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Basant Panchami 2023: बसंत पंचमी के दिन आज ऐसे करें मां सरस्वती की आराधना…ताकि पूरी हो जाए आपकी हर मनोकामना

नंदिनी शुक्ला

बसंत पंचमी के पर्व को देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग प्रकार से इस पर्व को मनाया जाता है। बसंत पंचमी के दिन विशेष रूप से वाणी, कला और विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा का विधान है।

बसंत पंचमी को हुआ था विद्या की देवी का जन्म

ऐसी मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन मां शारदा का जन्म हुआ था. इसके पीछे की एक पौराणिक कथा है जिसके अनुसार जब ब्रह्माजी सृष्टि की रचना कर रहे थे तब संसार में वाणी नहीं थी.

उन्होंने अपने कमंडल से पृथ्वी पर जल छिड़का, जिससे छह भुजाओं वाली शक्ति रूप स्त्री प्रकट हुईं, जिन के हाथों में पुस्तक, पुष्प, कमंडल, वीणा और माला थी. जैसे ही इस देवी ने वीणा वादन किया, चारों ओर वेद मंत्र गूंज उठे. इस देवी को मां सरस्वती का नाम दिया गया.

जिस दिन देवी सस्वती का जन्म हुआ उस दिन माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि थी, तभी से बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की परंपरा शुरू हो गई.

कैसे करें ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा?

बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने के लिए स्नान ध्यान करें, पीले रंग के वस्त्र पहनें.  इसके बाद इस मंत्र से मां सरस्वती की पूजा करें

या कुंदेंदु-तुषार-हार-धवला, या शुभ्रा – वस्त्रावृता,
या वीणा – वार – दण्ड – मंडित – करा, या श्वेत – पद्मासना।
या ब्रह्माच्युत – शङ्कर – प्रभृतिभिर्देवै: सदा वन्दित,
सा मां पातु सरस्वती भगवती नि: शेष – जाड्यापहा।।

मां को पीले चावल का भोग लगाएं इसके अलावा पीली मिठाई का प्रसाद चढ़ा सकते हैं. ऐसी मान्यता है कि आज के दिन विद्या की मां सरस्वती को पीले रंग की चीजों का भोग लगाने से वह जल्द प्रसन्न हो जाती हैं.

बसंत पंचमी के दिन विशेष रूप से वाणी, कला और विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा का विधान है। साथ ही मान्यता यह भी है कि इस विशेष दिन पर शिक्षा या संगीत से संबंधित चीजों की पूजा करने से भी व्यक्ति को लाभ मिलता है और उसे इन क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है। पेड़-पौधों में नए और सुन्दर पुष्प आने शुरू हो जाते हैं।

क्या है बसंत पंचमी का महत्व?

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो इस दिन से ठंड की कमी का अनुभूति होने लगता है। इस दिन से मौसम में बदलाव देखने को मिलता है। हिंदू धर्म में रंगो का काफी महत्व है। इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण किए जाते हैं.  पीले रंग को डिप्रेशन दूर करने में सबसे कारगर माना जाता है।

आत्मिक रंग अर्थात आत्मा या अध्यात्म से जोड़ने वाला रंग बताया है। फेंगशुई के सिद्धांत ऊर्जा पर आधारित हैं। पीला रंग सूर्य के प्रकाश का है यानी यह ऊष्मा शक्ति का प्रतीक है। पीले रंग से हमें निरंतरता, संतुलन और एकाग्रता प्रदान करता है. पेड़-पौधों में नए और सुन्दर पुष्प आने शुरू हो जाते हैं।

 

Bureau Report, YT News

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