Love you Life: दिखावे की दुनिया से कैसे रहें दूर… ज़िंदगी को कैसे जियें भरपूर..?
अरुणेश कुमार
जैसे जैसे आपकी उम्र बढ़ेगी, आपके आचार, विचार और व्यवहार में गंभीरता आएगी. तब कभी आप सोचेंगे कि अगर मैं 300 रुपए की घड़ी पहनूं या 30000 की, दोनों समय एक जैसा ही बताएंगी।
मैं 300 गज के मकान में रहूं या 3000 गज के मकान में, तन्हाई का एहसास एक जैसा ही होगा। सोने के लिए एक बेड ही पर्याप्त होगा.
फिर आपको ये भी लगेगा कि यदि मैं बिजनेस क्लास में यात्रा करूं या इक्नामी क्लास में, अपनी मंजिल पर उसी नियत समय पर ही पहुँचूँगा। या फिर रेलवे केे स्लीपर क्लास में यात्रा करो या एसी में, ट्रेन एक ही समय में दोनों को पहुंचाएगी.
इसलिए अपनी आवश्यक आवश्यकताओं पर ध्यान देना चाहिए न कि व्यर्थ के दिखावे पर फोकस करना चाहिए.
हमें अपने बच्चों को बहुत ज्यादा अमीर बनाने के लिए प्रोत्साहित करने के बजाए बहुत ज्यादा खुश कैसे रहना चाहिए ये सिखाना चाहिए. हमें भौतिक वस्तुओं के महत्व को देखना चाहिए उसकी कीमत को नहीं।
दुनिया का सबसे बड़ा झूठ है ‘ब्रांड’..!!
फ्रांस के वाणिज्य मंत्री ने एक बार कहा था “ब्रांडेड चीजें व्यापारिक दुनिया का सबसे बड़ा झूठ होती हैं, जिनका असल उद्देश्य तो अमीरों की जेब से पैसा निकालना होता है, लेकिन गरीब और मध्यम वर्ग लोग इससे बहुत ज्यादा प्रभावित होते हैं।”
क्या यह आवश्यक है कि जब कोई Iphone लेकर चलेगा तभी वह बुद्धिमान और समझदार माना जाएगा?
क्या यह जरुरी है कि कोई रोजाना किसी बड़े होटल या रेस्टोरेंट में खाएगा तभी दूसरों को लगेगा कि वह कंजूस नहीं ह?
क्या यह आवश्यक है कि कोई Gucci, Lacoste, Adidas, Levis या Nike जैसे ब्रांड का प्रयोग करे तभी वो ज्यादा खुश रहेगा?
क्या यह जरुरी है कि हिंदी के बजाय हम अंग्रेजी बोलें तभी ज्यादा मॉर्डन और इंटेलीजेंट कहलाएंगे?
तो इसका जवाब है
आवश्यक नहीं है ये सब
कपड़े तो आम दुकानों से खरीदे हुए पहने जा सकते हैं, भूख लगने पर किसी साधारण ढाबे में भी खाया जा सकता है.
हिंदी बोलने में शर्म नहीं लगती. ऐसा नहीं है कि अंग्रेजी आती नहीं, ऐसा नहीं है ब्रांडेड कपड़े नहीं खरीद सकता हूं, ऐसा नहीं है कि महंगे रेस्टोरेंट में नहीं खा सकता हूं लेकिन ये सब दिखावे के काम क्यों किया जाए.
दिखावे की दुनिया में इंसान हमेशा दुखी रहता है, जीवन का उद्देश्य खुश रहना है.
देश दुनिया में ऐसे भी लोग हैं जो कि एक Branded जूतों की जोड़ी की कीमत में पूरे सप्ताह भर का राशन ले सकते हैं।
पैसे का रहस्य
दरअसल पैसे का कोई रहस्य नहीं है, पैसा किसी का सगा नहीं है. पैसा जीवन जीने भर का साधन मात्र है, ये साध्य नहीं है.
बहुत सारा पैसा, बहुत सारा दिखावा लाता है लेकिन इससे बहुत सारी खुशी नहीं आ सकती है.
इंसान की खुशी उसके व्यवहार में झलकती है. उसकी नैतिकता, व्यवहार, मेलजोल का तरीका, सहानुभूति और भाईचारा से पता चलता है कि वो खुश है या परेशान.
दिखावा और तुलना अक्सर इंसान को परेशान करता है, डिप्रेशन में डालता है।
ज्ञान की बात
सूर्यास्त के समय एक बार सूर्य ने सबसे पूछा, मेरी अनुपस्थिति में मेरी जगह कौन कार्य करेगा? समस्त विश्व में सन्नाटा छा गया। किसी के पास कोई उत्तर नहीं था। तभी कोने से एक आवाज आई।
दिये ने कहा – “मै हूं ना” मैं अपना पूरा प्रयास करुंगा।
आपकी सोच में ताकत और चमक होनी चाहिए। छोटा-बड़ा होने से फर्क नहीं पड़ता, सोच बड़ी होनी चाहिए। मन के भीतर एक दीप जलाएं और सदा मुस्कुराते रहें.
इसलिए स्वयं प्रसन्न रहिए और दूसरों को प्रसन्न रखिए.
दिखावे से रहेंगे दूर तो जीवन जी पाएंगे भरपूर..!!
(लेख में व्यक्त विचार लेखक ने निजी विचार हैं)