हार्टअटैक-अपने दिल की सेहत के लिए किन टेस्ट का रखें ध्यान…इमरजेंसी सिचुएशन में ये मेडसिन बचाएगी जान
हार्टअटैक के मामले कोविड के बाद से लगातार बढ़ते जा रहे हैं. आमतौर पर बुढ़ापे की बीमारी माने जाने वाली हार्टअटैक से अब जवान लोगों की जान हंसते खेलते, डांस करते या जिम करते जा रही है. हाल ही इसके कई वीडियो वायरल हुए थे, ऐसे में हार्टअटैक से कैसे बचें, आइए जानते हैं
आदर्श पांडे
हार्टअटैक के लक्षणों की बात करें तो हर उम्र के लोगों में अलग अलग लक्षण देखने को मिलता है । जैसे- महिलाओं में मिचली का अनुभव होता है जबकि पुरुषों में ये लक्षण नहीं देखा जाता । कुछ मामलों में महिलाओं को हार्ट अटैक आने से पहले जबड़ा, गर्दन, पीठ, हाथ या कंधे में दर्द भी महसूस होता है। कुछ लक्षण सबके लिए एक जैसा ही होते हैं जैसे –
- बहुत ज्यादा कमजोरी या थकान
- सीने में भारीपन या दर्द सा महसूस होना
- नींद में दिक्कत
- दिल की धड़कन तेज होना
- हाथ में कमजोरी/ या भारीपन महसुस होना
- सोच या याददाश्त में बदलाव
- दृष्टि परिवर्तन
- खट्टी डकार या गैस का बहुत बनना
- बेचैनी और सांस लेने परेशानी
- मिचली सी महसूस होना (ज्यादातर महिलाओं में देखने को मिलता है, कभी कभी पुरुषों में भी देखने को मिल सकता है ).
इमरजेंसी की हालत में इन दवाओं का करें इस्तेमाल
जब भी हार्ट अटैक आए तो आपको सबसे पहले हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करना चाहिए, उसके बाद तुरंत मरीज को लेटा देना चाहिए । घर में जरूर कुछ दवाइयां जैसे Disprin ,Aspirin या Ecosprin रखनी चाहिए । ये दर्द में आराम देने के काम में आते हैं ।
Sorbitrate की 5 mg की टेबलेट मिल जाए तो उसे तुरंत जीभ के नीचे रख दें इसे दर्द की तीव्रता कम होगी और नसों में खून का दौरा बढ़ जाएगा ।
दवाइयां देने वक्त एक चीज ध्यान में रखें की इन सारी दवाओं का काम लगभग एक ही है दर्द कम करना तो कोई एक दवा ही मरीज को दें । ये दवाएं आपको डॉक्टर तक पहुंचने का वक्त प्रदान करती हैं ।
इन टेस्ट को जरुर कराएं
अगर आपको रहे रहे सीने में दर्द होने लगती है तो आपको भी इन टेस्ट को जरूर करवाना चाहिए । हार्ट अटैक के लिए डॉक्टर सामान्य रूप से 6 प्रकार के टेस्ट को करने के लिए बोलते हैं ।
- BLOOD TEST
- ECO TEST
- CARDIAC CT SCAN
- CHEST X-RAY
- ECG
- HOLTER MONITORING
ब्लड टेस्ट कराने से सामान्यतः अंदर का हाल पता चल पाता है, ब्लड टेस्ट से शरीर में सोडियम, कोलेस्ट्रॉल, विटामिन और मिनरल्स आदि की अधिकता या कमी को आसानी से जाना जा सकता है. कोलेस्ट्राल, विटामिन डी, बी के साथ ही शुगर की जांच जरूर करानी चाहिए !
इको टेस्ट को इकोकार्डियोग्राम भी कहा जाता है. इको एक तरह का अल्ट्रासाउंड होता है जिससे धड़कने और हार्ट के पंप करने को मापा जाता है । इको टेस्ट से साउंड के माध्यम से अंदरूनी तस्वीरों के देखा जाता है।
हार्ट और चेस्ट के चारो तरफ के इस्थितियों को जानने के लिए हम आमतौर पर कार्डियक सीटी स्कैन का मदद लेते हैं । X-Ray ट्यूब हार्ट के अगल बगल के तस्वीरों को लेती है जिसके बाद डॉक्टर ये देखकेे पता कर पाते हैं की क्या दिक्कत हो रहा है ।
सांस लेने से संबंधित कोई दिक्कत होने पर चेस्ट एक्स-रे करवाना चाहिए । सांस के संबंधित कोई भी परेशानियों को एक झटके में पकड़ लेता है ये टेस्ट ।
ECG का फुल फॉर्म होता है -Electrocardiogram, ईसीजी के जरिए हृदय के इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल को रिकॉर्ड किया जा सकता है, इसमें पता चलता है कि हृदय सही से कार्य कर रहा है या नहीं !
जब ECG हमारे अंदर के परेशानियों को पकड़ नही पाता है तो हम एक खास किस्म का टेस्ट करवटें हैं जिसे HOLTER MONITOR कहते हैं । इस टेस्ट को पोर्टेबल ईसीजी डिवाइस की मदद से किया जाता है. इस टेस्ट में व्यक्ति को 24 से 72 घंटे तक इस डिवाइस को पहनकर रखना होता है ।
- DISCLAMER- इस लेख का मकसद सिर्फ आपको जानकारी प्रदान करना है। कृपया लेख में बताई गई बातों को मानने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें ।