Happy Birthday Delhi- 92 साल की नई दिल्ली में कुछ तो है बात…जानिए कितना ख़ास है राजधानी बनने का इतिहास
दिल्ली देश का दिल है, दिल्ली में मिनी इंडिया बसता है क्योंकि देश के हर हिस्से से कोई न कोई यहां रहता है. 13 फरवरी 1931 को नई दिल्ली का उद्घाटन हुआ था. इतिहास के आईने में देखें तो दिल्ली कई बार उजड़ी और बसी लेकिन ये देश की राजधानी कैसे बनी, आइए जानते हैं
अनुज सिंह
भारत की राजधानी दिल्ली का आज बर्थडे है | आज हमारी नई दिल्ली 92 साल की हो गई. नई दिल्ली का 13 फरवरी 1931 को आधिकारिक तौर पर उद्घाटन हुआ था |
नई दिल्ली कैसे पड़ा नाम ?
डी जॉन आसन रिचा वाटसन ने अपनी किताब न्यू दिल्ली द लास्ट इंटरनल सिटी में लिखा है कि भारत की राजधानी का नया नाम नई दिल्ली रखने का प्रस्ताव को हरी झंडी सम्राट जॉर्ज पंचम ने 21 दिसंबर 1926 को दे दिया था | इसके नाम का फैसला उद्घाटन से पहले ही हो चुका था |
नई दिल्ली के नाम पर मोहर लगने से पहले दिल्ली के नाम पर बहुत विचार हुए दिल्ली का नाम इंपीरियल दिल्ली रायसीना, और दिल्ली साउथ कैसे नाम पर विचार हुआ लेकिन सभी की राय यही थी नए नाम में दिल्ली रहे |
सभी की विचार सुनने के बाद और फैसला लेने के बाद अधिसूचना जारी हुई | तब तक राष्ट्रपति भवन (वायसराय आवास ) काउंसलिंग हाउस( संसद भवन) साउथ और नॉर्थ ब्लॉक और नई दिल्ली की सड़कें लगभग बंद कर तैयार थी |
कनॉट प्लेस 1933 में बना वहीं अब नई पार्लियामेंट बिल्डिंग बन रही है. इसके बाद पुराने संसद भवन, नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को संग्रहालय में बदलने का प्रस्ताव है |
नई दिल्ली कैसे बनी देश की राजधानी ?
12 दिसंबर 1911 को देश की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली किए जाने का एलान किया गया. उसके बाद बाद 13 फरवरी 1931 को नई दिल्ली का उद्घाटन हुआ | उद्घाटन में लगभग 20 साल का समय लग गया | नई दिल्ली को खड़ा करने में लगभग हजारों मजदूर और कारीगरों का खून पसीना लगा था |
उन सभी कारीगरों के वंशज आज भी काफी बड़ी तादाद दिल्ली के करोल बाग में रहते हैं | उद्घाटन के मौके पर एक औपचारिक कार्यक्रम रायसीना हिल्स पर आयोजित किया गया उसमें वायसराय लॉर्ड इरविन और उनकी पत्नी मौजूद रहे | कनाडा ऑस्ट्रेलिया दक्षिण अफ्रीका जैसे कॉमनवेल्थ देशों के नुमाइंदे मौजूद थे |
नई दिल्ली के उद्घाटन कार्यक्रम 9 फरवरी 1931 से ही शुरू हो गए थे और इस दौरान पूरे देश भर में 6 डाक टिकट भी जारी किए गए थे | लॉर्ड इरविन ने भारत की नई राजधानी नई दिल्ली का उद्घाटन किया था| इसके अलावा भी लॉर्ड इरविन ने कई सारे उद्घाटन किए जैसे संसद भवन जो 28 जनवरी 1972 में बनकर तैयार हुआ उन्होंने ही गोल डाक खाने पर सैक्रेड हार्ट कैथ्रेडल चर्च की आधारशिला रखी थी |
लॉर्ड डार्विन की पत्नी लेडी डोरोथी इरविंन ने ही अपने प्रयासों से दिल्ली को एक महिला कॉलेज दिलाया था | इन्हीं के प्रयासों से स्कूल 1927 से लड़कियों को शिक्षा दे रहे हैं | महात्मा गांधी पर लॉर्ड डरविंन से भगत सिंह और उनके दो साथियों की फांसी की सजा को माफ करवाने के लिए मिलते थे | महात्मा गांधी 19 मार्च 1931 को भी लॉर्ड इरविन से मिले थे |
इतने लोगों के प्रयासों से अब कई सारे विचार के बाद नई दिल्ली का उद्घाटन हुआ और भारत को अपनी राजधानी मिली |