पीएम मोदी ने 11वीं बार लाल किले से फहराया तिरंगा…जानें यूसीसी, वन नेशन-वन इलेक्शन जैसे मुद्दों पर क्या कहा?
देश 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सबसे पहले राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। इस बार की थीम विकसित भारत है. पीएम मोदी के भाषण में देश को विकसित बनाने का संकल्प दिखा. उन्होंने सिविल कोड, वन नेशन-वन इलेक्शन जैसे मुद्दों पर क्या कहा, आइए जानते हैं
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लगातार 11वीं बार लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। उन्होंने कहा, कि ”देश स्वतंत्रता सेनानियों का ऋणी है, यह उनके बलिदान को याद करने का दिन है”। हमारे 40 करोड़ पूर्वजों ने हमें आज़ादी दिलाई तो हम 140 करोड़ लोग विकसित देश बना सकते हैं.
‘सेक्युलर सिविल कोड समय की ज़रूरत’
लाल किले की प्राचीर से लगभग 103 मिनट के भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि ये देश महापुरुषों का ऋणी है जिनके बलिदान, त्याग और संघर्ष ने हमें आज़ादी दिलाई. उनकी वजह से ही हम खुले में सांस ले पा रहे हैं.
आजादी के बाद देशवासियों को माई-बाप कल्चर से गुजरना पड़ा था। हमने गर्वनेंस के इस मॉडल को बदला। आज सरकार खुद जनता की जरूरतें पूरी कर रही है। देश में 75 सालों से कम्युनल सिविल कोड है। अब देश को सेक्युलर सिविल कोड की जरूरत है। सेक्युलर सिविल कोड पर चर्चा होनी चाहिए. सभी की सहमति से सरकार इस दिशा में आगे बढ़ेगी.
’75 हज़ार नई मेडिकल सीटें’
अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि देश के बाहर हमारे देश के बच्चों को पढ़ाई के लिए नहीं जाना पड़े इसके लिए पढ़ाई का स्तर, सुविधाएं सब बढ़ानी होगी. मेडिकल की पढ़ाई के लिए आने वाले पांच साल में 75 हजार नई मेडिकल सीटें बढ़ाई जाएंगी।
वहीं महिला सुरक्षा के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि कानून ऐसा होना चाहिए कि अपराधियों के मन में सज़ा का खौफ हो. कोलकाता रेप-मर्डर पर उन्होंने कहा- ऐसे राक्षसों को फांसी पर लटकाया जाना चाहिए।
‘वन नेशन-वन इलेक्शन पर बने सहमति’
पीएम मोदी ने बार बार होने वाले चुनावों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे देश की प्रगति पर बाधा पहुंचती है. सभी राजनीतिक दलों को इस मुद्दे पर सहमित बनानी चाहिए. लोगों को इस मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए. हमारी सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रही है.
‘1 लाख नए युवाओं को राजनीति में लाएंगे’
राजनीति में जातिवाद और परिवारवाद को खत्म करने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा कि राजनीति में ऐसे युवाओं को लाया जाना चाहिए जिनकी बैकग्राउंड राजनीति से नहीं है. ऐसे 1 लाख युवाओं को राजनीति में जगह मिलेगी. हर राजनीतिक दल को अपनी पार्टी में नए युवाओं को मौका देना चाहिए