के लिए वीडियोग्राफी और सर्वे का आदेश दिया था जिस पर मुस्लिम पक्ष ने विरोध व्यक्त किया था.